Sunday 25 January 2009

मोबाइल रखिए, सब कुछ जाइए भूल

अगर आपके पास मोबाइल फोन है तो कई चीजें साथ रखने की जरूरत अब नहीं होनी चाहिए। घड़ी, अलार्म घड़ी, फोन डायरी, आर्गनाइजर, कैलकुलेटर जैसी कई चीजें एक ही जगह अब समाहित हो चुकी हैं। ये सुविधाएं हर सस्ते मोबाइल हैंडसेट में भी उपलब्ध है।
घड़ी- जैसे हर मोबाइल में घड़ी होती है तो फिर अलग से कलाई घड़ी बांधने की क्या जरूरत है। साठ फीसदी मोबाइल रखने वाले लोगों ने घड़ी बांधना छोड़ दिया है। समय देखना है तो मोबाइल की स्क्रीन को देख लिजिए। यहां तक की घड़ियों के बाजार में घड़ी की बिक्री पर भी असर पड़ा है। अब कई समझदार लोग घड़ी नहीं खरीदना चाहते उनका मोबाइल स्क्रीन समय और तारीख भी बताता है।
अलार्म घड़ी- अभी तक अगर आपको जगना हो तो अलार्म लगाने के लिए अलग से एक अलार्म घड़ी रखनी पड़ती थी क्योंकि कलाई घड़ी में आमतौर पर अलार्म नहीं होता पर अब मोबाइल फोन में ही आप जब चाहें अलार्म लगा सकते हैं। कई फोन में एक बार के लिए व रिपीट अलार्म लगाने की सुविधा भी मौजूद है।
फोन डायरी - इसी तरह जेब में अलग से फोन डायरी रखने की भी जरूरत नहीं है। आपके मोबाइल में अब आमतौर पर 300 से लेकर 2000 लोगों तक के नाम पते सुरक्षित किए जा सकते हैं। फिर अलग से डायरी रखने की क्या जरूरत है। हां अपने मोबाइल में सेव किए गए नाम पते को सुरक्षा के लिए आप घर में किसी डायरी में भी लिख कर रखें तो बहुत अच्छी बात होगी।
कैलकुलेटर- पहले जहां आपको इलेक्ट्रानिक कालकुलेटर के लिए अलग से एक बड़ा डिब्बा लेकर चलना पड़ता होगा। पर आजकल लगभग हर मोबाइल में कालकुलेटर का विकल्प होता ही है। आप इसमें समान्य कालकुलेटर वाले सारे काम ले सकते हैं। हां साइंटफिक या विशेष कालकुलेटर इसमें नहीं होते। पर गाहे बगाहे जरूरत पड़ने वाले कालकुलेशन इसमें किए जा सकते हैं।
आरगनाइजर- आपको कब कहां जाना यह याद दिलाने के लिए आपका मोबाइल एक सचिव की भूमिका भी निभाता है। मोबाइल फोन ने डिजिटल आरगनाइजर का बाजार भी लगभग खत्म कर दिया है। पहले लोग खास तौर पर फोन बुक के लिए और अपने एपवाइंटमेंट याद रखने के लिए जेब में एक डिजिटल आरगाइजर लेकर चला करते थे पर अब यह सब कुछ मोबाइल में ही संभव है। विपिन बजाज एक एंश्योरेंस एडवाइजर हैं जो अपने सारे एप्वाइंटमेंट और किस दिन कौन सा काम करना यह याद करने के लिए फटाफट उसे मोबाइल में ही फीड कर लेते हैं। उनका फोन उस समय काम की याद दिला देता है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि अगर एक समान्य सा मोबाइल लिया जाए जिसमें कैमरा, एफएम रेडियो आदि न भी हो तो भी वह आपके कई तरह के काम आता है। अब लोग अपने शौक पूरे करने के लिए कैमरा, रेडियो, जीपीआरएस, इन्फ्रारेड अथवा गाने सुनने की सुविधा वाले सेट ढूंढते हैं। पर अगर इतना सब कुछ न हो तो भी दो से तीन हजार रुपए के हैंडसेट में भी कई तरह की सुविधाएं मौजूद है। अब रंगीन हैंडसेट भी तीन हजार से कम में आरंभ होने लगे हैं। आप जब मोबाइल खरीदने की योजना बना रहे हों तो यह देख लें की बातें करने के अलावा आपकी जरूरतें और क्या क्या हैं। इसके बाद ही कोई हैंडसेट खरीदें। हालांकि अब विदेशों में लोगों में ढेर सारी सुविधाओं वाले हैंडसेट का खुमार उतर रहा है। लोग अब साधारण हैंडसेट की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
 माधवी रंजना madhavi.ranjana@gmail.com



No comments: