Saturday 15 November 2008

बिहार में भोजपुरी फिल्म सिटी

कुछ फिल्मी सितारे और बिहार की सरकार इन दिनों बिहार में एक फिल्म सिटी बनाने को लेकर उद्यत हैं। वाकई यह बहुत अच्छी बात होगी अगर बिहार में कोई फिल्म इंडस्ट्री बन जाती है तो। फिल्में देखने का क्रेज बिहार में भी खूब है। खास तौर पर भोजपुरी फिल्में। लेकिन भोजपुरी फिल्में बनती मुंबई में हैं। आजकल भोजपुरी फिल्मों का सालाना टर्न ओवर 200 करोड़ को पार कर गया है। ऐसे में भोजपुरी फिल्मों से हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। 

मजे की बात यह है कि भोजपुरी फिल्मों को आउटडोर लोकशन में शूटिंग बड़े पैमाने पर बिहार और यूपी में होती है। पर पोस्ट प्रोडक्शन का सारा काम मुंबई में जाकर होता है। जाहिर सी बात है कि इसमें हमारे मराठी भाइयों को भी भोजपुरी फिल्मों के कारण रोजगार मिलता है। लेकिन इन सबसे अलग हटकर बिहार में एक भोजपुरी फिल्म सिटी बननी ही चाहिए। क्यों .....क्योंकि तेलगू फिल्में हैदराबाद में बनती हैं। वहां कई स्टेट आफ द आर्ट स्टूडियो हैं। तमिल फिल्में चेन्नई में बनती हैं। बांग्ला फिल्में कोलकाता में बनती हैं। तो भला भोजपुरी फिल्में पटना में क्यों नहीं बननी चाहिए। इससे फिल्म से जुड़े लोगों को अपनी सेवाएं देने में आसानी होगी।

किसी संघर्ष करने वाले गायक संगीतकार या गीतकार को भागकर मुंबई जाना और वहां स्ट्रगल नहीं करना पडेगा। उसको बक्सर से पटना ही तो जाना होगा। निश्चय ही यह अच्छी बात होगी।

फिल्म स्टार मनोज तिवारी ने इस मामले में पहल की है। उनकी पहल पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगे आए हैं। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर एक फिल्मसिटी बनाने की बात हो रही है। बिहार सरकार इसके लिए 200 एकड़ जमीन देने की बात कर रही है। यह बड़ा सुखद संकेत है। अगर पटना राजगीर रोड पर फिल्म सिटी बनती है तो बड़ी अच्छी बात होगी । शूटिंग के आउटडोर लोकेशन के लिए राजगीर बड़ी मुफीद जगह हो सकती है। राजगीर में जानी मेरा नाम जैसी लोकप्रिय फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।

अगर बिहार में पोस्ट प्रोडक्शन का स्टूडियो होगा तो और फिल्म बनाने वालों को मौका मिलेगा। म्यूजिक वीडियो टीवी सीरियल की शूटिंग करने वालों को भी दिल्ली मुंबई का रूख नहीं करना पड़ेगा। मुझे तो लगता है कि भविष्य में बिहार में एक नहीं बल्कि कई स्टूडियो बनने चाहिए, और इतने स्तरीय स्टूडियो की मुंबई वाले भी अपना पोस्ट प्रोडक्सन का काम कराने के लिए बिहार का रूख करें। बिहार में फिल्मों के लिए तकनीकी टैलेंट की कमी नहीं है। बस उन्हें एक मौका देने की जरूरत है। अब मनोज तिवारी और भोजपुरी फिल्मों में अभय सिन्हा जैसे बड़े निर्माता इस क्षेत्र में आगे आ रहे हैं तो आगाज तो हो ही चुका है कुछ शुभ कार्यों के लिए....तो अंजाम भी अच्छा ही होना चाहिए.....
- विद्युत प्रकाश मौर्य

2 comments:

संगीता पुरी said...

अब मनोज तिवारी और भोजपुरी फिल्मों में अभय सिन्हा जैसे बड़े निर्माता इस क्षेत्र में आगे आ रहे हैं तो आगाज तो हो ही चुका है कुछ शुभ कार्यों के लिए....तो अंजाम भी अच्छा ही होना चाहिए.....
हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।

A Priydarshi said...

Achchhi pahal hai.