Saturday 18 December 2010

होम्योपैथी में है डेंगू से बचाव की दवा

डेंगू का खौफ लोगों की नींद हराम कर देता है। डेंगू से घबराएं, नहीं सचेत रहें और योग्य चिकित्सक से उपचार कराएं। होम्योपैथी के जरिये भी बिना किसी साइड इफेक्ट के डेंगू का कारगर इलाज संभव है। किसी भी बुखार से प्लेटलेट्स गिरने को लोग डेंगू मान बैठते हैं। समय से उपचार कराया जाए तो होम्योपैथी में डेंगू से बचाव की औषधि उपलब्ध है।

यह दवा लें -  होम्योपैथी में यूपेटोरियम परफोलिएटम 200 की दो खुराक 15 दिन में लेनी चाहिए। जिन लोगों को डेंगू बुखार न हुआ हो वे बचाव के लिए भी दवा ले सकते हैं।
होम्योपैथी में डेंगू का निश्चित उपचार है। उपचार किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में करना चाहिए। इतना ही नहीं, रोगी की प्लेटलेटस गिरने पर ¨चिंता नहीं करनी चाहिए। इस पद्धति में रोगी खून में प्लेटलेट्स बढ़ाने की भी औषधि उपलब्ध है, जो मरीज की स्थिति के अनुसार चिकित्सक निर्धारित कर दे सकते हैं। दवा लेने के बाद प्लेटलेट्स 48 से 72 घंटे में बढ़नी शुरू हो जाती है।

ऐसे करें बचाव - 

- किसी भी खुले बर्तन व गडढ़े में पानी इक्ट्ठा नहीं होने दें।

- अगर आप बाल्टी या किसी बर्तन में पानी इक्टठा करके रखते हैं तो इसे ढ़कना नहीं भूलें।

- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। रात को मच्छरदानी लगाकर ही सोएं।

- कूलर के पानी में डेंगू के मच्छरों के पैदा होने की संभावना ज्यादा होती है।

- नगर निगम द्वारा मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करवाएं।

- खिड़की व दरवाजों में जाली लगाकर रखना चाहिए। जिससे मच्छर घर में नहीं आ सकें।  


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