Tuesday 18 October 2011

टीवी पर हिंदी की बढ़ती धमक

आजकल स्टार प्लस और जीटीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिकों की कास्टिंग हिंदी में दिखाई जा रही है। ये धारावाहिकों के जनता के बीच से मिले फीडबैक और लगातार शोद का नतीजा है। हालांकि ज्यादातर हिंदी फिल्मों की कास्टिंग अभी भी अंग्रेजी में होती है। लेकिन अब टीवी ने इस ट्रेंड को बदल दिया है।

कभी आपने बिग बास की हिंदी सुनी है। अक्सर बिग बास जब अपने घर में रहने वाले यानी अंतेवासियों को संबोधित करते हैं तो उनकी हिंदी भी बड़ी अच्छी होती है। वे आम फहम हिंदी की तुलना में कई बार तत्सम हिंदी का प्रयोग करते हैं। ठीक इसी तरह कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन भी बड़ी अच्छी हिंदी बोलते नजर आ रहे हैं। ये सब हिंदी की बढ़ती धमक का नतीजा है कि हिंदी चमक रही है।

हिंदी बाजार में चमक रही है। विज्ञापन जगत में कई विज्ञापन भी अच्छी शब्दावली वाली हिंदी में तैयार किए जा रहे हैं। सरकार भले ही हिंदी दिवस मनाकर हिंदी के विकास की रस्मअदायगी कर लेती हो लेकिन बाजार अब हिंदी  को स्वीकार कर रहा है। भले ही हिंदी के मनोरंजन चैनलों पर चलने वाले धारावाहिकों को गैर हिंदी इलाके में भी देखा जाता हो लेकिन उसकी हिंदी में कास्टिंग देखकर एक अच्छा फील आता है. हिंदी प्रदेश में रहने वालों को अपनेपन का एहसास होता है। इतना ही नहीं इन धारावाहिकों में हिंदी लिखे जाने के लिए यूनीकोड फांट का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो सकारात्मक संदेश है।

हाल में सुना गया है कि अमिताभ बच्चन अपनी फिल्मों के लिए पटकथा भी हिंदी में मांगते हैं. हालांकि अब तक सुना जा रहा था कि बालीवुड में फिल्में भले हिंदी में बनती हों लेकिन उनकी पटकथाएं तो अंग्रेजी ( रोमन ) में लिखकर कलाकारों को दी जाती थीं। लेकिन अब जमाना बदल रहा है। हिंदी की ताकत बढती जा रही है। तो आइए आप भी इसका हिस्सा बनिए...भला शरमाना कैसा....हिंदी हैं हम वतन है...ये हिंदुस्तान हमारा....
विद्युत प्रकाश मौर्य


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