Monday 10 March 2014

राजनीतिक के मैदान में रवि किशन

रवि किशन के मंजे हुए अभिनेता हैं। वे न सिर्फ भोजपुरी फिल्मों के निर्विविदत तौर पर सुपर स्टार हैं बल्कि हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है। उनकी अभिनय क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है वे मणिरत्नम और श्याम बेनेगल जैसे निर्माताओं कि पसंद हैं। जिन लोगों ने श्याम बेनेगल की वेलकम टू सज्जनपुर और मणिरत्नम की युवा और रावण जैसी फिल्में देखी है वे इसमें रवि किशन के अभिनय की बानगी देख सकते हैं। उन्हें फूहड़ अभिनेता कहना कत्तई सही नहीं होगा। भोजपुरी फिल्मों की जरूरत के हिसाब से वे वहां पर अभिनय करते हैं पर जहां मौका मिलता है अपनी अभिनय की कलात्मकता दिखा देते हैं। हाल में बनारस की पृष्ठभूमि पर आई हिंदी फिल्म इसक और यूपी की राजनीति पर केंद्रित बुलेट राजा में उन्होने खलनायक की भी दमदार भूमिका की।
स्पाइडर मैन के भोजपुरी संस्करण में उन्होने आवाज दी थी जो यादगार बन गई। अब रवि किशन राजनीति में हाथ आजमाने के लिए कूद गए हैं। उन्होंने सीट चुनी है अपने गृह जिला जौनपुर और पार्टी कांग्रेस। रवि किशन ने पहले भी कांग्रेस पार्टी का प्रचार किया था। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें कांग्रेस पार्टी ने टिकट आफर किया था पर तब उन्होंने अपनी फिल्मी व्यस्ततता देखते हुए लड़ने से इनकार कर दिया था। लेकिन 2014 में वे मैदान में है। वे भोजपुरी फिल्म के दूसरे सितारे मनोज तिवारी की तरह बार बार अपनी राजनीतिक निष्ठा नहीं बदलते। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई करने वाले रविकिशन जौनपुर जिले के किराकत इलाके के रहने वाले हैं। अब वे राजनीति में कूद पड़े हैं तो उन्हें मालूम भी होगा कि राजनीति की राहें आसान नहीं होतीं। इलाहाबाद से सुपर स्टार अमिताभ बच्चन को राजनीति रास नहीं आई थी। पर राज बब्बर अपनी राजनीतिक पारी में सफल रहे हैं। अब रवि किशन से इलाके के जनता को उम्मीद हैं। उन्हें उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
- विद्युत प्रकाश मौर्य


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