देश के सबसे बड़े चिकेन उत्पादक रामी
रेड्डी की हैदराबाद शहर में हर कोने में चिकेन की ब्रांडेड दुकाने हैं। वहां आप
चिकेन खरीदने जाते हैं तो परंपरागत बाजार की तरह कोई बदबू नहीं आती। सीसे के बने सुंदर
और भव्य स्टोर से आप 250
ग्राम चिकेन भी खरीद सकते हैं। अन्य जगहों की तुलना में सस्ता और
ताजा चिकेन यहां उपलब्ध है। स्टोर सबसे सुस्वादु चिकेन का भी दावा करता है। सिर्फ
हैदराबाद शहर में ही उनकी वेनकाब और स्नेहा नाम से 80 से
ज्यादा चिकेन स्टोर हैं। इनमें से ज्यादातर कंपनी के स्टोर हैं वहीं कुछ
फ्रेंचाइजी भी हैं। यहां इलेक्ट्रानिक वेइंग मशीन और बिलिंग के लिए कंप्यूटर भी
उपलब्ध हैं। किसी जमाने मे चिकेन का कारोबार जहां असंगठित तौर पर चलता था वह भी ब्रांडेड
चेन सिस्टम में चल रहा है। इससे भले छोटे छोटे चिकेन उत्पादकों के कारोबार को
धक्का लगा है। दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि चिकेन के कारोबार में बड़ी मछली
का साम्राज्य कायम हो चुका है और छोटी मछलियों की अब खैर नहीं। लगभग सभी क्षेत्र
में आने वाले दिनों में कुछ ऐसा ही दिखाई देने वाला है। हो सकता है आने वाले कुछ
दिनों में सिर्फ हैदराबाद ही नहीं बल्कि देश के अन्य हिस्सों में ही इसी तरह की
ब्रांडिंग देखने को मिले।
अन्य क्षेत्रों में भी - ब्रांडिंग का यह दौर सिर्फ चिकेन या
दवा कंपनियों में ही नहीं बल्कि जूतों व अन्य सामनों में भी देखने को मिल रहा है।
इन सभी कंपनियों को आईटी क्रांति का लाभ मिला है क्योंकि ऐसे ब्रांडेड नेटवर्क
अपनी चेन की सभी स्टोरों को रोज की बिक्री और स्टाक का लेखाजोखा एक जगह बैठे रहकर
केंद्रीयकृत नेटवर्क के जरिए ही देख सकते हैं। कुछ पुराने बड़े व्यवसायियों ने बड़े
शहरों में अपने ब्रांड बनाने की शुरूआत कर दी है। जैसे दिल्ली में ज्वेलरी में पीपी
ज्वेलर्स ने कई शोरूम खोल लिए हैं। वहीं कपड़ों और मिठाइयों के शो रूम वाले भी कई
बड़े शहरों में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।