Wednesday 22 July 2020

तो खतरनाक है एन 95 मास्क


आप पिछले कई महीने से सुन रहे थे कि कोरोना से बचने के लिए एन 95 मास्क ही बेहतर है। पर अब खुद सरकार नए कहा है कि यह सुरक्षित नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों को N-95 मास्क के इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी है। इसमें कहा गया है कि N-95 मास्क हानिकारक हो सकता है क्योंकि वाल्व वायरस को मास्क से बाहर निकलने से नहीं रोकते हैं। आपको बता दें कि मंत्रालय की वेबसाइट पर घर में चेहरे के बनाए लिए प्रोटेक्टिव कवर बनाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ) राजीव गर्ग ने सोमवार को सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को एक पत्र जारी किया है।
राज्यों को लिखे पत्र में कहा गया है कि यह देखने में आया है कि मेडिकल हेल्थ वर्कर्स के अलावा जनता द्वारा भी एन-95 मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि इसमें छिद्रयुक्त श्वसनयंत्र (वॉल्व्ड रेस्पिरेटर) लगे हुए है जो वायरस को मास्क में रोकते नहीं है। उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमली वेलफेयर की वेबसाइट पर चेहरे ओर मुंह के मास्क के लिए एडवाजरी मौजूद है।
पत्र में कहा गया है कि आपको इस बात से अवगत करना चाहता हूं कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए उपायों के लिए वैध रेस्पिरेटर में एन -95 मास्क का उपयोग हानिकारक है क्योंकि यह वायरस को मास्क से बाहर निकलने से नहीं रोकता है। इस पत्र में राज्यों से एन -95 मास्क के अनुचित उपयोग पर रोक लगाने को कहा गया है।
सवाल है कि इस बीच तीन महीने में 95 मास्क का करोड़ों का कारोबार हुआ। कंपनियां मालामाल हुई लोग खतरे में रहे। इसके लिए जिम्मेवार कौन है।



Tuesday 21 July 2020

सामाजिक न्याय के एक पुरोधा का चले जाना

रामअवधेश सिंह ( 1937-2020 )

पूर्व सांसद तथा पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य राम अवधेश सिंह का 20 जुलाई 2020 निधन हो गया। उन्होंने 83 वर्ष की अवस्था में पटना के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। भोजपुरिया माटी लाल राम अवधेश सिंह बिहार के चंद पढ़े लिखे नेताओं में से एक थे। 

मंडल कमीशन लागू करवाने में उनका सर्वाधिक योगदान था। वे डॉ. राममनोहर लोहिया के प्रबल समर्थकों में गिने जाते थे। उन्हें नमन , विनम्र श्रद्धांजलि।

उनका जन्म 18 जून 1937 को हुआ था। वे 1969 में बिहार विधानसभा के सदस्य और 1977 से 1979 तक लोकसभा के सदस्य रहे। वे 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा का चुनाव जीते। उन्होंने 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर बिक्रमगंज से चुनाव जीता था। बाद में एक बार राज्यसभा के भी सदस्य रहे। उन्हे गॉड फादर ऑफ मंडल कमिशन और पेरियार ऑफ नार्थ इंडिया भी कहा जाता था। वे बिहार के भोजपुर जिले के पीपरा (दुलारपुर) गांव के रहने वाले थे।
उनके निधन पर राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा - वयोवृद्ध लोकसमतावादी पूर्व सांसद श्री रामअवधेश सिंह जी के निधन की खबर दुखदायी है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिजनों को संबल की कामना करता हूं। आज सड़क से सदन तक पिछड़ो, शोषितों, वंचितों व दलितों के हक में आवाज बुलंद करने वाला सामाजिक न्याय का मसीहा खो गया !
- vidyutp@gmail.com