
स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक
प्रोफेसर (डॉ) राजीव गर्ग ने सोमवार को सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को एक
पत्र जारी किया है।
राज्यों को लिखे पत्र में कहा गया है
कि यह देखने में आया है कि मेडिकल हेल्थ वर्कर्स के अलावा जनता द्वारा भी एन-95 मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि इसमें
छिद्रयुक्त श्वसनयंत्र (वॉल्व्ड रेस्पिरेटर) लगे हुए है जो वायरस को मास्क में
रोकते नहीं है। उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमली वेलफेयर की वेबसाइट
पर चेहरे ओर मुंह के मास्क के लिए एडवाजरी मौजूद है।
पत्र में कहा गया है कि आपको इस बात
से अवगत करना चाहता हूं कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए
उपायों के लिए वैध रेस्पिरेटर में एन -95 मास्क का उपयोग हानिकारक है क्योंकि यह वायरस को मास्क से बाहर निकलने से
नहीं रोकता है। इस पत्र में राज्यों से एन -95 मास्क के
अनुचित उपयोग पर रोक लगाने को कहा गया है।
सवाल है कि इस बीच तीन महीने में 95
मास्क का करोड़ों का कारोबार हुआ। कंपनियां मालामाल हुई लोग खतरे में रहे। इसके
लिए जिम्मेवार कौन है।
No comments:
Post a Comment