Friday 31 August 2018

नौजवान आओ रे, नौजवान गाओ रे

नौजवान आओ रेनौजवान गाओ रे ।।
लो क़दम बढ़ाओ रेलो क़दम मिलाओ रे ।।
ऐ वतन के नौजवानइक चमन के बागवान ।
एक साथ बढ़ चलोमुश्किलों से लड़ चलो ।
इस महान देश को नया बनाओ रे ।।
नौजवान...

धर्म की दुहाइयांप्रांत की जुदाइयां।
भाषा की लड़ाइयाँपाट दो ये खाइयाँ ।
एक मां के लालएक निशां उठाओ रे ।।
नौजवान...

एक बनो नेक बनोख़ुद की भाग्य रेखा बनो ।
सर्वोदय के तुम हो लालतुमसे यह जग निहाल ।
शांति के लिए जहाँ को तुम जगाओ रे ।।
नौजवान...

मां निहारती तुम्हेंमां पुकारती तुम्हें ।
श्रम के गीत गाते जाओहंसते मुस्कराते जाओ ।
कोटि कण्ठ एकता के गान गाओ रे ।।
नौजवान...


-रचना -  बालकवि बैरागी ( BALKAVI BAAIRAGI) 


एक दुलारा देश हमारा
प्यारा हिंदुस्तान
दुनिया में बेजोड अनोखा।
भारत वर्ष महान
हमारा प्यारा हिंदुस्तान।।

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई
जैन पारसी बौद्ध बहाई
धर्म भले हों न्यारे न्यारे
लेकिन बहन और भाई सारे
सर्व धर्म समभाव हमरा
इस पर हमें गुमान।। हमारा...
इसके बलिदानी सेनानी
स्वतंत्रता लाए लासानी
आजादी की रक्षा करना
खूब जानती है नई जवानी
गांधी जी की नई दिशा में
सौंपी हमें कमान।। हमारा....

सहनशीलता भाईचारा
प्यार मुहब्बत पंथ हमारा
सत्य अहिंसा अमन चैन से
हमने जग का रुप संवारा
अणुव्रत से करवाया हमने
मानव  का कल्याण।। हमारा...

शिव संकल्प नहीं छूटेंगे
उससे नए पल्लव फूटेंगे
इतिहासों का पाठ यही है
जो तोड़ेगे वे टूटेंगे
लक्ष्य हमारा जय जगत
नारा है निर्माण ...हमारा....


( - बालकवि बैरागी)  

बालकवि बैरागी - एक परिचय 

राष्ट्रीय युवा योजना के हर शिविर में हर सुबह गाया जाने वाला जागरण गीत नौ जवान आओ रे....नौ जवान गाओ रे....बालकवि बैरागी की रचना है। सुब्बराव जी उनका एक और गीत एक दुलारा देश हमारा प्यारा हिंदुस्तान रे भी गाते हैं।


बालकवि बैरागी का जन्म 10 फरवरी 1931 में मंदसौर जिले की मनासा तहसील के रामपुर गांव में हुआ। उनका बचपन काफी गरीबी में गुजरा। पर वे पढ़ाई में अत्यंत मेधावी रहे। उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय से हिन्दी में प्रथम श्रेणी में एम.ए. किया। महज 9 साल की उम्र से कविता लिखना शुरू कर दिया था। असली नाम नंदराम बैरागी है। पर चौथी कक्षा में एक स्कूल के आयोजन में कविता लिख देने के कारण वे बालकवि के नाम से जाने गए। ये राजनीति एवं साहित्य दोनों से जुडे रहे। मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री तथा लोकसभा ( 1984 से 1989) और राज्यसभा ( 1998 से 2004) के सदस्य रहे। वे हिन्दी काव्य- मंचों पर भी लोकप्रिय रहे। इनकी कविता ओजगुण सम्पन्न हैं। मुख्य काव्य-संग्रह हैं : 'गौरव-गीत, 'दरद दीवानी, 'दो टूक, 'भावी रक्षक देश के आदि। उन्होंने तू चंदा में चांदनी जैसे गीत फिल्मों के लिए भी लिखे। वे 25 से ज्यादा फिल्मों के लिए गीत लिख चुके हैं।
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Thursday 30 August 2018

करना है निर्माण नव भारत का निर्माण ....

करना है निर्माण हमें नव भारत का निर्माण
हमें नव भारत का निर्माण
हमें हमारे देश  की जग में बढानी होगी शान।।

यही हमारी सब धरती हो खेतों से हरियाली
फूल फलों से झूम रही वन वन डाली डाली
नदी नहर सरवर बरखा के जल से बरसे धान।। करना..

हिमगिरी के ऊंचे शिखरों पर ङूल चढ़ाने जाएं
रत्नाकर के अतुल नीर नित, खोज के रत्नों पाएं
गाएं बन कुंजों की मनहर सुंदरता के गान।। करना...

कोई न भेद रहे आपस मे, हम सब बहन और भाई
भारत की सब संतानों में सच्ची प्रेम भलाई
सत्य अहिंसा के प्रणसे पत्थर में प्रगटे प्राण।। करना ...


(-    पिनकिन ठाकुर) 


भिन्नता में अभिन्नता

भिन्नता में अभिन्नता आज गाएं आरती
कोटि हस्त कोटि पाद हृदय एक भारती।।

भिन्न वेष भिन्न भाषा
भिन्न धर्म रीति
भिन्न पंथ भिन्न जाति
फिर भी एक संस्कृति
भिन्न रंग भिन्न ढंग
भिन्न भाव आकृति
भिन्न छंद भिन्न बंध
निराली ये कलाकृति ।।

भिन्न राग भिन्न  गीत
अर्थ एक बहता
भिन्न शौर्य भिन्न धैर्य
घोष एक भारती।।

भिन्न ताल तार फिर भी
मधुर एक झंकृति
कमल पुष्प खिलता है
पंखुड़िया महकती।।
भिन्नता में अभिन्नता आज गाएं आरती...

हिंदी हैं कम करोड़ करोड़.....

हिंदी हैं कम करोड़ करोड़
देश की रक्षा करने वाले
देश की आन पे मरने वाले। हिंदी हैं कम करोड़ करोड़
आपस में कोई गैर नहीं है
मजहब की कोई तकरार नहीं है
हिंदी है कुछ और नहीं है
हमें जुदा संसार नहीं है। हिंदी हैं कम करोड़ करोड़

नस नस में जो लहु बहा है,
साथ बहा है, साथ सहा है।
एक ही रास्ते कदम बढ़ा है,
हमें नजर में एक जहां है। हिंदी हैं कम करोड़ करोड़

ख्याल नई दुनिया का लाओ
गम आलम को दूर हटाओ
प्यारे ए हम वतनों आओ
भारत को आबाद बनाओ


मिल कर सब आवाज उठाओ। हिंदी हैं कम करोड़ करोड़

Wednesday 29 August 2018

सर्व धर्म प्रार्थना ( ALL RELIGON PRAYER )

बौद्ध 

बुद्धम शरण गच्छामि
संघम शरण गच्छमि
धम्म शरण गच्छामि


वैदिक
हरि ओम
ईशावास्यम इदम सर्वम यत् किं च जगत्याम जगत।
तेन त्यक्तेन भुंजीथाः मा गध कस्यस्विद् धनम।।
यं ब्रह्मा वरुणेंद्ररुद्रमुतः स्तुन्वन्ति दिव्यै स्तवैः।
वेदैः सांगपदक्रमोपनिषदैः  गायंति यं  सामगाः।
ध्यानावस्थिततद् गतेन मनसा पश्यंति यं योगिनो
यास्यांतं न विदुः सुरासुरगणा देवाय तस्मै नमः।।

इस्लाम
अउजु बिल्लाहि मिनश्शैता निर्रजीम
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निरहीम।
अलहम्दु लिल्हाहि रब्बिल आलमीन
अर रहमानिर रहिम, मालिकी यौमिद्दीन।
ईय्या कनअबुदु व ईयय् कनस्तईन
इहदिनस् सिरातल मुस्तकीम।
सिरातल लजीन अन अम्त अलैहिम.
गैरिल मगदूबि, अलैहिम वलद दुआल्लीन।
आमीन।
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निरहीम।
कुलहु अल्लाहु अहद अल्लाहुस्समद्।
लम यलिद वलम युलद्।
लम य कुल्लहू कुफवन अहद्।

पारसी
जरथोस्ती गाथा
मजदा अत मोई वहिश्ता
स्त्रवा ओस्चा श्योथनाचा वओचा
ता तू वहू मनंघहा
आशाचा इषुदेम स्तुतो,
क्षमा का श्रथ्रा अहूरा फेरषेम
वस्ना हइ श्येम दाओ अहूम।।
यहूदी
शमा इजरायल
अदोनाय एलोहिनो,
अदोनाय एखाद।।

ईसाई
अवर फायद हू आर्ट इन हेवन
हॉलोड बी दाय नेम
दाय किंगडम कम, दाय विल बी डन
ऑन अर्थ, एज इट इज इन हेवन
गिव अस दिस डे, अवर डेली ब्रेड
एंड फरगिव अवर ट्रेसपासेज
एंड वी फरगवि दोज हू ट्रेसपास अगेंस्ट अस
एंड लिव अस नॉट  इन्टू टेंपटेशन
बट डिलिवर अस फ्राम इवील
फॉर दाइन इज द किंगडम
एंड द पावर अंड द ग्लोरी
फॉर एवर एंड एवर।

सिक्ख 
एक ओंकार सतनाम, सतनाम
करता पुरुख निरभव निरवैर
अकाल मूरत
अजूनी सेभं गुरु प्रसाद
जप आदि सच जुगादि सच
है भी सच, नानक, हो सी भी सच।।
नानक नाम चड़दी कला
तेरे भणे सर्वत दा भला।।
जैन
णमो अरिहंताणम
णमो सिद्धाणम
णमा आयरियाणम
णमा उलज्झायाणम
णमा लोए सव्वसाहूणां
ऐसो पंच नमुक्कारो सव्व पावप्पणासणो

मंगलाणंच सव्वेसिं पढमं हवइ मंगलम।।




सर्व धर्म प्रार्थना ( हिंदी अनुवाद )  


वैदिक
ले जा असत्य से सत्य के प्रति
ले जा तमस से ज्योति के प्रति
मृत्यु से ले जा अमृत के प्रति

चलें साथ और बोलें साथ
दिल से हिल मिल जिएं साथ
अच्छे कर्म करें हम साथ
बैठ के साथ भजें हम नाथ

हो संकल्प समान समान
हो जन जन के हृदय समान
सबके मन में भाव समान
निश्चय सम हों कार्य समान

ताओ
सद्व्यवहार करे जो मुझसे
उनसे सद्व्यवहार करूं
दुर्व्वयहार करें जो उनसे भी
मैं तो सदव्यवहार करूं
दुर्जन को सज्जन करने का
सदाचार उपचार है
द्वेष क्रोध को पिघलाने का
सही तरीका प्यार है।

जैन
क्षमा मैं चाहता सबसे
मैं भी उसको करूं क्षमा
मैत्री मेरी सभी से हो
किसी से वैर हो नहीं

बौद्ध
जीती अक्रोध से क्रोध
साधुत्व से असाधु को
कंजूसी दानसे जीतो
सत्य से झूठवाद को
वैर से न कदापि भी
मिटते वैर हैं कहीं
मैत्री ही से मिटे वैर
यही धर्म सनातन

इस्लाम
दयावान को करूं प्रणाम
कृपावान को करूं प्रणाम
विश्व सकल का मालिक तू
अंतिम दिन का चालक तू
तेरी भक्ति करूं सदा
तेरी मान्यता करूं सदा
दिखा हमें तू सीधी राह
जिन पर तेरी रहम निगाह
ऐसों की जो सीधी राह
दिखा हमें वह सीधी राह
जिन पर करता है तू क्रोध
भ्रमित हुए या है गुमराह
उनके पथ का लूं नहीं नाम
दयावान को करूं प्रणाम

सिक्ख
नाम जपो किरत करो
बांटकर खाओ बंदे
सत्य वहां पर जानिए
जहां हृदय सच्चा होय
मन का मैल उतारे
और तन अच्छा धोय
सत्य वहां पर जानिए
जहां हो सत्य से प्यार
नाम सुन स्थिर रहे मन
वही मोक्ष का द्वार
सत्य वहां पे जानिए
जहां सीख अच्छी होय
दया करके जीव की
कुछ दान धर्म कर देय
सत्य सबकी औषधि
लेते पाप निकाल
नानक कहे सत्य धरे
पावे सत श्री अकाल

पारसी
हे प्रभु तू उत्तमोत्तम,
धर्म संदेशा सुना
ताकि नेकी की राह चल,
मैं तेरी महिमा गा सकूं।
चाहता है जिस मुताबिक
उस मुताबिक तू चला
जिंदगी की ताजगी के
स्वर्ग सुख को पा सकूं।

यहूदी
धन्य प्रभु है नाम तिहारा
नित्य निरंतर सांझ सवेरा
सारे जग से है तू अपार 
स्वर्ग से कीर्ति तेरी गुरुतर
स्वर्ग मर्त्य में कोई न तुझसा
सिंहासन पर आरूढ़ जैसा
बैठा यद्यपि इतने ऊंचे
देख रहा करुणा से नीचे।

ईसाई
शांति का वाद्य बना तू मुझे
प्रभु शांति का वाद्य बना तू मुझे
हो तिरस्कार वहां करूं स्नेह
हो हमला तो क्षमा करूं मैं
हो जहां भेद, अभेद करूं
हो जहां भूल मैं सत्य करूं
हो संदेह वहां विश्वास
घोर निराशा वहां करूं आश
हो अंधियारा वहां पे प्रकाश
हो जहां दुख उसे करूं हास
शांति का वाद्य बना तू मुझे
प्रभु शांति का वाद्य बना तू मुझे।

 ( अनुवादक – नारायण देसाई)