सबके प्यारे एसएन सुब्बराव जी का 89वां जन्मदिन जौरा में मनाया गया. |
चंबल घाटी के मुरैना जिले के जौरा में 7 फरवरी 2017 को जुटे देश के 22 राज्यों के 300 से ज्यादा लोग। मौका था 88 साल के नौजवान के जन्मदिन का। प्रख्यात गांधीवादी एसएऩ सुब्बराव वैसे तो अपना जन्मदिन मनाना पसंद नहीं करते पर देश भर में हजारों चाहने वालो के आग्रह पर एक आयोजन होता है जिसमें सैकड़ो युवा पहुंच कर एक साथ बैठते हैं और राष्ट्र निर्माण के लिए सृजनात्मक गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक बार फिर प्रण लेते हैं। इस बार महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा में हुए तीन दिवसीय शिविर में जल पुरुष राजेंद्र सिंह, एकता परिषद के पीवी राजगोपाल, पूर्व विधायक डॉक्टर सुनीलम जैसे खास लोग विशेष तौर पर पहुंचे थे। ये सभी कभी सुब्बराव जी के साथ काम कर चुके हैं और उनकी प्रेरणा से आज अलग अलग क्षेत्रों में बड़ा मुकाम हासिल किया है।
निष्ठा से काम करना ही सबसे बड़ी पूजा है - सुब्बराव
दोपहर में हुए समारोह में एसएन सुब्बराव ने कहा कि निष्ठा से काम करना ही सबसे बड़ी पूजा है। लोग अपने-अपने धर्म के अनुसार सुबह-सुबह मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर, गुरूद्वारे में जाते हैं मगर काम के प्रति ईमानदार नहीं होते। सुब्बराव जी का जन्मदिन अहिंसा दिवस के रूप में मनाया गया।
पीवी राजगोपाल जी के साथ। |
बागियों के आत्मसमर्पण स्थल पर विशाल स्मारक बनेगा
शाम को हुई सर्वधर्म प्रार्थना के बाद सुब्बराव जी ने कहा कि एक बादशाह द्वारा आगार में ताजमहल का निर्माण कराया गया जिसे दुनिया देखने आती है। पर वह ताजमहल क्या है एक पत्नी की याद में बनवाया गया स्मारक है। पर आगरा से कुछ घंटे की दूरी पर स्थित जौरा का महात्मा गांधी सेवा आश्रम वह प्रेरक धरती है जहां 1972 में 654 बागियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर अहिंसा का मार्ग अपनाया। इसलिए इस समर्पण स्थली पर भी एक स्मारक बनना चाहिए जिससे दुनिया भर के लोगों को प्रेरणा मिले। उन्होंने समर्पणी स्थली पर स्मारक बनाने के लिए लोगों से सहयोग देने की अपील की। अगर सभी लोग दस-दस रूपये दें जो अहिंसा का एक जीता जागता स्मारक तैयार हो सकेगा जो पूरी दुनिया के लोगों के लिए प्रेरणा का केन्द्र होगा। भाई जी के आह्वान पर देश भर से आए युवाओं ने अपनी अपनी ओर से स्मारक निर्माण के लिए राशि दान करने का ऐलान करना शुरू कर दिया।
श्योपुर के कैलाश पाराशर जी के साथ । |
जौरा को भी नशामुक्त धरती बनाएं
इस मौके पर सुब्बराव जी ने कहा कि जौरा मेरी कर्मभूमि हैं जिसे आज हमें नशामुक्त बनाने का भी प्रण लेने की आवश्यकता है। अभी मैं पटना से शिविर करके लौटा हूं। मैंने वहां देखा कि पिछले दिनों में बिहार में नशामुक्ति का जो कार्यक्रम बिहार में चलाया गया है उसके वहां सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं।
उनके सिद्धान्तों पर अमल करना ही सबसे बड़ी शुभकामना
भाई प्रफुल्ल श्रीवास्तव के साथ |
भाई जी के आलोक में चंबल का विमोचन
महोत्सव में एसएन सुब्बराव (भाई जी) के साथ जुड़े संस्मरणों पर अनिल गुप्ता, जगदीश शुक्ला, कुलदीप तिवारी और रनसिंह परमार के द्वारा सम्पादित एक स्मारिका ‘भाई जी के आलोक में चम्बल’ का विमोचन किया गया। इस स्मारिका में चंबल घाटी में भाईजी द्वारा जो सेवा के प्रकल्प चलाए गए उसके बारे में कई सुधि जनों के संस्मरण और दुर्लभ तस्वीरें हैं।
देश भर के साथियों ने की मंगलकामना
मंतराम निषाद भाई से 1999 के बाद 2017 में मिलना हुआ। |
महोत्सव में विभिन्न संस्थाओं, नागरिक संस्थाओं और जनसंगठनों के प्रतिनिधियों ने स्मृति चिन्ह, फूलमाला, अंगवस्त्र, श्रीफल देकर भाई जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। जिसमें भाई जी का 89वां जन्मदिन समारोह आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष, व सदस्य, एकता परिषद, नगरपरिषद जौरा, राष्ट्रीय युवा योजना के प्रांतीय इकाईयों उत्तरप्रदेश के आर.सी.गुप्ता, बिहार के नीरज, उडीसा के मधुभाई, छत्तीसगढ़ के विनय भाई, महाराष्ट्र के नरेन्द्र भाई, पंजाब के गुरुदेव सिंह सिद्धू, राजस्थान के हनुमान सहाय शर्मा, मध्यप्रदेश के डा. महेंद्र नागर, दिल्ली के विद्युत प्रकाश मौर्य, डीएस लम्कोटी जी इत्यादि प्रतिनिधियों के साथ बहुत सारे नवयुवक नवयुवतियों और महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा के कार्यकारिणी सदस्य, बागचीनी के किसान नेता परशुराम सिंह सिकरवार, जनअभियान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष डा. अजय मेहता सहित आत्मसमर्पित बागियों ने भाई जी को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम का कुशल संचालन उत्तर प्रदेश के अजय पाण्डेय तथा डा. राधाशरण सिंघल ने किया।
मनकामेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेक
इससे पहले सुबह सुबह जौरा स्थित मनकामेश्वर मंदिर में भाई जी के साथ गांधी आश्रम के सदस्यों ने रूद्राभिषेक कर भाई जी के दीर्घायु की प्रार्थना की। उसके बाद जौरा बाजार में पदयात्रा की गई, जिसमें जगह-जगह पर नागरिकों ने भाई जी और उनके साथ देशभर से जुटे नौजवानों पर पुष्पवर्षा की। जगह जगह लोगों ने जलपान कराया। कई जगहों पर भिन्न भिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्रायें पंक्तिबद्ध होकर भाई जी का अभिनंदन किया।
( रिपोर्ट - प्रफुल्ल श्रीवास्तव, अनिल गुप्ता )
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