Thursday, 30 August 2018

करना है निर्माण नव भारत का निर्माण ....

करना है निर्माण हमें नव भारत का निर्माण
हमें नव भारत का निर्माण
हमें हमारे देश  की जग में बढानी होगी शान।।

यही हमारी सब धरती हो खेतों से हरियाली
फूल फलों से झूम रही वन वन डाली डाली
नदी नहर सरवर बरखा के जल से बरसे धान।। करना..

हिमगिरी के ऊंचे शिखरों पर ङूल चढ़ाने जाएं
रत्नाकर के अतुल नीर नित, खोज के रत्नों पाएं
गाएं बन कुंजों की मनहर सुंदरता के गान।। करना...

कोई न भेद रहे आपस मे, हम सब बहन और भाई
भारत की सब संतानों में सच्ची प्रेम भलाई
सत्य अहिंसा के प्रणसे पत्थर में प्रगटे प्राण।। करना ...


(-    पिनकिन ठाकुर) 


भिन्नता में अभिन्नता

भिन्नता में अभिन्नता आज गाएं आरती
कोटि हस्त कोटि पाद हृदय एक भारती।।

भिन्न वेष भिन्न भाषा
भिन्न धर्म रीति
भिन्न पंथ भिन्न जाति
फिर भी एक संस्कृति
भिन्न रंग भिन्न ढंग
भिन्न भाव आकृति
भिन्न छंद भिन्न बंध
निराली ये कलाकृति ।।

भिन्न राग भिन्न  गीत
अर्थ एक बहता
भिन्न शौर्य भिन्न धैर्य
घोष एक भारती।।

भिन्न ताल तार फिर भी
मधुर एक झंकृति
कमल पुष्प खिलता है
पंखुड़िया महकती।।
भिन्नता में अभिन्नता आज गाएं आरती...

हिंदी हैं कम करोड़ करोड़.....

हिंदी हैं कम करोड़ करोड़
देश की रक्षा करने वाले
देश की आन पे मरने वाले। हिंदी हैं कम करोड़ करोड़
आपस में कोई गैर नहीं है
मजहब की कोई तकरार नहीं है
हिंदी है कुछ और नहीं है
हमें जुदा संसार नहीं है। हिंदी हैं कम करोड़ करोड़

नस नस में जो लहु बहा है,
साथ बहा है, साथ सहा है।
एक ही रास्ते कदम बढ़ा है,
हमें नजर में एक जहां है। हिंदी हैं कम करोड़ करोड़

ख्याल नई दुनिया का लाओ
गम आलम को दूर हटाओ
प्यारे ए हम वतनों आओ
भारत को आबाद बनाओ


मिल कर सब आवाज उठाओ। हिंदी हैं कम करोड़ करोड़

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