Wednesday, 22 January 2020

भारतीय रेल के अनोखे पुल


भारतीय रेल के अनोखे पुल विमलेश चंद्र की नई पुस्तक है। यह आपको देश के सौ से ज्यादा रेल पुलों के बारे में बताती है। यह पुस्तक आपको रेलवे के इतिहास की रोचक दुनिया में  ले जाती है। क्या आपको पता है कि रेलवे के कई पुल 150 साल से ज्यादा पुराने हैं।
दरअसल रेलगाड़ियों से सारे लोग सफर करते हैं। पर रेलवे के विकास की कहानी से ज्यादातर लोग ज्यादा अनजान रहते हैं। अहमदाबाद में पदस्थापित रेलवे में अधिकारी विमलेश चंद्र रेलवे पर कई पुस्तकें लिख चुके हैं। पर उनकी नई पुस्तक रेलवे के पुलों पर केंद्रित है। रेलवे में वैसे तो हजारों पुल हैं। पर इनमें से कई पुल तकनीक के आदर्श नमूना हैं। कई जगह रेल के साथ सड़क पुल भी बने हुए हैं। जैसे आपने वाराणसी और मुगलसराय के बीच गंगा नदी का पुल देखा होगा। इसी तरह पटना से पहले सोन नदी पर कोईलवर का ऐतिहासिक पुल है। ये पुस्तक आपको दक्षिण से लेकर उत्तर भारत के तमाम ऐसे पुलों से आपका परिचय कराती है। इन पुलों को निर्माण तकनीक और उनकी खासियत पर नजर डालती है। रेलवे में रूचि रखने वालों के लिए यह एक संग्रहणीय पुस्तक है।
प्रकाशक -  पुस्तक का प्रकाशन भारत सरकार की संस्था नेशनल बुक ट्रस्ट ने किया है। साल 2019 में आई पुस्तक 135 रुपये में उपलब्ध है। अगर एनबीटी आप बुक क्लब के मेंबर हैं तो आपको 20 फीसदी की छूट भी मिलेगी। 
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com 
( RAIL, BRIDGE, BOOK, NBT, BIMLESH CHANDRA ) 



Monday, 6 January 2020

प्रेम नाम है मेरा - प्रेम चोपड़ा


प्रेम नाम है मेरा - प्रेम चोपड़ा, वैसे तो ये बड़ा चर्चित डॉयलाग है। पर हिंदी फिल्मों के मशहूर खलनायक प्रेम चोपड़ा की संस्मरणात्मक आत्मकथा की पुस्तक इसी नाम से हिंदी में प्रकाशित हुई है। प्रेम चोपड़ा अब 84 साल के हो चुके हैं। हिंदी से लेकर हॉलीवुड तक 400 फिल्मों में अभिनय करने वाले प्रेम चोपड़ा पर प्रकाशित ये पुस्तक हिंदी में यश पब्लिकेशन ने प्रकाशित की है। इसी पुस्तक के विमोचन के लिए प्रेम चोपड़ा 5 जनवरी 2020 को दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में पधारे। उन्हे देखते ही कार्यक्रम में हर उम्र के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। 
प्रेम चोपड़ा ने भी किसी को निराश नहीं किया। लोगों के सवालों के खूब जवाब दिए। अपने जीवन से जुड़े कई किस्से सुनाए। अपने लोकप्रिय संवाद सुनाए। - दुनिया जानती है मैं कितना शरीफ आदमी हूं। 

प्रेम चोपड़ा पर ये पुस्तक उनकी बेटी रितिका नंदा ने लिखी है। रितिका जाने माने उपन्यासकार गुलशन नंदा की बहू हैं। पुस्तक प्रेम चोपड़ा की फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष की गाथा बड़े रोचक अंदाज में बयां करती है। हालांकि प्रेम चोपड़ा हिंदी फिल्म जगत में राजकपूर और प्रेम नाथ जैसे नामचीन लोगों के रिश्तेदार थे। पर उन्हें फिल्मों में जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। पुस्तक उनके संघर्ष पर भी प्रकाश डालती है।

प्रेम चोपड़ा की पहचान हिंदी फिल्मों के बड़े खतरनाक विलेन के तौर पर है। जिसके पर्दे पर आते ही लोगों को साजिश की बू आने लगती है। लोग उनसे परदे पर देखते ही नफरत का भाव मन में ले आते हैं। पर प्रेम चोपड़ा निजी जिंदगी में उस रजत पट की छवि से काफी अलग हैं।  
पुस्तक मेले में प्रेम चोपड़ा के साथ बैठे थे मशहूर पत्रकार राजीव शुक्ला, जिन्होंने प्रेम चोपड़ा के व्यक्तित्व से जुड़े कई अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला। हिंदी सिनेमा में रुचि रखने वालों के लिए संग्रहणीय और पठनीय पुस्तक है - प्रेम नाम है मेरा। आप इसे प्राप्त कर सकते हैं यश पब्लिकेशंस से। 
प्रकाशक का फेसबुक पेज देखें - - https://www.facebook.com/yashprakashan/

- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com