भारतीय रेल
के अनोखे पुल विमलेश चंद्र की नई पुस्तक है। यह आपको देश के सौ से ज्यादा रेल
पुलों के बारे में बताती है। यह पुस्तक आपको रेलवे के इतिहास की रोचक दुनिया में ले जाती है। क्या आपको पता है कि रेलवे के कई
पुल 150 साल से ज्यादा पुराने हैं।
दरअसल रेलगाड़ियों से सारे लोग सफर करते हैं। पर रेलवे के विकास की कहानी से ज्यादातर लोग ज्यादा अनजान रहते हैं। अहमदाबाद में पदस्थापित रेलवे में अधिकारी विमलेश चंद्र रेलवे पर कई पुस्तकें लिख चुके हैं। पर उनकी नई पुस्तक रेलवे के पुलों पर केंद्रित है। रेलवे में वैसे तो हजारों पुल हैं। पर इनमें से कई पुल तकनीक के आदर्श नमूना हैं। कई जगह रेल के साथ सड़क पुल भी बने हुए हैं। जैसे आपने वाराणसी और मुगलसराय के बीच गंगा नदी का पुल देखा होगा। इसी तरह पटना से पहले सोन नदी पर कोईलवर का ऐतिहासिक पुल है। ये पुस्तक आपको दक्षिण से लेकर उत्तर भारत के तमाम ऐसे पुलों से आपका परिचय कराती है। इन पुलों को निर्माण तकनीक और उनकी खासियत पर नजर डालती है। रेलवे में रूचि रखने वालों के लिए यह एक संग्रहणीय पुस्तक है।
प्रकाशक - पुस्तक का प्रकाशन भारत सरकार की संस्था नेशनल बुक ट्रस्ट ने किया है। साल 2019 में आई पुस्तक 135 रुपये में उपलब्ध है। अगर एनबीटी आप बुक क्लब के मेंबर हैं तो आपको 20 फीसदी की छूट भी मिलेगी।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( RAIL, BRIDGE, BOOK, NBT, BIMLESH CHANDRA )