शशिकला का 4 अप्रैल 2021 को मुंबई में निधन हो गया। हिंदी फिल्मों में शशिकला की पहचान एक खलनायिका और नृत्यांगना के तौर पर थी। उन्होंने ज्यादातर नकारात्मक किरदार निभाये पर उनकी निजी जीवन भी काफी चुनौतियों भरा रहा। वह एक मराठी परिवार से आती थीं। बॉलीवुड में सौ से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाली शशिकला का पूरा नाम शशिकला जावलकर था। उनका जन्म 4 अगस्त 1932 को महाराष्ट्र के शहर सोलापुर में हुआ था। उन्होंने 70 के दशक में कुछ हिंदी फिल्में में हीरोइन का किरदार भी निभाया था।
सन 1945 में फिल्म जीनत में उन्हें पहली बार छोटी सी भूमिका मिली, जो
अभिनेत्री नूरजहां ने दिलवाई थी। इस फिल्म के लिए उन्हें 25 रुपये पारिश्रमिक मिला
था। साल 2004 में आई सलमान खान की फिल्म मुझसे शादी करोगी में दादी की भूमिका में
उन्हें काफी पसंद किया गया था।
मुश्किलों भरा जीवन
- शशिकला का निजी जीवन मुश्किलों भरा रहा। पिता को कारोबार में घाटा होने के बाद उन्होंने
मुंबई आकर कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था ताकि वह अपने परिवार का भार
उठा सके। उन्होंने दो बार शादी की पर वैवाहिक जीवन भी ज्यादा सफल नहीं रहा। अपने
आखिरी समय में वे अपनी छोटी बेटी और दामाद के साथ मुंबई में रहती थीं।
आध्यात्म की ओर – हिंदी फिल्मों उनकी इमेज बुरी औरत वाली बन गई थी। नब्बे
के दशक में उनका झुकाव आध्यात्म की ओर हो गया था। उन्होंने विपश्यना का सहारा
लिया। कई आश्रमों में जाकर रहीं। फिर मदर टेरेसा की संस्था के लिए काम करने लगीं।
टीवी पर भी नजर आईं
- फिल्मों के साथ-साथ शशिकला ने टीवी में भी काम किया था। वह मशहूर सीरियल सोन परी
में फ्रूटी की दादी के रोल में नजर आई थीं।
प्रमुख फिल्में –
हरियाली और रास्ता, हिमालय की गोद में, सुजाता, गुमराह, फूल और पत्थर, अनुपमा, सरगम,
दुल्हन वही जो पिया मन भाए, क्रांति, तवायफ, अनोखा बंधन, कभी खुशी कभी गम
2007 में उन्हें भारत
सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था
100 से ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम किया
09 साल तक मदर टेरेसा के साथ रहकर गरीबों के लिए काम किया