अभी तक जीरो बैलेंस एकाउंट सिर्फ वेतन भोगी लोगों को ही खोलने की सुविधा मिल पाती थी। पर अब कई बैंक समान्य लोगों के लिए भी जीरो बैलेंस एकाउंट लेकर आ गए हैं। यूनियन बैंक आफ इंडिया ने कई शहरों में कैंप लगाकर आम आदमी का जीरो बैलेंस एकाउंट खोलना शुरू किया है, तो हाल में भारत में कदम रखने वाले ब्रिटेन के बड़े बैंक बार्कलेज ने भी लोगों का जीरो बैलेंस एकाउंट खोलना शुरु किया है।
क्या है जीरो बैलेंस खाता
जीरो बैलेंस एकाउंट का मतलब है कि आपको अपने बचत खाते में कोई न्यूनतम रकम रखने की आवश्यकता नहीं है। आप चाहें तो अपने खाते का पूरा पैसा भी किसी समय निकाल सकते हैं। आमतौर पर सरकारी बैंक चेक बुक और एटीएम की सुविधा वाले खाते में एक हजार रुपये मासिक बैलेंस हमेशा मेनटेन करने को कहते हैं। शहरी क्षेत्र में न्यूनतम एक हजार तो देहाती क्षेत्र के लिए यह राशि पांच सौ रुपये है। अगर आप न्यूनतम बैलेंस नहीं मेनटेन करते हैं तो आपके खाते पर पेनाल्टी लगाया जाता है। जैसे एसबीआई ( स्टेट बैंक आफ इंडिया) ऐसे खातों से 65 रुपये की कटौती करता है।
नए ग्राहकों को लुभाने के लिए
अब बैंक नए खातेदारों को लुभाने के लिए जीरो बैलेंस की सुविधा दे रहे हैं। जाहिर है इसके लिए एक हजार रुपये का न्यूनतम बैलेंस खाते में हमेशा रखना जरूरी नहीं है। इससे समाज के नीचले तबके के लोग भी बैंकिंग की सुविधा का पूरा लाभ उठा सकते हैं। कुछ सरकारी बैंको ने चयनित शिक्षण संस्थानों के छात्रों को भी जीरो बैलेंस एकाउंट की सुविधा दे रखी है। ऐसी सुविधा देने का उद्देश्य बैंक से आने वाली पीढ़ी को जोड़ना है। अच्छे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र बाद में आर्थिक रुप से सक्षम होने पर बैंक के लिए अच्छे ग्राहक हो सकते हैं। जैसे पंजाब नेशनल बैंक ने कई संस्थानों में छात्रों के लिए प्रोमोशनल जीरो बैलेंस खाते की सुविधा दे रखी है।
निजी बैंकों की नीति
अगर निजी बैंकों की बात की जाए तो अधिकांश बैंक अपने यहां खाता चलाने वालों के लिए 10 से 15 हजार रुपये का औसत तिमाही बैलेंस मेनटेन करने की शर्त रखते हैं। ऐसे खाते में आप चाहें तो बीच में कभी भी जीरो बैलेंस रख सकते हैं। पर यह ध्यान रखना जरूरी होता है कि तीन महीने का औसत बैलेंस बैंक द्वारा निर्धारित राशि के बराबर जरूर है। ऐसा नहीं होने पर निजी क्षेत्र के बैंक पेनाल्टी के तौर पर बड़ी राशि की कटौती करते हैं। लेकिन निजी क्षेत्र के बैंक विभिन्न संस्थानों में कार्यरत वेतन भोगी लोगों के लिए जिनका सेलरी एकाउंट उनके बैंक में है उनके लिए जीरो बैलेंस की सुविधा प्रदान करते हैं। पर अब निजी बैंक भी आम लोगों के लिए जीरो बैलेंस एकाउंट लेकर आए हैं। जैसे ब्रिटेन के सबसे बड़े बैंकों में एक बार्कलेज ने भारत में अपने ग्राहकों के लिए जीरो बैलेंस खाता पेश किया है। पर बैंक ऐसे खाते पर 750 रुपये सालाना सेवा शुल्क के रुप में वसूलेगा। हालांकि बैंक इसके एवज में फ्री में ड्राफ्ट बनवाने और घर बैठे पैसा जमा करवाने जैसी कई सुविधाएं अपने ग्राहकों को प्रदान कर रहा है। बैंक ने अपने खाता धारकों के लिए किसी भी बैंक का एटीएम फ्री में इस्तेमाल करने की सुविधा भी प्रदान की है। उम्मीद है कि धीरे-धीरे बाकी बैंक भी अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए जीरो बैलेंस एकाउंट की सुविधा दे सकते हैं।
-विद्युत प्रकाश मौर्य
Email --- vidyutp@gmail.com
क्या है जीरो बैलेंस खाता
जीरो बैलेंस एकाउंट का मतलब है कि आपको अपने बचत खाते में कोई न्यूनतम रकम रखने की आवश्यकता नहीं है। आप चाहें तो अपने खाते का पूरा पैसा भी किसी समय निकाल सकते हैं। आमतौर पर सरकारी बैंक चेक बुक और एटीएम की सुविधा वाले खाते में एक हजार रुपये मासिक बैलेंस हमेशा मेनटेन करने को कहते हैं। शहरी क्षेत्र में न्यूनतम एक हजार तो देहाती क्षेत्र के लिए यह राशि पांच सौ रुपये है। अगर आप न्यूनतम बैलेंस नहीं मेनटेन करते हैं तो आपके खाते पर पेनाल्टी लगाया जाता है। जैसे एसबीआई ( स्टेट बैंक आफ इंडिया) ऐसे खातों से 65 रुपये की कटौती करता है।
नए ग्राहकों को लुभाने के लिए
अब बैंक नए खातेदारों को लुभाने के लिए जीरो बैलेंस की सुविधा दे रहे हैं। जाहिर है इसके लिए एक हजार रुपये का न्यूनतम बैलेंस खाते में हमेशा रखना जरूरी नहीं है। इससे समाज के नीचले तबके के लोग भी बैंकिंग की सुविधा का पूरा लाभ उठा सकते हैं। कुछ सरकारी बैंको ने चयनित शिक्षण संस्थानों के छात्रों को भी जीरो बैलेंस एकाउंट की सुविधा दे रखी है। ऐसी सुविधा देने का उद्देश्य बैंक से आने वाली पीढ़ी को जोड़ना है। अच्छे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र बाद में आर्थिक रुप से सक्षम होने पर बैंक के लिए अच्छे ग्राहक हो सकते हैं। जैसे पंजाब नेशनल बैंक ने कई संस्थानों में छात्रों के लिए प्रोमोशनल जीरो बैलेंस खाते की सुविधा दे रखी है।
निजी बैंकों की नीति
अगर निजी बैंकों की बात की जाए तो अधिकांश बैंक अपने यहां खाता चलाने वालों के लिए 10 से 15 हजार रुपये का औसत तिमाही बैलेंस मेनटेन करने की शर्त रखते हैं। ऐसे खाते में आप चाहें तो बीच में कभी भी जीरो बैलेंस रख सकते हैं। पर यह ध्यान रखना जरूरी होता है कि तीन महीने का औसत बैलेंस बैंक द्वारा निर्धारित राशि के बराबर जरूर है। ऐसा नहीं होने पर निजी क्षेत्र के बैंक पेनाल्टी के तौर पर बड़ी राशि की कटौती करते हैं। लेकिन निजी क्षेत्र के बैंक विभिन्न संस्थानों में कार्यरत वेतन भोगी लोगों के लिए जिनका सेलरी एकाउंट उनके बैंक में है उनके लिए जीरो बैलेंस की सुविधा प्रदान करते हैं। पर अब निजी बैंक भी आम लोगों के लिए जीरो बैलेंस एकाउंट लेकर आए हैं। जैसे ब्रिटेन के सबसे बड़े बैंकों में एक बार्कलेज ने भारत में अपने ग्राहकों के लिए जीरो बैलेंस खाता पेश किया है। पर बैंक ऐसे खाते पर 750 रुपये सालाना सेवा शुल्क के रुप में वसूलेगा। हालांकि बैंक इसके एवज में फ्री में ड्राफ्ट बनवाने और घर बैठे पैसा जमा करवाने जैसी कई सुविधाएं अपने ग्राहकों को प्रदान कर रहा है। बैंक ने अपने खाता धारकों के लिए किसी भी बैंक का एटीएम फ्री में इस्तेमाल करने की सुविधा भी प्रदान की है। उम्मीद है कि धीरे-धीरे बाकी बैंक भी अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए जीरो बैलेंस एकाउंट की सुविधा दे सकते हैं।
-विद्युत प्रकाश मौर्य
Email --- vidyutp@gmail.com
4 comments:
बढि़या जानकारी है, ऐसी जानकारी देते रहिएगा...
जानकारी के लिए आभार...
जानकारी के लिए शुक्रिया.
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