Friday, 24 February 2012

शाबास ललितपुर...बना डाला रिकार्ड

यूपी का ललितपुर जिला। नक्शे में देखें तो तीन तरफ से मध्य प्रदेश से घिरा हुआ। लेकिन विधान सभा चुनाव 2012 के पांचवें चरण में यहां मतदाताओं ने दिखाया है सबसे ज्यादा जोश। ललितपुर में 71 फीसदी लोगों ने वोट डाले। तो कानपुर जैसे यूपी से सबसे बडे शहर में महज 55 फीसदी मतदान हुआ है।  ललितपुर विधान सभा में रिकार्ड 72.16 फीसदी वोट पडे हैं जबकि मेहरोनी में थोड़ा कम। लेकिन ललितपुर के मतदाताओं ने इतिहास रच दिया है। आजादी के बाद कभी इतनी बड़ी संख्या में किसी जिले में वोटर बाहर नहीं निकले। ये चुनाव आयोग के कंपेन का असर है या लोकतंत्र को लेकर गांव  गिरांव के वोटरों की जागरूकता। ये चुनाव का परिणाम आने पर बेहतर समझा जा सकेगा। लेकिन इतना तय है कि इस बार शहरी मतदाता की तुलना में गांव के मतदाता लोकतंत्र के प्रति ज्यादा जागरूकता दिखा रहे हैं। इससे पहले के मतदान मे भी देखें तो गोरखपुर शहर से ज्यादा मतदान उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ है। वाराणसी से ज्यादा मतदान नक्सल प्रभावित सोनभद्र, चंदौली और मिर्जापुर जिलों में हुआ। लखनऊ शहर से ज्यादा मतदान उसके आसपास के जिलों में हुआ।
चुनाव आयोग कहता है कि यूपी में वर्ष 2007 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में कुल 47.57 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार पांचवें चरण में 13 जिलों का मतदान प्रतिशत 59.2 फीसदी है। हिसाब लगाएं तो इस बार अपेक्षाकृत 24.44 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। यूपी का मतदाता हर चरण में 2007 की तुलना में ज्यादा मतदान कर रहा है। पहले चरण में 8 फरवरी को 62 फीसदी मतदान हुआ था। आजादी के बाद पहली बार मतदान फीसदी में इतना इजाफा देखा गया। दूसरे चरण में भी 59 फीसदी वोट पड़े। तीसरे चरण में 57 फीसदी वोट पड़े तो चौथे चरण में भी 57 फीसदी मतदान हुआ।
बात एक बार फिर ललितपुर की करें तो बुंदेलखण्ड के इस अति पिछड़े जनपद में इस चुनाव में किसी दल विशेष की बयार नहीं दिखाई दे रही थी। जिले में दो विधानसभा क्षेत्र ललितपुर सदर व महरौनी हैं। नए परिसीमन में महरौनी को अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। सदर में 3,84607 कुल मतदाता हैं, जिनमें 1,80163 महिला मतदाता हैं। इसी प्रकार महरौनी में कुल मतदाताओं की संख्या 3,59612 है, यहां महिलाओं की संख्या 1,70069 है। अगर ललितपुर जिले में 72 फीसदी तक मतदान हुआ है तो वह किसके पक्ष में ये आकलन अभी मुश्किल हो सकता है। हांलाकि पिछले चुनाव में जिले की दोनो ही सीटें बीएसपी के पास थीं। पिछले चुनाव में दोनों सीटों पर बीएसपी के उम्मीदवार जीते थे। सदर में बसपा के नाथूराम कुशवाहा ने वीरेन्द्र सिंह बुंदेला को हराया तो महरौनी में उनके चचेरे भाई पूरन सिंह बुंदेला बसपा के ही रामकुमार तिवारी से चुनाव हार गए थे।

--- विद्युत प्रकाश   

Monday, 13 February 2012

कैब सेवा – महानगर के लिए सुविधाजनक


अगर आप को कभी कभी कार से चलने की जरूरत पड़ती हो तो कोई जरूरी नहीं कि आप खरीदें। इसके लिए आप कैब सर्विस की सेवाएं ले सकते हैं। जैसे कि आपको स्टेशन या एयरपोर्ट जाना है तो आप समय से पहले की कैब बुक कर लें। इससे आपकी एन वक्त पर गाड़ी ढूंढने की समस्या भी खत्म हो सकती है। अब महानगरों में 24 घंटे कैब बुक करने की सुविधा उपलब्ध है। जब आप किसी कैब कंपनी को कैब के लिए फोन करते हैं तो ये काल रेडियो फ्रिक्वेंसी से आपके आसपास मौजूद कंपनी के सभी कैब वालों तक जाती है। थोड़ी देर में ही आपके मोबाइल पर संदेश आ जाता है कि आपको कौन सी कैब, उसका नंबर क्या है, ड्राइवर का नंबर क्या है कितनी देर में आपके पास पहुंच जाएगी।
कैब सेवाएं कभी कभी कार का सफर करने वालों से सुरक्षित और सस्ती हैं। आपको अगर हफ्ते में एक दिन ही कार की जरूरत पड़ती है तो आप कार खरीदने के बजाए कैब की सेवा लें तो ये आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। आप अगर नई कार खरीदते हैं तो उसके रख रखाव में अच्छा खासा खर्च करना पड़ता है। साथ ही कार की सुरक्षा की चिंता भी रहती है। अगर आपने तीन लाख रूपये एक कार में निवेश किया है तो उसकी कीमत भी घटती रहती है। भले ही कार कम ही क्यों न चलती हो। मान लिजिए किसी काम से आपको कुछ दिनों के लिए दूसरे शहर में जाना हो तो चाह कर भी आप अपनी कार से स्टेशन नहीं जा सकते। क्योंकि आपकी कार को स्टेशन से वापस कौन लाएगा। ऐसी हालत में आप टैक्सी सेवा का ही सहारा लेते हैं। महानगरों में शुरू हुई कैब सर्विस ने परंपरागत टैक्सी स्टैंड की टैक्सी सेवा से बेहतर सेवा देनी शुरू कर दी है। यहां प्रति किलोमीटर रेट फिक्स है। ड्राइवर आपको बिल देता है। बिलिंग में पूरी तरह पारदर्शिता है। कैब सेवाओं के पास छोटी बड़ी हर तरह की टैक्सियां उपलब्ध हैं। अमूमन दिन हो या रात कभी भी कैब बुक कर सकते हैं। दिल्ली जैसे महानगर में कुछ टैक्सी सेवाएं 10 रूपये प्रति किलोमीटर तो कुछ 15 तो कुछ 20 रूपये प्रति किलोमीटर के रेट में सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं। रात्रि सेवा और इंतजार के लिए अलग शुल्क है।   
हम आपको दिल्ली की कुछप्रमुख कैब सेवाएं को नंबर बता रहे हैं।  
टैक्सी सिंडिकेट – 011- 6767-6767
मेगा कैब       011-4141-4141
आइरिश        011-44334433
एयर कैब       011-48484848
इजी कैब       011-43434343
क्विक कैब      011-4533-3333
मेरू कैब       011-4422-4422
आरएस कैब     011-4433-4433
वान कैब       011-4800-0000
दिल्ली कैब     011-4433-3222

Tuesday, 7 February 2012

जमाने के साथ बदलती घड़ियां...

अब भला घड़ियां कौन पहनता है। मोबाइल फोन ने घड़ियों की जरूरत को खत्म कर दिया है। अगर सिर्फ समय देखना है तो अलग से घड़ी पहन कर चलने की क्या जरूरत है। मोबाइल फोन ने घड़ी और एड्रेस बुक साथ लेकर चलने की जरूरत को खत्म कर दिया है। ऐसे दौर में लोग आम तौर मोबाइल फोन साथ होने पर घड़ी पहनकर चलना जरूरी नहीं समझते। पर नहीं जनाब अभी भी घड़ियां आउटडेटेड नहीं हुई हैं। घड़ी बनाने वाली कंपनियां अब घड़ियों को भी नया रूप देकर उसे बहुउपयोगी बनाने में लगी हैं। अगर घड़ी में समय देखने के अलावा आपको कुछ और सुविधाएं भी मिलें तो निश्चय ही आप घड़ी पहनना पसंद करेंगे। अगर हम घड़ियों की पिछली पीढ़ी की बात करें तो मेकेनिकल घड़ियों में तारीख और महीना देखने की सुविधा उपलब्ध होती थी। क्वार्टज घड़ियों में भी इस तरह की सुविधा उपलब्ध थी। पर इनमें एक मुश्किल थी की महीना बदलने पर तारीख एडजस्ट करना पड़ता था। उसके बाद डिजिटल घड़ियों का दौर आया। ऐसी घड़ियों में तारीखेंकैलेंडर आदि अपने आप एडजस्ट हो जाता था। पर डिजिटल घड़ियां अपनी ड्यूरेब्लिटी और वाटर रेजिस्टेंस नहीं होने के कारण लोगों की पसंद नहीं बन सकीं।

पर दुनिया की कई जानी मानी कंपनियां घड़ियों में नित नए रिसर्च कर घड़ियों के बाजार को नया आयाम देने की कोशिश में लगी हुई हैं। जिस तरह कार के बाजार में महंगी कारों का सिगमेंट है। उसी तरह महंगी घड़ियों के सिगमेंट में कई तरह की सुविधाओं से सज्जित घड़ियां बाजार में आई हैं। फिनलैंड की जानी-मानी घड़ियों की कंपनी सुनोटो ने एबीसी सीरिज की घड़ियां लांच की है। एबीसी यानी इस घड़ी में समय देखने के अलावा एलमीटर, बैरोमीटर और कंपास जैसी सुविधाएं हैं। यह घड़ी सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भी बताती है। घड़ी का मेनू चार भाषाओं में उपलब्ध है।
घड़ी में ड्यूल टाइम, काउंट डाउन टाइमर जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। सुनोटो की घड़ियां अक्सर हवाई जहाज की यात्रा करने वालों, पर्वतारोहियों और पूरी दुनिया का भ्रमण करने वाले लोगों को लिए उपयोगी हो सकती हैं। सुनोटो की घड़ी अपने आप में एक वेदर स्टेशन की तरह है। घड़ी में बैरोमीटर है जो हवा दबाव, मौसम का ग्राफिक्स बताता है। मौसम खराब होने के समय आपको चेतावनी भी देता है। जब आप हवाई यात्रा कर रहे होते हैं तो 10 हजार मीटर की ऊंचाई तक घड़ी में मौजूद एलटीमीटर वहां के एलीवेशन की आपको जानकारी देता है।
गोताखोरी से जुड़े लोग, पहाड़ों पर चढ़ाई करने वाले, स्कीईंग और नौका चलाने वाले लोगों गोल्फ के खिलाड़ियों के लिए इस तरह की घड़ी बहुत उपयोगी है जो एक साथ कई तरह के समाधान प्रदान करती है। यानी अगर आप भविष्य में अधिक सुविधायुक्त घड़ी खरीदने की बात सोच रहे हैं तो सुनोटो के छह माडलों के बारे में भी सोच सकते हैं। हम यह भी कह सकते हैं लैपटाप और मोबाइल के जमाने में घड़ियां पूरी तरह आउटडेटेड नहीं हुई हैं।

-विद्युत प्रकाश मौर्य vidyutp@gmail.com