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चुनाव आयोग कहता है कि यूपी में वर्ष 2007 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में कुल 47.57 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार पांचवें चरण में 13 जिलों का मतदान प्रतिशत 59.2 फीसदी है। हिसाब लगाएं तो इस बार अपेक्षाकृत 24.44 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। यूपी का मतदाता हर चरण में 2007 की तुलना में ज्यादा मतदान कर रहा है। पहले चरण में 8 फरवरी को 62 फीसदी मतदान हुआ था। आजादी के बाद पहली बार मतदान फीसदी में इतना इजाफा देखा गया। दूसरे चरण में भी 59 फीसदी वोट पड़े। तीसरे चरण में 57 फीसदी वोट पड़े तो चौथे चरण में भी 57 फीसदी मतदान हुआ।
बात एक बार फिर ललितपुर की करें तो बुंदेलखण्ड के इस अति पिछड़े जनपद में इस चुनाव में किसी दल विशेष की बयार नहीं दिखाई दे रही थी। जिले में दो विधानसभा क्षेत्र ललितपुर सदर व महरौनी हैं। नए परिसीमन में महरौनी को अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। सदर में 3,84607 कुल मतदाता हैं, जिनमें 1,80163 महिला मतदाता हैं। इसी प्रकार महरौनी में कुल मतदाताओं की संख्या 3,59612 है, यहां महिलाओं की संख्या 1,70069 है। अगर ललितपुर जिले में 72 फीसदी तक मतदान हुआ है तो वह किसके पक्ष में ये आकलन अभी मुश्किल हो सकता है। हांलाकि पिछले चुनाव में जिले की दोनो ही सीटें बीएसपी के पास थीं। पिछले चुनाव में दोनों सीटों पर बीएसपी के उम्मीदवार जीते थे। सदर में बसपा के नाथूराम कुशवाहा ने वीरेन्द्र सिंह बुंदेला को हराया तो महरौनी में उनके चचेरे भाई पूरन सिंह बुंदेला बसपा के ही रामकुमार तिवारी से चुनाव हार गए थे।
--- विद्युत प्रकाश
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