बहुत पहले एक फिल्म आई थी हिमालय की गोद में। मनोज कुमार माला सिन्हा की इस फिल्म की शूटिंग हिमाचल की वादियों में हुई थी। अब एक नई पुस्तक मेरे हाथ में है – हिमालय की वादियों में। यात्रा वृतांत श्रेणी की इस पुस्तक के रचयिता है डॉक्टर सुखनंदन सिंह। आध्यात्मिक पृष्ठभूमि वाले शोधार्थी सुखनंदन सिंह की कलम से हिमालय को महसूस करना करना एक अलग किस्म का आनंदित करने वाला अनुभव है।
कुल 243 पृष्ठों की पुस्तक आपको उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई अनछूए और अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय स्थलों की सैर पर ले जाती है। कोई भी व्यक्ति चाहकर भी सभी स्थलों का भ्रमण तो नहीं कर सकता न। तो कई बार दूसरे लेखकों की यात्राओं को पढ़ना भी बड़ा सुखकर लगता है।
लेखक
खुद हिमाचल के रहने वाले हैं। कुल्लू की वादियों में उनका बचपन गुजरा। पर पुस्तक
की शुरुआत उत्तराखंड के कुमायूं क्षेत्र की उनकी कुछ यात्राओं से ही होती है।
लेखक
ने ऋषिकेश के पास स्थित नीलकंठ की तो कई बार यात्राएं की हैं। वे नीलकंठ के जाने
के चार मार्गों के अनुभव साझा करते हैं। आमतौर पर हम दो मार्ग के बारे में ही
जानते हैं। श्री हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी की यात्रा का वृतांत काफी सुंदर
हैं। ये यात्रा थोड़ी मुश्किल भी है।
पुस्तक
को पढ़ते हुए ये पता चलता है कि लेखक ने पहाडों पर ट्रैकिंग करने के लिए बेसिक
कोर्स भी किया है। हिमाचल प्रदेश में लेखक पाराशर झील की यात्रा भी काफी रोमांचित
करती है। पुस्तक के आखिरी हिस्से में लेखक हमें कुल्लू की हसीन वादियों में ले जाते
हैं। यहां वे कुल्ले के चप्पे-चप्पे के बारे में बताते हैं। लेखक डॉक्टर सुखनंदन
सिंह देव संस्कृति विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उनकी कई यात्राएं छात्रों के
समूह के साथ की गई हैं। वे न सिर्फ खुद अनवरत यात्री हैं बल्कि अपने छात्रों को भी
यात्राओं के लिए प्रेरित करते हैं।
पुस्तक
– हिमालय की वादियों में
लेखक –
डॉक्टर सुखनंदन सिंह
प्रकाशक
– ईवीन्सपब पब्लिकेशनंस
मूल्य
- 369 रुपये, पृष्ठ – 243
पुस्तक
विभिन्न प्लेटफार्म से ऑनलाइन मंगाई जा सकती है।
Evincepub: https://evincepub.com/.../himaalay-ki-vaadiyon-mein.../