वरिष्ठ पत्रकार ओम
गुप्ता, 28 फरवरी 2021 को 73 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनका जन्म
25 नवम्बर,1948 को हुआ था। वे मेरी पहली नौकरी के तीसरे
संपादक थे। कुबेर टाइम्स में घनश्याम पंकज उन्हें दिल्ली संस्करण के संपादक के तौर
पर लेकर आए थे। तब मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला था। सन 1998-99 के दौर में
उनके साथ काफी कुछ सीखने समझने का मौका मिला। एक बार उनके साथ वरिष्ठ आईएएस
अधिकारी उमेश सहगल से मिलने जाना हुआ था। उमेश सहगल उनके दोस्त थे। वे बाद में
दिल्ली के मुख्य सचिव बने। पर उनकी रूचि दूरदर्शन के लिए टीवी कार्यक्रम बनाने में
हुआ करती थी।
ओम गुप्ता देश के उन
दुर्लभ पत्रकारों में थे जिनका अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं पर समान अधिकार था।वे अंग्रेजी व हिंदी के कई
अखबारों के सम्पादक रहे। वे अपने पीछे पत्नी आरती थापा, पुत्र संजोग, संकल्प
और पुत्री सिया छोड़ गए हैं।
ओम गुप्ता मूलतः फ़िल्म के पत्रकार थे पर राजनीति की खोजी खबरों ने उन्हें शिखर का पत्रकार बनाया। वे शर्मिला टैगोर द्वारा प्रकाशित की गई टेक 2 व सुपर जैसी फिल्मी पत्रिका के संपादक रहे। वे मिड डे (दिल्ली) के सम्पादक रहे। वे इंडिया टुडे, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस, पायनियर, कैरेवान आदि में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके थे। वे हिंदी में दिनमान टाइम्स व कुबेर टाइम्स के दिल्ली संस्करण के सम्पादक रहे। दिल्ली में स्वतंत्र भारत समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ भी रहे। उनका पूरा नाम ओम प्रकाश गुप्ता था। पर इंडिया टूडे में उनके नाम का संक्षिप्तीकरण होकर ओम गुप्ता रह गया।
बाद में वे पत्रकारिता के अध्यापन से जुड़ गए और मीडिया व मैनेजमेंट के चार विद्यालयों में वे डीन रहे। उन्होने एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, नोएडा फिल्म सिटी, जिम्स, वाईएमसीए, भारतीय विद्या भवन जैसे संस्थानों में पढाया। उनके पढ़ाए हुए छात्रों की एक लंबी फेहरिस्त है जो अलग अलग विधाओं के सफल पत्रकार हैं।
ओम गुप्ता ने ' धूप की लकीरें' और 'पूर्वी
वसंती' जैसे
टीवी कार्यक्रमों का निर्देशन भी किया। वे मनोहर श्याम जोशी के लोकप्रिय धारावाहिक
हमलोग के सह लेखक भी हुआ करते थे। पत्रकारिता पर उनकी 23 किताबें प्रकाशित हुईं। इनमें
मीडिया और सृजन, मीडिया और विचार व मेरे 15 नाटक जैसी पुस्तकें
खासी लोकप्रिय हैं। उनका एक व्यंग्य संग्रह प्रधानमंत्री की धोबन भी काफी लोकप्रिय
हुआ था।
कई सालों बाद ओम
गुप्ता सर से अचानक मिलना हुआ 2010 में जब मैं फिल्म सिटी में महुआ चैनल में बतौर
प्रोड्यूसर कार्यरत था। वे इसी भवन में एशियन अकादमी में पढ़ाने आया करते थे। उसके
बाद कभी कभी फोन पर बात हुआ करती थी। कई बार घर बुलाया पर मैं मिलने नहीं जा सका।
पर अब तो कभी मुलाकात नहीं हो सकेगी।
- विद्युत प्रकाश मौर्य- vidyutp@gmail.com
( OM GUPTA, JOURNALIST, KUBER TIMES )
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