आज हम जिस संक्रमण के जिस मुहाने पर खड़े हैं उसमें यह सोचना बड़ा रोचक है कि आने वाले दौर में टीवी की दुनिया कैसी होगी। दस साल बाद केबल आपरेटर होंगे, डीटीएच होगा या फिर आईपीटीवी का सम्राज्या होगा। कुछ साल पहले ऐसा सोचा जा रहा था केबल आपरेटरों के नेटवर्क को खत्म करना आसान नहीं होगा। पर धीरे धीरे बाजार में डीटीएच का हिस्सेदारी अब बढ़ रही है। काफी लोग केबल टीवी का कनेक्शन कटवा कर डाईरेक्ट टू होम पर शिफ्ट हो रहे हैं। पर अब डीटीएच का भी मजबूत विकल्प बनकर आया है आईपीटीवी।
अगर आपने आईपीटीवी ले लिया तो समझो कि एक ही तार के कनेक्सन में आप टेलीफोन की सुविधा का लाभ भी उठा रहे हैं तो उसी लाइन पर टेलीविजन के सिग्लन भी आ रहे हैं और उसी लाईन पर इंटरनेट सर्फिंग के लिए ब्राड बैंड भी आपको मिल रहा है तो भला इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। आईपीटीवी के लोकप्रिय होने के साथ ही लैंडलाइन फोन के दिन भी फिर से फिरने वाले हैं। बीच के दौर में लोग लैंडलाइन फोन कटवाकर सीडीएमए या फिर मोबाइल फोन ले रहे थे पर अब लोग ऐसा नहीं करेंगे। एमटीएनएल के बाद बीएसएनएल भी देश भर में अपने उपभोक्ताओं को आईपीटीवी देने की तकनीक पर काम कर रहा है।
वहीं पूरे देश में सबसे बड़ा आप्टिकल फाइबर केबल का नेटवर्क बिछा चुकी रिलायंस भी आईपीटीवी लेकर आने वाली है। ऐसे में हो सकता है कि आने वाले दिनों में आईपीटीवी केबल या डीटीएच की तुलना में टीवी देखने का सबसे सस्ता विकल्प हो। अब डीटीएच में फोन और इंटरनेट सर्फिंग जैसी सुविधा तो नहीं जोड़ी जा सकती है, पर टेलीफोन लाइन के साथ सब कुछ जो़ड़ा जाना संभव होगा। ऐसी हालत संभव है कि फोन के किराया के बराबर शुल्क में आपको इंटरनेट और टीवी जैसी सुविधाएं भी मिल जाएं। आईपीटीवी के बाजार में भी ज्यादा प्लेयर के आ जाने पर सस्ते में तीनों सुविधाएं देने की जंग छिड़ेगी। जैसे देश के कई इलाके में तीन तीन लैंडलाइन फोन सेवा प्रदाता हैं वे भी एक ही तार पर सभी सुविधाएं देना चाहेंगे। ऐसे में आपके घर में आने वाले अलग अलग तरह के तारों के जाल से भी आपको निजात मिल सकेगी। हम कह सकते हैं कि एंटीना के बाद केबल टीवी का दौर आया उसके बाद का दौर डीटीएच का था पर अब आने वाला दौर आईपीटीवी का और वेबकास्टिंग का होगा।
अगर इंटरनेट का अनलिमिटेड इस्तेमाल सस्ता हो जाएगा तो लोग सीधे वेबकास्टिंग के जरिये भी टीवी चैनल देख सकेंगे। इसमें हर टीवी चैनल का एक खास यूआरएल पता होता है। जैसे आप कोई साइट खोलते हैं उसी तरह सीधे साइट पर लाइव टीवी देख सकते हैं। अभी भी देश के दर्जनों चैनल वेबकास्टिंग पर सीधे उपलब्ध हैं। इंटरनेट के सस्ता और लोकप्रिय होने पर वेबकास्टिंग की विधा भी लोकप्रिय होगी। यानी दस साल बाद केबल आपरेटर और डीटीएच भी बीते जमाने की बात हो सकते हैं। टीवी देखने वालों को यह चिंता बिल्कुल नहीं होगी कि उनका अमुक प्रोग्राम छूट गया। कोई भी व्यक्ति अपना पसंदीदा कार्यक्रम जब चाहे देख सकेगा, उसे रिकार्ड कर सकेगा। सीडी या डीवीडी प्लेयर की जरूरत नहीं होगी,जब जो फिल्म देखने की इच्छा हो आप डिमांड करके मंगवा सकेंगे।
-विद्युत प्रकाश मौर्य
अगर आपने आईपीटीवी ले लिया तो समझो कि एक ही तार के कनेक्सन में आप टेलीफोन की सुविधा का लाभ भी उठा रहे हैं तो उसी लाइन पर टेलीविजन के सिग्लन भी आ रहे हैं और उसी लाईन पर इंटरनेट सर्फिंग के लिए ब्राड बैंड भी आपको मिल रहा है तो भला इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। आईपीटीवी के लोकप्रिय होने के साथ ही लैंडलाइन फोन के दिन भी फिर से फिरने वाले हैं। बीच के दौर में लोग लैंडलाइन फोन कटवाकर सीडीएमए या फिर मोबाइल फोन ले रहे थे पर अब लोग ऐसा नहीं करेंगे। एमटीएनएल के बाद बीएसएनएल भी देश भर में अपने उपभोक्ताओं को आईपीटीवी देने की तकनीक पर काम कर रहा है।
वहीं पूरे देश में सबसे बड़ा आप्टिकल फाइबर केबल का नेटवर्क बिछा चुकी रिलायंस भी आईपीटीवी लेकर आने वाली है। ऐसे में हो सकता है कि आने वाले दिनों में आईपीटीवी केबल या डीटीएच की तुलना में टीवी देखने का सबसे सस्ता विकल्प हो। अब डीटीएच में फोन और इंटरनेट सर्फिंग जैसी सुविधा तो नहीं जोड़ी जा सकती है, पर टेलीफोन लाइन के साथ सब कुछ जो़ड़ा जाना संभव होगा। ऐसी हालत संभव है कि फोन के किराया के बराबर शुल्क में आपको इंटरनेट और टीवी जैसी सुविधाएं भी मिल जाएं। आईपीटीवी के बाजार में भी ज्यादा प्लेयर के आ जाने पर सस्ते में तीनों सुविधाएं देने की जंग छिड़ेगी। जैसे देश के कई इलाके में तीन तीन लैंडलाइन फोन सेवा प्रदाता हैं वे भी एक ही तार पर सभी सुविधाएं देना चाहेंगे। ऐसे में आपके घर में आने वाले अलग अलग तरह के तारों के जाल से भी आपको निजात मिल सकेगी। हम कह सकते हैं कि एंटीना के बाद केबल टीवी का दौर आया उसके बाद का दौर डीटीएच का था पर अब आने वाला दौर आईपीटीवी का और वेबकास्टिंग का होगा।
अगर इंटरनेट का अनलिमिटेड इस्तेमाल सस्ता हो जाएगा तो लोग सीधे वेबकास्टिंग के जरिये भी टीवी चैनल देख सकेंगे। इसमें हर टीवी चैनल का एक खास यूआरएल पता होता है। जैसे आप कोई साइट खोलते हैं उसी तरह सीधे साइट पर लाइव टीवी देख सकते हैं। अभी भी देश के दर्जनों चैनल वेबकास्टिंग पर सीधे उपलब्ध हैं। इंटरनेट के सस्ता और लोकप्रिय होने पर वेबकास्टिंग की विधा भी लोकप्रिय होगी। यानी दस साल बाद केबल आपरेटर और डीटीएच भी बीते जमाने की बात हो सकते हैं। टीवी देखने वालों को यह चिंता बिल्कुल नहीं होगी कि उनका अमुक प्रोग्राम छूट गया। कोई भी व्यक्ति अपना पसंदीदा कार्यक्रम जब चाहे देख सकेगा, उसे रिकार्ड कर सकेगा। सीडी या डीवीडी प्लेयर की जरूरत नहीं होगी,जब जो फिल्म देखने की इच्छा हो आप डिमांड करके मंगवा सकेंगे।
-विद्युत प्रकाश मौर्य
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