अब अगर आप टीवी पर दर्जनों चैनल देखना चाहते हैं तो केबल आपरेटर पर आश्रित रहने की कोई जरूरत नहीं है। आज आपके पास डीटीएच जैसा विकल्प मौजूद है। पर सबसे ताजा विकल्प है आईपीटीवी का। डीटीएच के आने बाद उपभोक्ताओं को केबल टीवी का एक विकल्प मिला है। पर अब आईपीटीवी और वेबकास्टिंग जैसे विकल्प भी मौजूद हैं। याद किजिए वह दिन जब देश में सिर्फ दूरदर्शन था तो आपके पास एंटीना लगाकर टीवी देखने का विकल्प था। उसके लिए भी कई बार कमजोर सिग्नल वाले इलाके में बूस्टर लगाना पड़ता था।
बाद में शहरी क्षेत्र के लोगों को केबल टीवी देखने का विकल्प मिला। केबल टीवी में पे चैनलों का दौर आया। आज केबल टीवी आपरेटर उपभोक्ताओं को सौ से ज्यादा चैनल भी उपलब्ध करा रहे हैं। पर केबल टीवी के साथ कई समस्याएं हैं। इसमें चयन का विकल्प उपभोक्ता के पास नहीं है। वहीं डीटीएच यानी डायरेक्ट टू होम में कई तरह के विकल्प हैं। आप यहां अलग अलग तरह के चैनलों का पैकेज चुन सकते हैं। साथ इंटरैक्टिव चैनल और मूवी आन डिमांड जैसी सुविधाओं का भी लाभ उठा सकते हैं। डीटीएच के आने के बाद केबल आपरेटरों की बाजार में मोनोपोली कम हो गई है। यहां तक की कई इलाके में तो केबल वाले अपना मासिक शुल्क भी कम करने लगे हैं।
आज भारतीय बाजार में डीटीएच के रुप में भी कई विकल्प मौजूद हैं। पहला तो दूरदर्शन का फ्री में उपलब्ध डीटीएच है। इसमें अभी 35 चैनल हैं। पर डीडी के डीटीएच पर जल्द ही चैनलों की संख्या बढ़ने वाली है। इसके बाद जी नेटवर्क का डिश टीवी और स्टार और टाटा समूह का टाटा स्काई भी बाजार में उपलब्ध है। अब डीटीएच के बाजार में रिलायंस समूह का बिग डीटीएच भी उतर चुका है।
डीटीएच में कई विकल्प होने के कारण अब इसके सेट टाप बाक्स की कीमतों में भी काफी गिरावट आ रही है। जहां एक हजार से ढाई हजार में डीटीएच का कनेक्शन मिल रहा है तो कुछ कंपनियां फ्री में भी डीटीएच देने का दावा कर रही हैं। पर अब भारतीय बाजार में डीटीएच को भी मात देने के लिए आईपीटीवी भी उतर चुका है। दिल्ली मुंबई में एमटीएनएल ने एक निजी कंपनी के साथ मिलकर आईपीटीवी की सेवाएं लांच कर दी हैं। इसका सेटटाप बाक्स और रिमोट कंट्रोल एक हजार रुपये के रिफंडेबल सिक्योरिटी पर दिया जा रहा है। मात्र दो सौ रुपये के मासिक रेंट पर आईपीटीवी में सौ से ज्यादा टीवी चैनल तो हैं ही, यह डीटीएच की तुलना में ज्यादा इंटरैक्टिव भी है। मसलन आप आईपीटीवी में कोई भी वो कार्यक्रम बुलाकर देख सकते हैं। किसी प्रोग्राम का मूल प्रसारण समय शाम के सात बजे है तो उसे रात के एक बजे भी देखा जा सकता है। किसी प्रोग्राम को फास्ट फारवार्ड या रिवाइंड भी किया जा सकता है। इसमें मूवी आन डिमांड और इंटरैक्टिव टीवी जैसी तमाम सुविधाएं मौजूद हैं।
जो लोग एमटीएनल के टेलीफोन धारी हैं वे आईपीटीवी आसानी से लगवा सकते हैं, जिनके पास लैंडलाइन फोन नहीं है वे भी बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के आईपीटीवी का कनेक्शन ले सकते हैं। आईपीटीवी के आने के बाद लैंडलाइन फोन की उपादेयता एक बार फिर से बढ़ गई है। अब आपको अपने लैंडलाइन फोन पर भी फोन, टेलीविजन देखने का सुख और इंटरनेट सर्फिंग का मजा मिल सकता है। जाहिर है कि ये तीनों सुविधाएं अगर सस्ते में मिलें तो अलग अलग कनेक्शन रखने की क्या जरूरत होगी।
-विद्युत प्रकाश मौर्य
बाद में शहरी क्षेत्र के लोगों को केबल टीवी देखने का विकल्प मिला। केबल टीवी में पे चैनलों का दौर आया। आज केबल टीवी आपरेटर उपभोक्ताओं को सौ से ज्यादा चैनल भी उपलब्ध करा रहे हैं। पर केबल टीवी के साथ कई समस्याएं हैं। इसमें चयन का विकल्प उपभोक्ता के पास नहीं है। वहीं डीटीएच यानी डायरेक्ट टू होम में कई तरह के विकल्प हैं। आप यहां अलग अलग तरह के चैनलों का पैकेज चुन सकते हैं। साथ इंटरैक्टिव चैनल और मूवी आन डिमांड जैसी सुविधाओं का भी लाभ उठा सकते हैं। डीटीएच के आने के बाद केबल आपरेटरों की बाजार में मोनोपोली कम हो गई है। यहां तक की कई इलाके में तो केबल वाले अपना मासिक शुल्क भी कम करने लगे हैं।
आज भारतीय बाजार में डीटीएच के रुप में भी कई विकल्प मौजूद हैं। पहला तो दूरदर्शन का फ्री में उपलब्ध डीटीएच है। इसमें अभी 35 चैनल हैं। पर डीडी के डीटीएच पर जल्द ही चैनलों की संख्या बढ़ने वाली है। इसके बाद जी नेटवर्क का डिश टीवी और स्टार और टाटा समूह का टाटा स्काई भी बाजार में उपलब्ध है। अब डीटीएच के बाजार में रिलायंस समूह का बिग डीटीएच भी उतर चुका है।
डीटीएच में कई विकल्प होने के कारण अब इसके सेट टाप बाक्स की कीमतों में भी काफी गिरावट आ रही है। जहां एक हजार से ढाई हजार में डीटीएच का कनेक्शन मिल रहा है तो कुछ कंपनियां फ्री में भी डीटीएच देने का दावा कर रही हैं। पर अब भारतीय बाजार में डीटीएच को भी मात देने के लिए आईपीटीवी भी उतर चुका है। दिल्ली मुंबई में एमटीएनएल ने एक निजी कंपनी के साथ मिलकर आईपीटीवी की सेवाएं लांच कर दी हैं। इसका सेटटाप बाक्स और रिमोट कंट्रोल एक हजार रुपये के रिफंडेबल सिक्योरिटी पर दिया जा रहा है। मात्र दो सौ रुपये के मासिक रेंट पर आईपीटीवी में सौ से ज्यादा टीवी चैनल तो हैं ही, यह डीटीएच की तुलना में ज्यादा इंटरैक्टिव भी है। मसलन आप आईपीटीवी में कोई भी वो कार्यक्रम बुलाकर देख सकते हैं। किसी प्रोग्राम का मूल प्रसारण समय शाम के सात बजे है तो उसे रात के एक बजे भी देखा जा सकता है। किसी प्रोग्राम को फास्ट फारवार्ड या रिवाइंड भी किया जा सकता है। इसमें मूवी आन डिमांड और इंटरैक्टिव टीवी जैसी तमाम सुविधाएं मौजूद हैं।
जो लोग एमटीएनल के टेलीफोन धारी हैं वे आईपीटीवी आसानी से लगवा सकते हैं, जिनके पास लैंडलाइन फोन नहीं है वे भी बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के आईपीटीवी का कनेक्शन ले सकते हैं। आईपीटीवी के आने के बाद लैंडलाइन फोन की उपादेयता एक बार फिर से बढ़ गई है। अब आपको अपने लैंडलाइन फोन पर भी फोन, टेलीविजन देखने का सुख और इंटरनेट सर्फिंग का मजा मिल सकता है। जाहिर है कि ये तीनों सुविधाएं अगर सस्ते में मिलें तो अलग अलग कनेक्शन रखने की क्या जरूरत होगी।
-विद्युत प्रकाश मौर्य
1 comment:
IPTV का बेसब्री से इंतजार रहेगा लेकिन बी एस एन ल की सर्विस कैसे रहेगी इसमे संशंय है ।
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