सचमुच जिंदगी और मौत को भगवान के हाथ में ही होती है। इसलिए यूपी के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के आश्रम में जिन लोगों की मौत हुई उसमें कृपालु महाराज का कोई दोष नहीं है। क्योंकि जो लोग अचानक मची भगदड़ में काल के गाल में समा गए उन्हें भगवान ने जल्दी अपने पास बुला लिया। भला इसमें कृपालु महाराज का दोष…वे तो वैसे भी इंसान को भगवान से मिलाने का काम जीवन भर करते आए हैं। लेकिन मैं कहता हूं कि भगवान किसी को इतनी गरीबी भी मत देना जितनी की कुंडा में कृपालु महाराज के आश्रम में जुटी भीड़ में जुटे लोगों को दे रखी थी। सुना है कि वे सभी लोग महज 20 रूपये, चार लड्डू और एक थाली ग्लास के लिए वहां जुट गए थे। हम क्या करें हिंदुस्तान के कई इलाकों में इतनी गरीबी है कि लोग दो मुट्ठी चावल के लिए दौड़ पड़ते हैं। खैर दुर्घटना के बाद कृपालु महाराज ने बहुत कृपा बरसाई है। उन्होने भंडारे का आयोजन और गरीबों को रूपये बांटने का सिलसिला जारी रखा है। लगता है महाराज के पास अनाज का भंडार और रूपये की कोई कमी नहीं है। मुझे तो लगता है कि देश भर के स्कूलों में चलाए जाने वाले मिड डे मील का ठेगा कृपालु महाराज को ही दे देना चाहिए।
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4 comments:
दया के सागर, दुखहर्ता, जीवरक्षक, सन्तशिरोमणि, परमपूजनीय बाबा कृ्पालु जी महाराज की जय्!!!
नारा तो हमने लगा दिया...अब कुछ प्रसाद व्रसाद का इन्तजाम भी तो करिए :-)
बहुत दुखद और अफसोसजनक घटना.
दुखद.nice
देश भर के स्कूलों में चलाए जाने वाले मिड डे मील का ठेगा कृपालु महाराज को ही दे देना चाहिए।
सर जी आईडिया तो बड़ा ही जबरदस्त है इस पर अमल होना ही चाहिए
Dharmender yadav faridabad
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