Friday, 20 August 2010

आम आदमी के लिए साहित्य

किताबें आदमी की मेहरबान दोस्त होती हैं। लेकिन हिंदी साहित्य में आजकल अलपमोली पुस्तकें छापने का चलन खत्म होता जा रहा है। अधिकांश प्रकाशक पेपर बैक के बजाए लाइब्रेरी संस्करण छापते हैं, जिसे आम पाठक खरीदकर पढ नहीं सकता। खरीदे भी भला कैसे जब किसी नए लेखक की 100 पेज की किताब 200 से 300 रूपये की आएगी। लेकिन देश के कुछ प्रकाशक आज भी लागत मूल्य पर किताबें छापने की सुंदर प्रयास कर रहे है। इसी तरह का बीडा़ उठाया है बोधि प्रकाश जयपुर ने। प्रकाशक ने दस दस रुपये में 10 किताबों का सेट प्रकाशित किया है। यानी 100 रूपये मे दस किताबें। सभी किताबों का कवर आकर्षक है। दस लेखकों में चार तो देश भर में जान पहचाने हैं। प्रकाशक ने इन पुस्तकों का नाम दिया पुस्तक पर्व। आम लोगों तक सद साहित्य को पहुंचाने का ये प्रयास स्तुत्य है।






पुस्तकों के सेट




कहानी


आठ कहानियां – महीप सिंह


गुडनाइट इंडिया- प्रमोद कुमार शर्मा


घग्घऱ नदी के टापू- सुरेंद्र सुंदरम


कविता


जहां उजाले की रेखा खींची है – नंद चतुर्वेदी


भीगे डैनो वाला गरुण – विजेंद्र


आकाश की जात बता भैया- चंद्रकांत देवताले


प्रपंच सार सुबोधिनी – हेमंत शेष


विविध


कुछ इधर की कुछ उधर की- हेतु भारद्वाज


जब समय दोहरा रहा हो इतिहास- नासिरा शर्मा


तारीख की खंजड़ी - सत्यनारायण


- इन किताबों के सेट को डाक से भी मंगाया जा सकता है।


प्रकाशक का पता


बोधि प्रकाशन


एफ 77, सेक्टर 9, रोड नंबर 11, करतारपुरा इंडस्ट्रियल एरिया, बाइस गोदाम,  जयपुर- 3020 06


फोन- 0141- 250 3989 मो. 98290 18087

No comments: