Tuesday, 25 May 2010

सरकार का एक साल

जनता ने आपका पांच साल और सरकार चलाने का मौका दिया। एक साल बाद आपने कहा सरकार हर मोर्चे पर सफल। हां सरकार सफल तो है...दूसरी बार कमान संभालने के बाद आपने जनता को चूस ही तो लिया लेकिन लोग उफ भी नहीं कर सके...चीनी इतनी महंगी कर दी नौनिहालों को बिना चीनी के दूध पीने की आदत पड़ गई। दाल इतनी महंगी हो गई कि लोगों को 100-100 ग्राम के पाउच खरीदने को मजबूर होना पड़ा। 

लेकिन आपने यहां भी सितम ढाना नहीं छोड़ा। तेल के दाम इतने बढ़ा दिए कि मिड्ल क्लास लोगों का भी सड़क पर चलना मुश्किल हो गया। हाल में खबर आई है कि प्राकृतिक गैस भी महंगी होगी तो जाहिर है कि बिजली भी महंगी होगी। जैसा कि आपके उर्जा मंत्री ने चेता ही दिया है। बिजली महंगी होगी। रसोई गैस, पाइप लाइन से आने वाली गैस, सीएनजी सबकुछ मंहगी होगी। जाहिर है आम आदमी का सफर यानी पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी महंगा हो जाएगा। लेकिन अपनी यूपीए-2 के एक साल पूरे होने पर न जाने आप किस महंगाई पर आने वाले छह महीने में काबू कर लेने बात कर रहे हैं....

हमने माना कि तगाफुल ना करोगे लेकिन,


खाक हो जाएंगे हम तुमको खबर होने तक।


पहले आपके कृषि मंत्री ने गरीबों की गरीबी का मजाक उड़ाया था ये कहते हुए कि अगर चीनी महंगी हो गई तो ऐसी कोई चीज तो महंगी नहीं हो गई जिसके खाए बिना आदमी मर जाए। हां काफी हद तक सही भी है गरीब आदमी तो बिना चीनी के ही गुजारा कर सकता है। उसके शरीर को भला ग्लूकोज की क्या जरूरत...कुपोषण से पीड़ित लोगों को अरहर और मूंग का दाल खाने की क्या जरूरत। वे पीली मटर की दाल खाएं जिसे आप विदेशों से मंगवा रहे हैं। सुना है विदेशों में इसे जानवर खाते हैं। वहां दस रूपये किलो बिकने वाली पीली मटर की दाल अपने देश में 30 रूपये किलो बिक रही है। गरीब आदमी का क्या है वह कुछ भी खाकर गुजारा कर सकता है। आप तो अमीरों की चिंता करते हैं इसलिए सस्ती कारें बाजार में पेश कर लोगों को सब्जबाग दिखा रहे हैं...सचमुच आपकी उपलब्धियां बहुत शानदार हैं। आपके राज में निर्दोष लोगों का, गरीबों का खून हो रहा है। नक्सलवादी आम लोगों को मार रहे हैं। फौजियों को भी मार रहे हैं। देश के नक्शे में उनके वारदात की सीमाएं बढ़ती जा रही हैं। फिर भी आप अपने कार्यकाल को सफल बता रहे हैं। आपका नाम मनमोहन है तो सचमुच आपने अपनी बातों से मन मोह ही लिया है। चलिए थोड़ी देर के लिए हम भी खुश हो लेते हैं। बकौल शायर...


हमको मालूम है जन्नत की हकीकत


लेकिन दिल को खुश रखने को गालिब ये ख्याल अच्छा है।


- विद्युत प्रकाश


1 comment:

पंकज मिश्रा said...

सरकार के एक साल का सुन्दर वर्णन। आम आदमी की समस्या सामने आ रही है। अच्छी और तथ्यपरक पोस्ट के लिए बधाई।
http://udbhavna.blogspot.com/