Monday 12 March 2012

मैनेजमेंट गुरू से राजनीति का सफर

अभिषेक मिश्रा यूपी में समाजवादी पार्टी के बदलते हुए चेहरे के प्रतीक हैं। लखनऊ उत्तर से चुनाव जीत कर विधान सभा में कदम रखने वाले अभिषेक मिश्रा आईआईएम अहमदाबाद में प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर आए हैं। 

भले ही कुछ लोग समाजवादी पार्टी को गुंडों और जेल से चुनाव लड़ने वाले नेताओं की पार्टी मानते हैं लेकिन अब समाजवादी पार्टी तेजी से बदल रही है। मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश खुद भी विदेशी विश्वविद्यालयों से ऊंची पढ़ाई पढ़कर राजनीति में आए हैं। 


बताया जा रहा है कि आईआईएम में पढ़ा रहे अभिषेक को अखिलेश यादव ने दो साल पहले समाजवादी पार्टी से जोड़ा। पार्टी की नीतियां बनाने में इस मैनेजमेंट गुरू की बड़ी भूमिका रही है।

 समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र में छात्रों को मुफ्त में लैपटॉप और टैबलेट देने की बात हो या फिर बेरोजगारी भत्ता और शिक्षा को लेकर नई योजनाएं इन सबके पीछे थींक टैंक के रूप में अभिषेक मिश्रा काम कर रहे थे। ये अभिषेक और अखिलेश द्वारा बनाई गई चुनावी रणनीति का एक भाग है, जिसे पार्टी पूरा करने के हर संभव प्रयास करेगी। इतना ही नहीं प्रचार प्रसार के लिए अखिलेश यादव ने वही तरीके अपनाए, जो अभिषेक मिश्रा ने उन्हें  सुझाया। हालांकि अभिषेक पार्टी के थींक टैंक ही बने रहना चाहते थे लेकिन बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने अभिषेक को चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया।

अभिषेक मिश्रा आईआईएम में मैनेजमेंट के छात्रों को बिजनेस पॉलिसी पढ़ाते थे। वे पूर्व आईएएस जेएस मिश्र के बेटे हैं लेकिन अब मैनजमेंट की क्लास छोड़कर राजनीति की रपटीली राहों पर चल पड़े हैं। अभिषेक जैसे चेहरे से उम्मीद की जा सकती है कि यूपी की राजनीति का चेहरा जरूर बदलेगा। साथ ही वे समाजवादी पार्टी की छवि को भी बदलने में सहायक होंगे जिसे आमतौर पर यूपी में लाठी भांजने वालों की पार्टी माना जाता है। उम्मीद है अखिलेश यादव उनका बेहतर उपयोग करेंगे और दोनों युवा मिलकर यूपी में नई इबारत लिखेंगे।

- विद्युत प्रकाश मौर्य

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