कैरियर के बीच में कई बार ऐसा समय आ जाता है जब आपको नौकरी ढूंढने में दिक्कत होती है या वर्तमान स्थान पर खुद को एडजस्ट करने में परेशानी होती है। ऐसी दिक्कतों से थोड़ी कोशिश करके निपटा जा सकता है। आप अपनी नौकरी भी बदल सकते हैं, परेशानी दूर कर सकते हैं और जीवन खुशहाल बना सकते हैं। अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग किसी भी पड़ाव पर जॉब बदल लेते हैं, लेकिन कुछ लोग अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनी नौकरी बदलते हैं। इसका कारण लीडरशिप क्वालिटी में अंतर का होना है। जो लोग कैरियर में लगातार एक्टिव बने रहते हैं उन्हें ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है वहीं जो लोग ज्यादा एक्टिव नहीं रहते हैं उन्हें परेशानी पेश आती है।
जीवन में सार्थक मिशन बनाएं
अक्सर करियर के मध्यकाल में लोग आपके काम अर्थ को लेकर ज्यादा सवाल उठाते हैं, साथ ही कंपनी के मिशन की वैल्यू, नौकरी में आजादी और अपने योगदान आदि के बारे में ज्यादा सोचा जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि इस स्तर पर आकर खुद को कंपनी के साथ जोड़कर रखना मुश्किल लगने लगता है।
ऐसे में लोगों का अपनी वर्तमान जगह और नौकरी, दोनों से मोह टूटने लगता है। काम करने में मन नहीं लगता है और व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है। कई बार ऐसा तब होता है जब आपके जीवन में कोई मिशन नहीं हो। अगर आप जीवन में मिशन लेकर चल रहे हैं तो करियर में बोरियत भरा नहीं होता।
दीर्घकालिक योजना बनाएं
कभी भी करियर को एक दो महीनों या साल में नहीं बल्कि लंबी अंतराल के रूप में देखना चाहिए और इसी के हिसाब से योजना बनानी चाहिए। करियर का लक्ष्य तय करते समय लंबी अवधि के विकल्प पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही करियर में हमेशा पारदर्शिता बरतनी चाहिए। इससे एक तरफ जहां कार्य स्थल में आपकी विश्वसनीयता बढ़ेगी वहीं दूसरी तरफ खुद आपका आत्मविश्वास भी बना रहेगा।
खुद को नया बनाएं
समय कुछ नया करने का है। चाहे कोई भी क्षेत्र हो अगर आगे बढऩा है तो हमेशा कुछ नए की जरूरत होती है। इसलिए हमेशा इस बात की कोशिश करते रहना चाहिए जो कुछ भी नया हो रहा है उसे सीखा जाए और अच्छे से अपनाया जाए। हर प्रोफेशनल क्षेत्र में विशेष रूप से लागू होता है। कुछ लोग करियर के शुरुआत में जो सीखते हैं उससे आगे कुछ नया नहीं सीखना चाहते हैं।
जीवन में सार्थक मिशन बनाएं
अक्सर करियर के मध्यकाल में लोग आपके काम अर्थ को लेकर ज्यादा सवाल उठाते हैं, साथ ही कंपनी के मिशन की वैल्यू, नौकरी में आजादी और अपने योगदान आदि के बारे में ज्यादा सोचा जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि इस स्तर पर आकर खुद को कंपनी के साथ जोड़कर रखना मुश्किल लगने लगता है।
ऐसे में लोगों का अपनी वर्तमान जगह और नौकरी, दोनों से मोह टूटने लगता है। काम करने में मन नहीं लगता है और व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है। कई बार ऐसा तब होता है जब आपके जीवन में कोई मिशन नहीं हो। अगर आप जीवन में मिशन लेकर चल रहे हैं तो करियर में बोरियत भरा नहीं होता।
दीर्घकालिक योजना बनाएं
कभी भी करियर को एक दो महीनों या साल में नहीं बल्कि लंबी अंतराल के रूप में देखना चाहिए और इसी के हिसाब से योजना बनानी चाहिए। करियर का लक्ष्य तय करते समय लंबी अवधि के विकल्प पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही करियर में हमेशा पारदर्शिता बरतनी चाहिए। इससे एक तरफ जहां कार्य स्थल में आपकी विश्वसनीयता बढ़ेगी वहीं दूसरी तरफ खुद आपका आत्मविश्वास भी बना रहेगा।
खुद को नया बनाएं
समय कुछ नया करने का है। चाहे कोई भी क्षेत्र हो अगर आगे बढऩा है तो हमेशा कुछ नए की जरूरत होती है। इसलिए हमेशा इस बात की कोशिश करते रहना चाहिए जो कुछ भी नया हो रहा है उसे सीखा जाए और अच्छे से अपनाया जाए। हर प्रोफेशनल क्षेत्र में विशेष रूप से लागू होता है। कुछ लोग करियर के शुरुआत में जो सीखते हैं उससे आगे कुछ नया नहीं सीखना चाहते हैं।
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