क्या गूगल हमें लाचार बना रहा है। क्या गूगल जैसे सर्च इंजनों के कारण लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर पड़ती जा रही है। ये एक बड़ा सवाल आजकल हमारे सामने है। कुछ शोध में परिणाम सामने आया है कि गूगल जैसे सर्च इंजनों पर लगातार बढ़ती निर्भरता के कारण लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर पड़ती जा रही है। पहले जहां कोई भी नई जानकारी लेनी हो तो हम सबसे पहले अपने दिमाग पर जोर डालते थे, लेकिन अब जब किसी के बारे में जानकारी लेने की बात सामने आती है तो लोग सर्च इंजन का सहारा लेने लगते हैं। इंटरनेट पर गूगल के अलावा बिंग, खोज, याहू सर्च जैसे कई सर्च इंजन हैं। लेकिन गूगल पर बढ़ती आत्मनिर्भरता घातक भी हो सकती है। हो सकता है आप एक दिन वैचारिक रूप से विकलांग बन जाएं।
याद किजिए जिस जमाने
में सर्च इंजन नहीं थे आखिर कैसे काम होता था। हमें किसी भी तरह की जानकारी के लिए
अपनी स्मरण शक्ति पर भरोसा करना पड़ता था, या फिर आसपास के किसी काबिल आदमी से
पूछना पड़ता था। जब किसी को नहीं पता होता था तब इयर बुक रेफरेंस बुक का सहारा
लिया जाता था। लोग अपनी जानकारी के लिए डायरी तैयार करते थे। अब रेफरेंस बुक, इयर
बुक और लाइब्रेरी का इस्तेमाल कम हो गया है। लोग कोई भी जानकारी लेने के लिए फटाफट
सर्च इंजनों का सहारा लेने लगते हैं। लेकिन सर्च इंजनों के लगातार इस्तेमाल ने जाहिर
है हमें लापरवाह बना दिया है। लोगों में डायरी बनाने की प्रवृति कम हो गई है।
हमलोग सब कुछ आनलाइन ढूंढना चाहते हैं। जाहिर सर्च इंजन ने कई मुश्किलें आसान तो
की हैं। एक माउस के क्लिक भर से दर्जनों रिजल्ट आपकी आंखों के सामने होते हैं
लेकिन इससे दिमाग का इस्तेमाल करने की प्रवृति भी कम हुई है।
वैसे भी हमें सर्च
इंजनों के इस्तेमाल से मिले रिजल्ट को लेकर सावधान रहना चाहिए क्योंकि कई बार सर्च
इंजन के रिजल्ट भी गलत हो सकते हैं। क्योंकि सर्च इंजन या विकिपिडिया जैसी साईटों
पर जानकारी भी हमारे आपके जैसे लोग ही अपडेट करते हैं। एक ही सर्च की गई जानकारी
के रिजल्ट कई बार अलग अलग भी निकल आते हैं। ऐसे में सही क्या है इसको तय करने में
विवेक का इस्तेमाल भी जरूरी है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में ब्लागर भी बन चुके
हैं। ब्लाग पर भी डाली गई जानकारियां सर्च इंजन में दिखाई गई हैं। लेकिन कई बार
ब्लाग पर दी गई जानकारियां गलत और भ्रामक भी हो सकती हैं।
भले ही आज इंटरनेट
यूजर सर्च इंजनों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन सूचनाओं को सहेजने के लिए आज भी
डायरी लिखना अच्छी प्रवृति हो सकती है। आप जिस क्षेत्र में जानकारी बढ़ाना चाहते
हों उसकी फाइलिंग करें। हर साल इयर बुक खरीदें। इससे पढ़ने और याद रखने की प्रवृति
बची रहेगी। यानी सिर्फ सर्च इंजनों पर आत्मनिर्भरता सही प्रवृति नहीं है। हमेशा नई
नई किताबें पढ़ते रहना और मेमोरी टिप्स को आजमाना भी अच्छा रहेगा।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य
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