Wednesday, 1 January 2014

हर मोड़ पर प्रेरणा देती है मानसप्रिया

कोच्चि- चाइनीज फिशिंग नेट। 
जब कभी आप दुखी और निराश होते हैं तो कई बार आपन महसूस किया है कोई आपको चुपके से आकर आपको कह जाता है उठो जागो और दुबारा कोशिश करो। आप अपनी विफलता का शोक मना रहे होतें पर आपके अंदर से एक आवाज आती है नहीं लंबी जिंदगी पड़ी है चलो इसका साथ निभाओ। वह मानसप्रिया ही तो है जो आपको हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

यह निर्विवाद सी बात है कि हर सफल आदमी अक्सर भावुक होता है। पर उसकी सफलता में किसी न किसी की प्रेरणा का योगदान होता है। यह प्रेरणा ही आपकी मानसप्रिया है। मानसप्रिया यानी जो मन को प्रिय लगे जो मन को भाती हो। यह मूर्त भी हो सकती है। अमूर्त भी। यह आपकी दोस्त भी हो सकती है। आपकी प्रेमिका भी। यह आपके मानस पटल में आपकी कल्पना भी हो सकती है। पर मानसप्रिया हमेशा आपको संघर्ष करने के लिए प्रेरित करती रहती है। यहां तक की दुनिया के अधिनायक स्वभाव के व्यक्ति भी कहीं न कहीं भावुक होते हैं। वे भी किसी न किसी से प्रेरणा प्राप्त कर रहे होते हैं। जैसे हिटलर और ओसामा बिन लादेन के प्रेम के बारे में भी हमें सुनने को मिलता है।

दुनिया के हर कोने में प्रेरित होने के उदाहरण मिलते हैं। कई वैज्ञानिकों ने किसी से प्रेरित होकर अविष्कार किए। एक खेत मजदूर को उसकी पत्नी रोज दोपहर का खाना देने आती थी। उसे लंबा रास्ता तय करना पड़ता था। बीच में पहाड़ पड़ता था। उस मजदूर ने पहाड़ को खोदना शुरू किया। कुछ दिनों में सुरंग बना दिया। कई महान लोगों को जीवन में किसी मोड़ पर किसी के द्वारा कही बात इस तरह दिल को छू जाती है कि उसे पूरा करने के लिए वे सालों लगा देते हैं। वह मानसप्रिया ही तो है जिसकी बातें आपके मानस पटल के किसी कोने में सालों तक बैठी रहती है। आपको ऐसा लगता है मानो कोई आपको अभी अभी आपको आकर कह रहा हो। हां हां तुम्हे ऐसा ही करना है। आप महसूस करके देखिए। आपके अंदर भी एक मानसप्रिया रहती है जो आपको प्रेरित करती रहती है।

मानसप्रिया कई बार आपको कोई गलत कदम उठाने से रोक लेती है। कई बार अपराध करने की प्रवृति को दबा देती है। हो सकता है कि किसी की मानसप्रिया किसी को गलत काम करने को भी प्रवृत करती हो पर ऐसा बहुत कम ही होता है। सच्चे अर्थों में मानसप्रिया की परिकल्पना ऐसी ही है जो विपरीत परिस्थितियों में आपके व्यक्तित्व को विघटित होने से बचा ले। जब आप अनिर्णय की स्थिति में होते हैं। आपको समझ में नहीं आता कि कौन सा रास्ता चुनना उचित होगा। ऐसे में मानसप्रिया आपको सही रास्ता बताती है। वह एक अंतःप्रेरणा की तरह है। बस आपको महसूस करने की बात है।

अगर आपकी मानसप्रिया की परिकल्पना मूर्त रूप में है तो वह आपकी पत्नी आपकी बहन, आपकी प्रेमिका या और भी कोई हो सकती है। आप रिश्तों के प्रति इमानदार रहें तो आपको कोई न कोई मिल जाएगा जो आपको हमेशा सही सलाह देता हो। याद रखिए मानसप्रिया आपकी पत्नी की सौतन या आपकी कोई रखैल या अवैध संबंध नहीं हो सकती। वह आपकी अच्छी दोस्त हो सकती है जो आपको हमेशा सही कदम उठाने को ही सलाह देती हो।
-विद्युत प्रकाश मौर्य

No comments: