Saturday, 13 October 2018

चले जाना आज के भागीरथ का..


भागीरथ बड़ी तपस्या और लंबी कोशिश के बाद गंगा को धरती पर उतार लाए थे। पर आज हम जीवनादायिनी गंगा को अविरल और निर्मल रखने में नाकाम साबित हो रहे हैं। 11 अक्तूबर 2018 को गंगा पुत्र और महान पर्यावरणविद स्वामी ज्ञानस्वरुप सानंद यानी जीडी अग्रवाल ने 112 दिन आमरण अनशन के बाद दम तोड़ दिया।


22 जून 2018 से जीडी अग्रवाल गंगा सफाई की मांग को लेकर 'आमरण अनशन' पर बैठे हुए थे। उनकी प्रमुख मांग थी कि गंगा और इसकी सह-नदियों के आस-पास बन रहे हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के निर्माण को बंद किया जाए। पर्यावरणविद् जीडी अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने छोटे भाई के रूप में संबोधित करते हुए गंगा सफाई के लिए तीन बार बड़ा ही भावुक पत्र लिखा था, लेकिन उन्हें एक भी पत्र का कोई जवाब नहीं मिला।


जीडी अग्रवाल का जन्म कांधला जिला मुजफ्फरनगर में 20 जुलाई 1932 को हुआ था। वे आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर रह चुके थे। उन्होंने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य की ज़िम्मेदारी भी उन्होंने निभाई। यूनिवर्सिटी ऑफ बर्कले से पीएचडी करने वाले और आगे चलकर आईआईटी कानुपर में सिविल एंड एन्‍वायरनमेंटल इंजीनियरिंग के हेड बने।  बाद में उन्होने संन्यास लिया और अपना नाम स्वामी ज्ञान स्वरूप उर्फ सानंद रखा। प्रो. अग्रवाल ने 2008-2012 के बीच 4 बार गंगा नदी की रक्षा के लिए अनशन किया। 

इससे पहले 2011 में स्वामी निगमानंद की मौत
गंगा की खातिर 114 दिन तक अनशन करते हुए इससे पहले स्वामी निगमानंद की भी मौत हुई थी। गंगा में खनन पर रोक लगाने की मांग को लेकर अनशन पर गए निगमानंद सरस्वती का 13 जून 2011 को देहरादून स्थित जौलीग्रांट अस्पताल में निधन हो गया था। 


मदन मोहन मालवीय और गंगा सभा -  (1916 ) गंगा को अविरल बहने देने को कोशिशें काफी पुरानी है। आजादी से पहले मदन मोहन मालवीय ने 1916 में गंगा सभा के मंच से इसके लिए प्रयास किए थे। उन्होंने हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों के साथ मिलकर गंगा सभा की स्थापना की थी। तब मालवीय जी ने गंगा पर बांध बनाए जाने की ब्रिटिश सरकार की योजना का विरोध किया था। 

राम तेरी गंगा मैली – 1980 के गंगा जल के प्रदूषित होने का मामला पर्यावरणविदों द्वारा जोर शोर से उठाया जाना लगा था। साल 1985 में राजकपूर  की फिल्म राम तेरी गंगा मैली ने गंगा के प्रदूषण के मुद्दे को एक प्रेम कथा के माध्यम से उठाया था। इससे आम जन मानस तक गंगा के मैली होने का संदेश पहुंचा था।

स्वच्छ गंगा फाउंडेशन – प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने 1984 के बाद गंगा की सफाई के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास शुरू करवाए थे। उसके बाद गंगा की सफाई के लिए हजारों करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। पर गंगा अभी मैली ही है।

गंगा सागर से गंगोत्री तक साइकिल यात्रा -  सुंदरलाल बहुगुणा – गंगा सागर से गंगोत्री साइकिल यात्रा – 1991 में पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा ने गंगा पर देश व्यापी चेतना के लिए गंगा सागर से गंगोत्री तक साइकिल यात्रा निकाली थी। इस यात्रा में 40 से ज्यादा लोगों के दल ने कई महीने में देश के अलग अलग राज्यों में अलख जगाया था।
- विद्युत प्रकाश मौर्य

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