Wednesday, 20 November 2019

महंगा हो जाएगा भूटान घूमना


भारत के लोगों के लिए भूटान घूमना महंगा हो सकता है। भूटान क्षेत्रीय देशों से पर्यटकों के आने पर शुल्क लगाने की योजना बना रहा है। इनमें मालदीव और बांग्लादेश के साथ भारत भी शामिल है। अब तक इन देशों को भूटान में पर्यटन के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता था।
पर्यटन नीति के ड्राफ्ट को अगले महीने तक भूटानी मंत्रिमंडल अंतिम रूप दे देगी। इस सिलसिले में दिल्ली में भूटान के विदेश मंत्री तांदी दोरजी ने 18 नवंबर 2019 को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात कर बातचीत की।

भूटान की पर्यटन परिषद (टीसीबी) के तैयार किए मसौदे के मुताबिक नई शुल्क का प्रस्ताव क्षेत्र से पर्यटनों की बढ़ती तादाद के मद्देनजर पेश की गई है। बाकि देशों की तुलना में भारतीय, बांगलादेशी और माल्दीव से आने वाले पर्यटकों को किसी तरह का भुगतान करना जरूरी नहीं था और वे बिना वीजा के भी भूटान घूमने जा सकते थे।  नई नीति के अनुसार अब इन पर्यटकों को सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस और परमिट प्रोसेसिंग फीस अदा करना होगा।
1.80 लाख भारतीय एक साल में भूटान गए - 
2018 में भूटान जाने वाले पर्यटकों की तादाद 2 लाक 74 हजार थी। इसमें से 2 लाख क्षेत्रीय पर्यटक थे जिसमें से 1 लाख 80 हजार पर्यटक केवल भारत से गए थे।

भूटानी सरकार क्षेत्रीय पर्यटकों को ऑनलाइन पेश किए जाने वाले कम किराए के ठहरने की जगह का उपयोग करने से रोकना चाहती है क्योंकि इससे गैर-पंजीकृत गेस्ट हाउस और होम स्टे की तादाद में बढ़ोतरी हो रही है।

स्मारकों का शुल्क भी महंगा होगा
भूटान पर्यटन परिषद (टीसीबी) ने देश के विभिन्न स्मारकों में प्रवेश शुल्क को जनवरी 2020 से बढ़ाने का फैसला लिया है। पारो जिले स्थित टाइगर नेस्ट के विजिटिंग फी को 7.14 डॉलर से बढ़ाकर 14.25 डॉलर किया जाएगा। जबकि ताशिचो-जोंग, मेमोरियल चोर्टेन और सहित अन्य स्मारकों में यह फी 4.28 डॉलर से 7.14 डॉलर तक बढ़ा दिया जाएगा। हालांकि छात्रों को इस शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
 - विद्युत प्रकाश मौर्य- vidyutp@gmail.com 


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