मोती
लाल गोल्फ गुरु - जन्म - 1946 निधन -19 अक्तूबर 2019
गोल्फ
गुरु के नाम से विख्यात मोतीलाल 19 अक्तूबर 2019 को इस दुनिया को छोड़कर चले गए।
उन्होंने अपने जीवन में तकरीबन 850 लोगों को गोल्फ खेलने का प्रशिक्षण दिया। इसमें बड़ी संख्या में नौकरशाह और राजनेता शामिल थे।
गोल्फ के कोच के तौर पर उनकी अंतरराष्ट्रीय ख्याति थी। वे गोल्फ की कोचिंग के साथ ही गोल्फ से जुड़े तमाम उत्पादों का निर्माण भी करते थे। उनकी ज्योतिष में भी गहरी रूचि थी। 19 अक्तूबर को यशोदा अस्पताल में उनका निधन हो गया।
गोल्फ के कोच के तौर पर उनकी अंतरराष्ट्रीय ख्याति थी। वे गोल्फ की कोचिंग के साथ ही गोल्फ से जुड़े तमाम उत्पादों का निर्माण भी करते थे। उनकी ज्योतिष में भी गहरी रूचि थी। 19 अक्तूबर को यशोदा अस्पताल में उनका निधन हो गया।
मैं
पिछले दो दशक से लगातार उनके संपर्क में रहा। साल 1997 के मार्च महीने में उनका एक
लंबा साक्षात्कार मैंने अपने अखबार कुबेर टाइम्स के लिए किया था। वे बहुमुखी
प्रतिभा के धनी थे आखिरी दिनों में जब उनसे मुलाकात हुई तो वे पारंगत ज्योतिषी बन
गए थे। उन्होंने मेरे बेटे की जन्म कुंडली तुरंत बना डाली।
वैसे
तो गोल्फ को हमेशा से संभ्रांत लोगों को खेल माना जाता है। पर कई पीढ़ियों से
गोल्फ से जुड़ा मोती लाल का परिवार बिहार के समान्य पृष्ठभूमि से आता था।
उनका परिवार बिहार के बक्सर जिले से आता था। पिता हीरा लाल भी जाने माने गोल्फ के कोच थे। दादा किशन कोईरी भी गोल्फ को कोच थे। वे शिलांग के गोल्फ कोर्स में गोल्फ सिखाया करते थे। पिता हीरा लाल को लार्ड माउंट बेटन अपने साथ दिल्ली लेकर आए। पिता के साथ तकरीबन तीन साल की उम्र से ही मोतीलाल गोल्फ कोर्स में जाने लगे थे।
उनका परिवार बिहार के बक्सर जिले से आता था। पिता हीरा लाल भी जाने माने गोल्फ के कोच थे। दादा किशन कोईरी भी गोल्फ को कोच थे। वे शिलांग के गोल्फ कोर्स में गोल्फ सिखाया करते थे। पिता हीरा लाल को लार्ड माउंट बेटन अपने साथ दिल्ली लेकर आए। पिता के साथ तकरीबन तीन साल की उम्र से ही मोतीलाल गोल्फ कोर्स में जाने लगे थे।
मोती
लाल ने जिन लोगों को गोल्फ का प्रशिक्षण दिया उनमें राजनेताओं और आईएएस की लंबी
फेहरिस्त शामिल है। अपनी तमाम व्यस्तताओं के बीच वे कई मोर्चो पर सक्रिय रहते थे। गोल्फ कोचिंग, अपनी कंपनियों को देखना, समाजिक समारोहों में भागीदारी के बीच परिवार और दोस्तों के लिए समय निकाल लेना उनकी विशेषता थी। वे 24 घंटे में बमुश्किल पांच घंटे ही सोते थे। रात को 11 बजे सोने के बाद सुबह के चार बजे वे नोएडा गोल्फ क्लब में मौजूद मिलते थे।
- vidyutp@gmail.com
( MOTILAL, GOLF, HIRALAL, SANDEEP KASHYAP )
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