ब्रह्मभोज
नाम है इस कथा संग्रह का। इसमें कुल 17 कहानियां
हैं। इन सबका परिवेश बिहार झारखंड का गांव गिरांव है। पर लेखक अपनी शैली से आपको
बांधे रखते हैं। कहने शैली सहज और चमत्कारी है। पहली कहानी पकड़वा दमदार है। यह
बिहार के पकड़वा विवाह पर आधारित है।
पुस्तक के लेखक सचिदानंद सिंह पेशे से बैंकर हैं । सेंट स्टीफेंस में
पढ़ाई की है। पर उनकी कहानियों में बिहार झारखंड की मिट्टी की खुशबू रची बसी है।
उनकी कहानियों के पात्र आपके अड़ोस पड़ोस में रहने वाले लोग हैं। आप जब कहानियां पढते हैं तो इन पात्रों के संग चलने लगते हैं। कहानियां मौलिकता से रची बसी हैं। वे आपका खूब मनोरंजन भी करती हैं और बिहार झारखंड के लोगों से आपका परिचय भी कराती हैं।
पुस्तक : ब्रह्मभोज
प्रकाशक : अनुज्ञा बुक्स
मूल्य : 200 रुपये
: विद्युत प्रकाश मौर्य vidyutp@gmail.com
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