जी हां आखिर कहां जाएं प्रेमी।
पार्क में अगर प्रेमी
प्रेमिका बैठकर प्यार के दो मीठे
बोल बोलते हैं तो पुलिस डंडे
बरसाती है। लाइब्रेरी के
किताबों के बीच छुप-छुप कर प्यार की बातें
करो को लाइब्रेरियन बाहर
जाने के कहता है। अब भला
सड़क पर बैठकर प्यार की बातें तो
की नहीं जा सकती। या कि अपने
मम्मी डैडी के पास खुलेआम अपनी
प्रेमिका को लेकर भी नहीं
जाया जा सकता है। बेचारे मेरठ के
प्रेमियों के पास लेदेकर वही
एक अच्छा पार्क पर था पर
वहां भी पुलिस आ गई रंग में भंग
डालने। आपरेशन भी उसने ऐसा चलाया
कि बेचारे मजनू की आत्मा भी
सुबकती होगी। मजनू तो भले ही
असफल प्रेमी रहा हो पर था तो वह
बड़ा शरीफ व मजबूर। पुलिस
वालों ने तो उसका नाम भी बदनाम
करके रख दिया। मेरठ की इस
घटना से दुनिया भर के प्यार करने
वालों का दिल भर आया है।
पाकिस्तान की एक हसीन शायरा ने लिखा
है-
जब कोई दर्दे मुहब्बत
की सजा पाता चोट उसे लगती है, दिल मेरा भर आता है।
सो मेरठ
के प्यार करने
वालों निराश न होना। जो पुलिस के
डंडे के निशान तुम्हारे पीठ
पर पड़े हैं उसका दर्द
कश्मीर से कन्याकुमारी तक के
प्यार करने वाले दिल महसूस कर
रहे हैं। क्या करें प्यार
करने वालों का कोई संगठन नहीं
है नहीं देश भर में पुलिस के
खिलाफ धरना प्रदर्शन जरूर
करवाते। अब यश चोपड़ा करन जौहर या
महेश भट्ट को इस प्रकरण से
प्रेरणा लेकर कोई फिल्म जरूर
बनानी चाहिए।
बात यहीं खत्म नहीं
होती। सुना है कि दिल्ली के
चिड़ियाघर में प्यार भरी मीठी
बात करने वालों पर भी
प्रशासन की टेढी नजर हैं। उन्हें
तंग करन के लिए उनके पीछे
हिजड़े छोड़ दिए जाते हैं। जहां
आपने प्यार भरी बातें शुरू
नहीं कि हिजड़े आ गए रंग में भंग
डालने। दिल्ली में छोटे-छोटे अपार्टमेंट में
रहने वाले लोगों तो घर में भी
प्यार भरी बात करने का मौका
नहीं मिलता। यहां तो प्रेमी प्रेमिका
क्या पति पत्नी भी प्यार
का व्यापार करने के लिए पार्क
या चिड़िया घर में आते हैं। अब
सार्वजनिक स्थानों पर
वेलेंटाइन डे मनाना भी खतरनाक है। हो न हो इसक पीछे कोई विदेशी साजिश नजर आती है। हो सकते है महंगे
रेस्टोरेंट की चेन चलाने वालों
ने पुलिस प्रशासन को उकसाया
हो कि वे प्रेमियों के
परेशान करें ताकि प्यार भरे दिल
उनके रेस्टोंरेंट में
आएं और दिल की बात कहने के साथ
बिल भी भरें और जेब भी ढीली करें।
इसकी गहराई से जांच कराई
जानी चाहिए। बड़े शहरों में
खुलने वाले शानदार रेस्टोरेंट
प्रेमियों को पूरा एकांत
उपलब्ध कराते हैं। पर यहां बैठना
बड़ा महंगा पड़ता है। अब भला
वे प्रेमी कहां जाएंगे जिनकी
जेब तो खाली होगी पर दिल तो
प्यार से भरा होगा। किसी शायर ने
कहा था - तेरे जितने भी चाहने वाले होंगे।
होठों पे हंसी पर पावों में
छाले होंगे।
-विद्युत प्रकाश
No comments:
Post a Comment