Wednesday, 25 January 2012

जिधर देखो उधर खली नजर आता है...

अगर आप टीवी के किसी भी समाचार चैनल की ओर रिमोट बदलें तो आपको खली की खबर देखने को मिलेगी। कहीं पर खली बीमार है यह खबर प्रमुखता से दिखाई जा रही है तो कहीं पर खली के घर जाकर उससे खास तौर पर बातचीत करके दिखाई जा रही है। इधर कुछ महीने से समाचार चैनलों पर खली सबसे बड़ी खबर है। कई बार खली की खबरें लगातार देखते हुए लगता है कि हम कोई समाचार चैनल न देख रहे हों बल्कि बच्चों का कोई कार्टून देखर रहे हों। जी हां, बच्चों को कार्टून में यही सब कुछ तो होता है। खली के रूप में हिंदी समाचार चैनलों को बड़ा खेवनहार मिल गया है। यह सब कुछ तब से शुरू हुआ जब खली ने अंडरटेकर को चुनौती दी। क्या खली अंडरटेकर को हरा पाएगा।


यह कयास लगाया जाना टीवी चैनलों के लिए सबसे बड़ी खबर थी। हालांकि खली अंडरटेकर को नहीं हरा पाया पर टीवी चैनलों को खली के रूप में एक बड़ा मशाला मिल गया। खली के साथ एक बड़ी बात है कि वह हिंदुस्तान का रहने वाला है। उसका असली नाम दिलीप सिंह राणा है और वह हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है। वह डब्लू डब्लू ई में कुश्ती लड़ता है। बच्चे ऐसे कैरेक्टर को देखना खूब पसंद करते हैं। हालांकि खली कई सालों से डब्लू डब्लू ई में लड़ रहा है। पर कई सालों से समाचार चैनलों की नजर उसके उपर नहीं थी। सभी चैनलों की आंखे हाल में खुली हैं कि यह तो हमारे लिए बड़ा ही बिकाउ मशाल हो सकता है। इसलिए सभी बड़े चैनल खली को हर तरीके से भुनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। खली लंबा है उसकी कद काठी कार्टून कैरेक्टर फैंटम जैसी है। ऐसे में बच्चों के लिए वह बड़ा ही प्यारा कैरेक्टर है। जाहिर बच्चे खली को देखना पसंद करते हैं। जब वह रिंग में सामने वालों की पिटाई करता है तो बच्चे वाह वाह करते हैं। यह अलग बात है कि डब्लू डब्लू ई के मुकाबले कितने हकीकत होते हैं। मशहूर पहलवान दारा सिंह कहते हैं। अगर देखा जाए तो वह भी कुश्ती ही है। पर वह कुश्ती किसी ओलंपिक या एशियाई खेल में मान्य नहीं होती। क्योंकि इस कुश्ती के नियम कानून अलग हैं। यह फ्री स्टाइल कुश्ती से भी अलग चीज है। अगर हम दूसरे शब्दों में कहें तो यह बच्चों को बेवकूफ बनाने वाली कुश्ती है। इसके रिजल्ट हकीकत से कुछ अलग होते हैं। डब्लू डब्लू ई के मुकाबले में कई बार हारने के लिए भी बड़ी इनाम राशि दी जाती है। अगर आप कभी टीवी पर इन मुकाबलों को देखें तो इसमें मुकाबला से ज्यादा नाटक होता है। इस कुश्ती में एक दूसरे को मारपीट कर घायल कर देने जैसा कुछ होता है। इसका ड्रामा बच्चों को खूब पसंद आता है।
कामेडी के बाद प्राइम टाइम पर चैनलों के लिए खली खबर बड़ा तमाशा है। टीवी चैनलों को इस बात से कुछ खास लेना देना नहीं है कि देश की संसद में किन महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस हो रही है। पर खली अगर हिंदी फिल्मों में काम करेगा इस तरह की कोई खबर आती है तो यह बड़ी बात बन जाती। टीवी चैनल इस बात को बड़ी प्रमुखता से दिखाते हैं कि खली आखिर तनुश्री दत्ता के साथ नाचता गाता कैसा लगेगा। इससे पहले खली हालीवुड के फिल्मों में भी एक्टिंग कर चुका है। पर उसका बालीवुड की फिल्मों में काम करना बड़ी खबर है। हम कह सकते हैं कि समाचार चैनल कुछ कुछ कार्टून और कामिक्स बुक्स की तरह होते जा रहे हैं। जहां कहीं अच्चा ड्रामा मिलता हो उसे लपक लो।
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