कंप्यूटर पर हिंदी
में खास तौर पर हम फांट्स की समस्या से जुझते रहते हैं। कंप्यूटर पर हिंदी के तेजी
से लोकप्रिय नहीं हो पाने का बहुत बड़ा कारण कोई सर्व मान्य फांट का नहीं होना है।
पर यूनिकोड फांट ने हमारी राहें आसान कर दी हैं। विंडो के एक्सपी वर्जन के साथ
किसी भी भाषा के यूनिकोड फांट अच्छी तरह सपोर्ट करते हैं। आप हिंदी के कई सौ फांट www.ildc.in से मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं। यह वेबसाइट भारत
सरकार की है।
एटीएम और टीटीएफ
जब कंप्यूटर में
विंडो 95 का चलन था तब हिंदी के लिए एटीएम (एडोब टाइप मैनेजर) फांट इस्तेमाल किए
जाते थे। वहीं कई अखबारों के लिए सम्मिट स्क्रिप्ट मैनेजर ने फांट विकसित किए जो
बिना उसके डुंगल के नहीं चलाए जा सकते थे। यह एक महंगी प्रक्रिया थी। न तो हिंदी
के पास कोई सर्व मान्य की बोर्ड था न ही निःशुल्क प्राप्त होने वाले फांट्स। उसके
बाद दौर या टीटीएफ यानी ट्रू टाइप फांट का। विंडो 98 इस्तेमाल करने वाले लोग
टीटीएफ फांट का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये फांट भी आईएलडीसी की साइट पर निःशुल्क
उपलब्ध हैं। टीटीएफ फांट्स को एप्पल कंपनी ने विकसित किया है। बाद में इसे
माइक्रोसाफ्ट ने भी अपने साफ्टवेयरों में स्वीकृत किया है। ये फांट बड़े स्पष्ट
होते हैं तथा एलसीडी स्क्रीन पर साफ दिखाई देते हैं। विंडो 98 में गूगल की हिंदी
वेबसाइट हिंदी में देख सकते हैं इसके लिए आपको आईएलडीसी की वेबसाइट पर जाकर हिंदी
का टीटीएफ फांट डाउनलोड करना पड़ेगा।
क्या है यूनिकोड
यूनिकोड प्रत्येक
अक्षर के लिए एक विशेष नंबर प्रदान करता है,चाहे कोई भी
प्लैटफॉर्म हो,चाहे कोई भी प्रोग्राम हो, चाहे कोई भी भाषा हो। कंप्यूटर, मूल रूप से, नंबरों
से संबंध रखते हैं। ये प्रत्येक अक्षर और वर्ण के लिए एक नंबर निर्धारित करके
अक्षर और वर्ण संग्रहित करते हैं। यूनिकोड का आविष्कार होने से पहले, ऐसे नंबर देने के लिए सैंकडों विभिन्न संकेत लिपि
प्रणालियां थीं। किसी एक संकेत लिपि में पर्याप्त अक्षर नहीं हो सकते हैं : उदाहरण के लिए,यूरोपीय
संघ को अकेले ही, अपनी सभी भाषाओं को कवर करने के लिए अनेक विभिन्न
संकेत लिपियों की आवश्यकता होती है। अंग्रेजी जैसी भाषा के लिए भी, सभी अक्षरों, विरामचिन्हों
और सामान्य प्रयोग के तकनीकी प्रतीकों हेतु एक ही संकेत लिपि पर्याप्त नहीं थी। ये
संकेत लिपि प्रणालियां परस्पर विरोधी भी हैं। इसीलिए, दो संकेत लिपियां दो विभिन्न अक्षरों
के लिए, एक ही नंबर प्रयोग कर सकती हैं, अथवा समान अक्षर के लिए विभिन्न नंबरों का प्रयोग कर सकती
हैं।
अधिकांश साफ्टवेयरों
में स्वीकृत
किसी भी कंप्यूटर (विशेष रूप से सर्वर) को विभिन्न संकेत लिपियां संभालनी पड़ती है। फिर
भी जब दो विभिन्न संकेत लिपियों अथवा प्लैटफॉर्मों के बीच डाटा भेजा जाता है तो उस
डाटा के हमेशा खराब होने का जोखिम रहता है। यूनिकोड स्टैंडर्ड को ऐपल, एचपी, आईबीएम, जस्ट सिस्टम, माईक्रोसॉफ्ट,औरेकल, सैप, सन, साईबेस, यूनिसिस जैसी उद्योग की प्रमुख कंपनियों ने
अपनाया है।
आदान-प्रदान में आसानी
यूनिकोड में डाटा को
बिना किसी बाधा के विभिन्न प्रणालियों से होकर ले जाया जा सकता है। इसकी आवश्यकता
आधुनिक मानदंडों, जैसे एक्सएमएल, जावा,एकमा स्क्रिप्ट (जावा
स्क्रिप्ट), एलडीएपी, कोर्बा 3.0, डब्ल्यूएमएल के लिए होती है और यह आईएसओ/आईईसी 10646 को लागू
करने का अधिकारिक तरीका है। यह कई संचालन प्रणालियों, सभी आधुनिक ब्राउजरों में होता है। यूनिकोड को
ग्राहक-सर्वर अथवा बहु-आयामी
उपकरणों और वेबसाइटों में शामिल करने से, परंपरागत
उपकरणों के प्रयोग की अपेक्षा खर्च में अत्यधिक बचत होती है। यूनिकोड से एक ऐसा
अकेला सॉफ्टवेयर उत्पाद अथवा अकेला वेबसाइट मिल जाता है, जिसे री-इंजीनियरिंग के बिना
विभिन्न प्लैटफॉर्मों, भाषाओं और देशों में उपयोग किया जा सकता है।
यूनिकोड के बारे में अधिक जानकारी के लिए इसकी वेबसाइटदेंखे (www.unicode.org) यह बिना हानि लाभ के
काम करने वाले एक कान्सोर्टियम द्वारा विकसित किया गया है।
फोनेटिक की बोर्ड
सीखें
हिंदी तथा अन्य
भारतीय भाषाओं के 500 से ज्यादा यूनिकोड फांट्स मुफ्त में प्राप्त करने के लिए आप www.ildc.in पर जाएं। अगर आप कंप्यूटर पर हिंदी में तेजी से
काम करना चाहते हैं तो फोनेटिक की बोर्ड सीखें। यह रेमिंगटन से बहुत आसान है। कोई
भी नया व्यक्ति महज दो दिन में इसे याद कर सकता है। हिंदी में विंडो एक्सपी का
वर्डपैड हो या आफिस 2003 का हिंदी संस्करण,या आईएलडीसी द्वारा
विकसित ओपन आफिस साफ्टवेयर सभी फोनेटिक की बोर्ड को सपोर्ट करते हैं। भारत सरकार
ने इसे ही वैज्ञानिक और सरकारी की बोर्ड के रुप में मान्यता दे रखी है। आप यूनिकोड
फांट की मदद से एमएस आफिस जैसे साफ्टवेयर में भी हिंदी में फोनेटिक की बोर्ड पर
बड़े मजे से काम कर सकते हैं। पर अगर आप ओपन आफिस तो फ्री डाउनलोड पर उपलब्ध का
इस्तेमाल करते हैं तो आपको कई और सुविधाएं मिल जाती हैं। आप यहां अपनी वेबसाइट
हिंदी में भी बना सकते हैं। अपने तैयार किए गए टेक्स्ट को एचटीएमएल फार्मेट में भी
सेव एज कर सकते हैं। कंप्यूटर पर हिंदी और फोनेटिक की बोर्ड का लेआउट चार्ट
प्राप्त करने के लिएWWW.bhashaindia.com भी देखें।
-विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( ये आलेख 2007 में
लिखा गया)
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