क्या आपका स्विस बैंक में खाता
है। अगर खाता ही नहीं है तो आप इस देश के सम्मानित नागरिक कैसे हो सकते हैं। इधर
स्विस बैंक ने लगातार उन लोगों के नामों का खुलासा शुरू कर दिया है जिन्होंने अपना
अतिरिक्त धन ( मैं काला नहीं कहूंगा) ले जाकर उनके पास जमा कराया था। मैं सोच रहा
हूं काश इसमें मेरा भी नाम होता। जब सारे लोग जाकर वहां खाता खोल रहे थे मैं नहीं
जा पाया था। वरना आज मेरा नाम भी मीडिया में उछल रहा होता। पर अब पछताए क्या होत
जब चिड़िया जुग गई खेत। कभी किसी साहनी, किसी गुप्ता, किसी चड्ढा किसी बिरला किसी
कोचर, किसी शर्मा किसी मसूद का नाम आ रहा है तो मुझे रस्क होता है कि इन लोगों की
सूची में मेरा नाम क्यों नहीं। मैं इंतजार कर रहा हूं कि स्विस बैंक खाताधारियों
की सूची में किसी मौर्य का भी नाम आ जाए तो मैं कह दूंगा कि वह मेरा रिश्तेदार है।
मैं न सही तो रिश्तेदार ही सही। मेरा थोड़ा सा मान तो बढ़ेगा ही ना।
मेरे बेटे ने पूछा कि पापा
स्विस बैंक में खाता क्यों खोलने गए ये लोग। अपने देश में भी तो बहुत से बैंक हैं।
मैंने समझाया उनके पास इतना ज्यादा पैसा हो गया था कि हमारे देश के बैंकों ने रखने
से इनकार कर दिया। अब हमारी गगरी तो इतनी कभी भरी ही नहीं कि देश के बैंक पैसा जमा
करने से इनकार कर दें। दुनिया का स्वर्ग है स्विटजरलैंड। तो वहां के बैंक भी जरूर
शानदार होंगे। तो वहां खाता खोलना और पैसा जमा कराना तो निश्चय ही गर्व की बात
होगी।
आज उन उद्योगपतियों के बच्चे ये
कह कर अपने दोस्तों के बीच गर्व करते होंगे कि मेरे दादा जी का फलां स्विस बैंक
में खाता निकला। क्या तुम्हारे पुरखों ने क्या वहां खाता खोला था कभी। जिन लोगों
के स्विस बैंक में खाते का खुलासा हो रहा है वे लोग अचानक खास हो गए हैं। उनके घर
रिश्ता करने वाले लड़के वालों की लाइन लगने लगी है। भला दहेज में बोरी भर भर कर
नोट मिलने की संभावना है। बहू आएगी उसका भी हो सकता है स्विस बैंक में खाता हो। सोचिए
समाज में उनका कितना सम्मान बढ़ गया है। स्विस बैंकों में जिसका खाता जितना पुराना
हो वह उतना ही सम्मानित व्यक्ति है। मेरे दादाजी तो किसान थे उनका बैंक खाता खुला
ही नहीं था। उस समय ये प्रधानमंत्री जनधन योजना भी नहीं थी खाता खुलवाते भी तो
कैसे। मैं शर्म के मारे छोटा हुआ जा रहा हूं कि मेरे परिवार या दूर-दूर तक रिश्तोंदारों में किसी ने स्विस बैंक में खाता नहीं खुलवाया।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य