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आज बापू की आत्मा रो रही होगी।
आजाद भारत में 70 साल बाद मंत्री आठ लाख की घड़ी पहनते हैं। बापू तो अपनी धोती फट
जाने पर गमछा बनाते थे फिर गमछे के फटने पर रुमाल। मंत्री जी का मंत्रालय उसी
महात्मा गांधी के नाम पर किसानों को राहत देने वाला मनरेगा कार्यक्रम चलाता है। सवाल
है कि क्या इस देश में इतना शाहखर्च मंत्री होना चाहिए तो आठ लाख की घड़ी और 40
हजार के जूते पहने और सार्वजनिक तौर इसका दिखावा भी करे।
एक पुरानी कहावत है कि जब रोम
जल रहा था तो नीरो बंसरी बजा रहा था। क्या हम इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि किसान
आत्महत्या कर रहे हैं और हम उन्हें अपनी कलाई पर बंधी 8 लाख की घड़ी दिखा रहे हैं।
ये हमारी गरीबी का विद्रूप मजाक है मंत्री जी। किसी शायर ने कहा है-
तुम शौक से मनाओ जश्ने बहार
यारों ...इस रोशनी में लेकिन कुछ घर जल रहे हैं...
चौधरी साहब आप भी अपनी घड़ी और
जूते नीलाम कर दीजिए...इससे सैकड़ो किसानों के घरों में महीनों चूल्हा जल सकता
है...
2 comments:
तुम शौक से मनाओ जश्ने बहार यारों ...इस रोशनी में लेकिन कुछ घर जल रहे हैं...
सच ये बात इनकी समझ में कहाँ आती हैं ....
धन्यवाद
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