यूपी का शहर गोरखपुर। यहां के
बीआरडी मेडिकल कालेज हास्पीटल में 32 बच्चों की आक्सीजन की कमी से एक दिन में ही
मौत हो गई। आक्सीजन की कमी से 5 दिन में 63 बच्चे दम तोड़ चुके हैं। यूपी में
भाजपा की सरकार बनने के छह महीने के अंदर की सबसे बड़ी हृदयविदारक घटना है। इसी
पूरी घटना में सरकारी मिशनरी की पूरी लापरवाही नजर आती है। 11 अगस्त को बड़ी
संख्या में बच्चों की मौत होती है, वहीं 9 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
इस अस्पताल का दौरा किया था। लेकिन उन्हें अस्पताल में अव्यवस्थाओं की जानकारी
नहीं मिली।
अब ये साफ हो चुका है कि 69 लाख का
बिल बकाया होने के कारण अस्पताल को आक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी ने सिलेंडरों की
सप्लाई बंद कर दी थी। इस संबंध में 30 जुलाई को ही समाचार पत्रों में खबर छपी थी- बीआरडी में ठप हो सकती है लिक्विड आक्सीजन की सप्लाई...
तो इसके बाद भी प्रशासन नहीं चेता था। तो ये बहुत बड़ी लापरवाही का मामला है।
नियम के अनुसार किसी सरकारी सप्लायर का बकाया 10 लाख रुपये से ज्यादा हो जाए तो वह सप्लाई रोक सकता है। भाजपा सरकार जो बेहतर गवर्ननेंस की बात करती है उसके राज में ये और भी शर्मनाक है। अगर किसी कंपनी का 69 लाख रुपये का बिल रोका गया तो इसमें भ्रष्टाचार, रिश्वत और कमिशनखोरी की भी गंध आती है। भला कंपनी के रुपये क्यों रोके गए। इस पर सरकार को जवाब देना होगा।
नियम के अनुसार किसी सरकारी सप्लायर का बकाया 10 लाख रुपये से ज्यादा हो जाए तो वह सप्लाई रोक सकता है। भाजपा सरकार जो बेहतर गवर्ननेंस की बात करती है उसके राज में ये और भी शर्मनाक है। अगर किसी कंपनी का 69 लाख रुपये का बिल रोका गया तो इसमें भ्रष्टाचार, रिश्वत और कमिशनखोरी की भी गंध आती है। भला कंपनी के रुपये क्यों रोके गए। इस पर सरकार को जवाब देना होगा।
अब सरकार की लीपापोती का नमूना देखिए।
सरकार ने क्राइसिस मैनेजमैंट की जगह दम तोड़ रहे बच्चों की खबर के बीच यह मैनेज
करने की कोशिश में लग गई कि बच्चों की मौत आक्सीजन सिलेंडर की कमी से नहीं हुई है।
यूपी सरकार के अधिकृत ट्विटर खाते से ट्वीट किया गया - गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से किसी रोगी की मृत्यु नहीं हुई है।
यूपी सरकार के अधिकृत ट्विटर खाते से ट्वीट किया गया - गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से किसी रोगी की मृत्यु नहीं हुई है।
इतना ही नहीं आगे लिखा गया - कुछ चैनलों पर चलाई गई ऑक्सीजन की कमी से
पिछले कुछ घंटों में अस्पताल में भर्ती कई रोगियों की मृत्यु की खबर भ्रामक है।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ट्विटर खाते - @myogiadityanath से
बच्चों की मौत पर कोई ट्वीट नहीं किया गया। कोई शोक नहीं जताया गया। बल्कि वे अपने
खाते पर अमितशाह को बधाई देते हुए फोटो पोस्ट करने में व्यस्त रहे।
हाल में एनडीए
के परिवार में शामिल हुए हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। वही नीतीश कुमार
हैं जो केंद्र में रेल मंत्री रहते हुए 2 अगस्त 1999 में बंगाल के उत्तर दिनाजपुर
जिले के गैसाल रेलवे स्टेशन ( बिहार के किशनगंज से 17 किलोमीटर आगे) पर हुए हादसे
में अपनी नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। क्या
गवर्ननेंस के मामले में यूपी के सीएम योगी बिहार के सीएम नीतीश से कुछ प्रेरणा
लेंगे।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य
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