Saturday 10 October 2009

सीएफएल से करें बिजली की बचत

यह सभी जानते हैं कि ऊर्जा का भंडार सीमित है। ऐसे में बिजली की बचत करने के ऊपाय करना भी लाजिमी है। लगभग सभी राज्य बिजली के संकट से गुजर रहे हैं। खास कर गरमी के दिनों में तो बिजली का संकट अभूतपूर्व हो जाता है। ऐसे में हमें हर वो ऊपाय भी करने चाहिए जिससे की बिजली की बचत की जा सके। इसका बड़ा अच्छा तरीका आजकल बाजार में सीएफएल बल्बों के रुप में उपलब्ध है। सीएफएल यानी कंप्रेस्ड फ्लोरोसेंट लैंप। ऐसे लैंप 9 वाट, 15 वाट और 20 वाट जैसे विकल्पों में उपलब्ध हैं। ये ट्यूबलाइट की तरह दूधिया रोशनी देते हैं। ये परंपरागत बल्बों की तरह ज्यादा गरम भी नहीं होते हैं। आमतौर पर अगर आप एक सौ वाट बल्ब कमरे में लगाते हैं तो वह गर्म होकर कमरे के तापमान को भी थोड़ा सा बढ़ाता है। ऐसे में सीएफएल नए जमाने में लोगों के लिए बड़े ही सुविधाजनक रुप में आए हैं।
अभी तक आप दुधिया रोशनी के लिए ट्यूब लाइट का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। एक ट्यूब लाइट लगाने में औसतन 150 से 200 रुपए का खर्च आ जाता है। इसकी फीटिंग और मेंनेटेंस में खर्च अलग से है। पर सीएफएल को परंपरागत बल्बों के साकेट में ही लैंप फिट हो जाता है। इसलिए इसे कहीं भी फीट करना बहुत आसान है। भारतीय बाजार में इसी कारण से धीरे धीरे सीएफएल लोकप्रिय होते जा रहे हैं। लोग परंपरागत बल्बों की तुलना में इसे लगाना पसंद कर रहे हैं।
हालांकि सीएफल परंपरागत बल्ब की तुलना में कम रोशनी देते हैं। इसलिए लोग पहले इसे टायलेट बाथरूम में लगाते थे या नाइट लैंप की तरह इस्तेमाल करते थे। पर अब ये बल्बों की जगह लेते जा रहे हैं। जिस कमरे में आपको ज्यादा रोशन चाहिए वहां आप 20 वाट के दो सीएफएल लगा सकते हैं।
अब देखिए की सीएफएल से कैसे बिजली की बचत होती है। एक सीएफल 18 वाट का सीएफल 60 वाट के बल्ब के बराबर रोशनी देता है। ऐसी हालत में हर महीने 60 फीसदी तक बिजली की बचत होती है। आपके घर में अगर बिजली के बल्बों के 10 प्वाइंट हैं तो सीएफल लगाकर आप अपने बिजली के मासिक बिल में हर महीने 40 फीसदी तक की बचत कर सकते हैं। इससे जहां आपके बिजली के बिल में राशि की हर महीने बचत होगी वहीं आपके द्वारा बचाई गई बिजली से दूसरे कुछ घर भी रोशन हो सकते हैं जहां अभी तक अंधेरा ही रहता है।
भारत में आमतौर पर भारत में ही निर्मित सीएफएल लैंप महंगे हैं। अगर एक सीएफल लैंप खरीदना चाहें तो यह 100 से 140 रुपए में उपलब्ध है। इस पर कंपनियां एक साल तक की गारंटी भी देती हैं। आमतौर पर एक सीएफल लैंप चार महीने में इतनी बिजली बचा देता है कि जिससे आपको इसकी कीमत वसूल हो जाती हुई प्रतीत होती है। भारत के बाजार में चीन के बने हुए सीएफल भी उपलब्ध हैं। ये मात्र 20 से 25 रुपए में ही मिल जाते हैं। हालांकि इनके साथ कोई गारंटी नहीं मिलती पर जिन इलाकों में बिजली का उतार चढ़ाव ज्यादा नहीं होता वहां ये सस्ते बल्ब भी अच्छा खासे सफल हैं। भारत में सीएफएल का भविष्य देखते हुए कई भारतीय कंपनियां ऐसे लैंपों का प्लांट लगा रही हैं। इनमें आरपेट की ओरेवा, बजाज खेतान आदि प्रमुख हैं। उम्मीद की जा सकती है कि भारत में निर्मित सीएफएल भी आने वाले कुछ सालों में और भी सस्ते हो सकेंगे।

-विद्युत प्रकाश vidyutp@gmail.com




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