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कई बार उपभोक्ता
अपनी समस्याएं सुनाते सुनाते
परेशान हो जाता है, पर कालसेंटर की सेहत
पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। भले
ही आपकी समस्या का निदान
नहीं हो सके पर काल सेंटर की
एक्जक्यूटिव आपसे पूछेगा मैं
आपकी और कोई सहायता कर सकता हूं
सर। वे भले ही आपकी कोई सहायता
नहीं कर पाएं पर यह पूछना
मानो उसका धर्म है।
कई बड़ी कंपनियां शायद
यह सोचती हैं कि हमने अपने
अमुक सर्विसेज आउटसोर्स करके
उपभोक्ताओं को खुश कर दिया है।
पर वास्तव में ऐसा नहीं होता।
काल सेंटर में काम करने वाला
आदमी जिस कंपनी के लिए काम
कर रहा है उसके प्रति कभी
पूरी तरह लायल नहीं होता। जबकि जो
व्यक्ति स्थायी तौर पर किसी
नामचीन कंपनी के लिए काम
करता है वह अपनी कंपनी के लिए
निष्ठावान होता है। उसे अपनी
कंपनी की ब्रांड वैल्यू की
बेहतर चिंता होती है। कुछ
कंपनियों ने भले ही 24 घंटे के काल सेंटर की
व्यवस्था कर रखी हो पर इसका सही
मायने में कोई फायदा नहीं हो
रहा है।
जो काल सेंटर किसी तरह
का प्रोडक्ट बेचने का काम कर
रहे हैं वे ऐन केन प्रकारेण
उपभोक्ता को फंसा लेना चाहते
हैं। इसके लिए उपभोक्ता को वे
कई तरीके से फोन करके परेशान
करते हैं। कई लोग तो इस तरह
के काल्स से काफी परेशान दिखते
हैं। एक बार मना कर देने के
बाद भी काल सेंटर वाले किसी न
किसी तरीके से बार बार फोन
करते रहते हैं। एक बार प्रोडक्ट
बेच देने के बाद इन कालसेंटर
वालों का आपसे कोई मतलब नहीं रह
जाता है क्योंकि वे
आउटसोर्स किए गए कंपनी के कर्मचारी
होते हैं। आगे की सेवाओं से
उनका कोई मतलब नहीं होता।
विद्युत प्रकाश मौर्य