देश की 68 फीसदी आबादी गांव में रहती है, पर देश के लाखों गांव आज भी सड़क, बिजली, पेयजल जैसी आधारभूत सुविधाओं का इंतजार कर रहे हैं। केंद्र और राज्य
सरकारें गांवों की सूरत बदलने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हैं पर उनका
अपेक्षित परिणाम देखने को नहीं मिला है।
भारत के गांव
- 6,38,365 कुल गांव हैं भारत में
- 68.84 फीसदी देश की आबादी गांव
में रहती है
- 2,36,004 गांवों में 500 से ज्यादा लोग रहते हैं
- 3976 गांवों की आबादी 10,000 से अधिक है
1,07,753 गांव हैं सबसे बड़े राज्य
उत्तर प्रदेश में
40,000 से ज्यादा गांव हैं पश्चिम
बंगाल, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान
में
यूनिक कोड नंबर
2011 के जनगणना में देश के हर गांव
के लिए एक यूनिक कोड नंबर प्रदान किया गया है। छह अंकों वाले इस कोड नंबर के
इस्तेमाल से गांवों के लिए लागू की जाने वाली तमाम विकास योजनाओं और ई-गवर्नेंस
में आसानी के लिए किया गया है।
देश के बड़े गांव
बनगांव : 30,061 की आबादी वाला बनगांव बिहार ही नहीं, भारत का सबसे बड़ा गांव माना जाता है। सहरसा जिले के इस गांव में तीन
पंचायतें कार्यरत हैं।
गहमर : 26250 की आबादी वाला यूपी के गाजीपुर जिले का गहमर देश
के बड़े गांवों में से एक है।
पहले भी चली ग्राम विकास योजनाएं
अंबेडकर ग्राम विकास योजना : 2007 में यूपी में मायावती सरकार ने अंबेडकर ग्राम
विकास योजना की शुरुआत की। 2011 में इसका नाम बदलकर अखिलेश
सरकार ने लोहिया ग्राम विकास योजना कर दिया है। इसके तहत चयनित गांवों का 36 बिंदुओं के तहत विकास किया जाता है। इसके तहत संपर्क मार्ग, विद्युतीकरण, सबको आवास, शौचालय,
पेयजल, तालाब, आंगनबाड़ी
केंद्र, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र की
स्थापना की जाती है। तमाम सरकारी योजनाओं के कार्यान्यवयन आदि पर ध्यान दिया जाता
है।
गांवों का हाल
बिजली
25752 गांवों में अभी तक नहीं
पहुंचाई जा सकी है बिजली
1,08,408 गांवों में बिजली पहुंची
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत
95 फीसदी गांव विद्युतीकृत हो चुके
हैं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक (कुल गांव 5,97,464 हैं
विद्युत मंत्रालय के मुताबिक)
सड़क
- 50 फीसदी गांव अभी भी देशभर में
सड़क से नहीं जोड़े जा सके हैं
- 40 फीसदी गांव सड़कों से जुड़ी थीं
साल 2000 में
- 2000 में प्रधानमंत्री ग्रामीण
सड़क योजना शुरू की गई
1.80 लाख बसावटों को सड़क से जोड़ा
गया पीएमजीएसवाई से 3.72 लाख किलोमीटर नई सड़कें बनीं (विश्व
बैंक की रिपोर्ट)
पेयजल-स्वच्छता
89 फीसदी ग्रामीण आबादी के पास
पेयजल की सुविधा है
24 फीसदी ग्रामीण आबादी ही शौचालय
का इस्तेमाल करती है
62 करोड़ देश की ग्रामीण आबादी खुले
में शौच जाती है
बापू का ग्राम स्वराज्य का सपना
मेरा विश्वास है कि भारत चंद शहरों
में नहीं, बल्कि सात लाख गांवों में बसा है। लेकिन हम
शहरवासियों का ख्याल है कि भारत शहरों में ही है। हमने कभी यह सोचने की तकलीफ ही
नहीं उठाई कि उन गरीबों को पेट भरने जितना अन्न और शरीर ढकने जितना कपड़ा मिलता है
या नहीं और धूप और वर्षा से बचने के लिए उनके सिर पर छप्पर है या नहीं। (मेरे
सपनों का भारत में महात्मा गांधी)
( प्रस्तुति - vidyutp@gmail.com )
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