Friday 5 June 2020

सारा आकाश, रजनीगंधा और चितचोर वाले बासु चटर्जी

10 जनवरी 1930 – 4 जून 2020

बासु चटर्जी का नाम बिमल राय, ऋषिकेश मुखर्जी की पंक्ति में लिया जाना चाहिए जिन्होंने हिंदी सिनेमा को सार्थक फिल्में दी। चार जून को फिल्मकार बासु चटर्जी हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने 'छोटी सी बात', 'रजनीगंधा' के अलावा 'उस पार', 'चितचोर', 'पिया का घर', 'खट्टा मीठा' और बातों बातों में' जैसी फिल्में बनाई।   फिल्मकार के तौर पर उन्होंने राजेंद्र यादव के उपन्यास पर बनी फिल्म सारा आकाश से शुरुआत की। उन्होंने एक रुका हुआ फैसला और चमेली की शादी जैसी फिल्में भी बनाईं।

बासु चटर्जी हिन्दी सिनेमा के बहुमुखी प्रतिभा के धनी फिल्मकार थे। वे एक निर्देशक और पटकथा लेखक थे। पर शुरुआत एक कार्टूनिस्ट के तौर पर की थी।  साल 1970 और 1980 के दशक के दौरान, वह मध्यम सिनेमा नाम से जाने जाने वाले सिनेमाकाल से जुड़े हुए थे, जहां वे हृषिकेश मुखर्जी और बासु भट्टाचार्य जैसे फिल्म निर्माता थे।  

बासु चटर्जी ने शुरुआती दौर में कई फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया। इससे पहले वे मुंबई में मशहूर कार्टूनिस्ट के तौर पर स्थापित हो चुके थे।
बासु दादा का जन्म 1930 में राजस्थान के अजमेर में हुआ था। मुंबई के एक अखबार में कार्टूनिस्ट और इलस्ट्रेटर का काम करने वाले बासु के बारे में किसने तब नहीं सोचा होगा कि वो भारतीय सिनेमा को अगली सीढ़ी पर कदम रखने में मदद करने वाले दिग्गज फिल्ममेकर साबित होंगे।

राज कपूर और वहीदा रहमान की फिल्म तीसरी कसम में उन्होंने बासु भट्टाचार्य के सहायक के तौर पर काम किया था। ये फिल्म साल 1966 में रिलीज हुई थी और इसमें बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड जीता था। उनके डायरेक्टोरियल डेब्यू की बात करें तो उन्होंने निर्देशन के क्षेत्र में फिल्म सारा आकाश से शुरुआत की थी। ये फिल्म साल 1969 में रिलीज हुई थी और इसके लिए बेस्ट स्क्रीन प्ले का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता था।

टीवी पर भी बेहतरीन पारी - टीवी पर भी अस्सी के दशक में बासु चटर्जी क्रांति लेकर आए थे धारावाहिक रजनी के साथ। उन्होंने भारतीय टेलीविजन को दी थी टीवी की पहली गृहणी, जो क्रांतिकारी बातें करती थी।  टीवी पर बासु चटर्जी ने कई और धारावाहिक बनाए जैसे 'दर्पण  और 'कक्का जी कहिन ' दर्पण में उन्होंने विदेशी कहानियों को देसी अंदाज में पेश किया।
 'कक्का जी कहिन ' मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास नेताजी कहिन पर आधारित था जिसमें  ओम पुरी को लेकर टीवी का पहला नेताओं पर व्यंगात्मक शो बनाया। वे साल 1993 में वे सिरियल ब्योमकेश बख्शी लेकर आए जिसके अभिनेता थे रजित कपूर। यह धारावाहिक भी खूब लोकप्रिय हुआ।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com 
( BASU CHATARJEE, RAJNIGANDHA ) 

2 comments:

विकास नैनवाल 'अंजान' said...

बासु चटर्जी जी को नमन

Vidyut Prakash Maurya said...

धन्यवाद, नमन