एफएम रेडियो ने तो
रेडियो के सुनहरे दौर की वापसी की ही
है आपके पास रेडियो सुनने के लिए इंटरनेट रेडियो के रुप में
दूसरा विकल्प भी मौजूद है। अगर आप अपने घर में या दफ्तर में
आनलाइन होते हैं तो उसके साथ ही इंटरनेट पर रेडियो सुनने का
आनंद उठा सकते हैं। इसके लिए आपको विंडो मीडिया प्लेयर या
रियल प्लेयर साफ्टवेयर की मदद लेनी पड़ेगी। इंटरनेट पर रेडियो
के कई विकल्प मौजूद हैं। यह इस पर निर्भऱ करता है कि आप कौन
सी भाषा के गीत सुनना चाहते हैं।
इंटरनेट पर हिंदी और पंजाबी गीत सुनने के कई विकल्प मौजूद हैं। अगर आप इंटरनेट पर आनलाइन रेडियो के बारे में जानना चाहते हैं को किसी सर्च इंजन में जाकर इंटरनेट रेडियो टाइप करें। इसके अलावा आनलाइन हिंदी सांग्स जैसे विकल्प भी लिख सकते हैं। वैसे हिंदी गानो के लिए आप सीधे अपनारेडियो.काम, देसीरेडियो.काम जैसी
साइटें देख सकते हैं। इसमें नए व पुराने गानों के विकल्प मौजूद हैं। फिलहाल ये गाने रेडियो की तरह आप मुफ्त में सुन सकते हैं। इन रेडियो विकल्पों पर आप अपनी पसंद के गाने सुनने के लिए फरमाइश भी कर सकते हैं। जब आपका नंबर आएगा तो आपकी पसंद का गाना चल पड़ेगा। कुछ साइटों पर सीडी लाइब्रेरी की तरह भी गानों की फेहरिस्त उपलब्ध है जिसमें से आप गाने का चयन करके प्ले कर सकते हैं। हालांकि इंटरनेट रेडियो पर गानों के चयन का अभी ज्यादा विकल्प मौजूद नहीं है। आपको कुछ चयनित फिल्मों या कलाकारों के ही नए पुराने गानों पर आश्रित रहना पड़ सकता है।
विदेशों के लिए आदर्श
इंटरनेट रेडियो उन स्थलों
के लिए ठीक है जहां कोई हिंदी का एफएम रेडियो स्टेशन
उपलब्ध नहीं है। हालांकि अब उपभोक्ताओं के पास सेटेलाइट
रेडियो जैसा भी विकल्प भी मौजूद है। पर उसकी स्थापना का
खर्च महंगा है साथ ही उसके लिए मासिक किराया भी देना पड़ता है।
इंटरनेट रेडियो का विकल्प फिलहाल तो मुफ्त में उपलब्ध
है।
मनपसंद म्यूजिक डाउनलोड करें
आप अपने मनपंसद एलबमों
को इंटरनेट पर जाकर डाउनलोड भी कर सकते हैं। जैसे आप
क्लासिकल एलबम खरीदना चाहते हैं। ऐसे में कुछ साइटों पर जाकर
ऐसे कलाकारों के संगीत को डाउनलोड किया जा सकता है। खासकर
भारतीय क्लासिकल म्यूजिक से श्रोताओं के लिए यह अच्छा उपहार हो
सकता है। हालांकि इंटरनेट पर फ्री डाउनलोड करने की
सुविधा अभी बहुत कम ही उपलब्ध है। पर धीरे धीरे इन रेडियो
साइटों पर गानों की संख्या बढ़ रही है।
रायल्टी की समस्या
कोई भी गाना म्यूजिक
कंपनी की प्रोपर्टी होता है। जो भी उस गाने को प्ले करे
उसे कंपनी को रायल्टी देनी पड़ती है। आकाशवाणी और सभी
रेडियो स्टेशन इन गानों के लिए एक निश्चित दर से रायल्टी का
भुगतान करते हैं। अभी यह साफ नहीं है कि इंटरनेट पर चलने
वाले आन लाइन रेडियो कंपनियों को रायल्टी का भुगतान किस तरह
करते हैं।
- विद्युत प्रकाश मौर्य
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