मोबाइल
फोन के दाम मे कमी आने का क्रम जारी है। देश का पहला मेड इन इंडिया मोबाइल भी पेश
किया जा चुका है। मोटोरोला ने सी
115 माडल को पहली बार मेड इन इंडिया के लेबल के साथ बाजार में उतार दिया
है। इसकी कीमत रखी गई है 1700 रुपए जो अब तक का भारतीय बाजार
में सबसे सस्ता मोबाइल भी है। नोकिया का सबसे सस्ता माडल ढाई हजार में उपलब्ध है
वहीं एलजी सेमसंग और सोनी इरिक्सन के सेट इससे भी कुछ ज्यादा कीमतों में हैं।
हालांकि कुछ कंपनियां इससे भी सस्ते में मोबाइल फोन आफर कर रही हैं। जैसे आप
2000 रुपए में मोबाइल खरीदें और एक हजार रुपए का टाक टाइम फ्री में प्राप्त
करें। यानी मोबाइल की कीमत सिर्फ 1000 रुपए में पड़ी। वहीं
रिलायंस के एक आफर में 2500 रुपए के मोबाइल फोन के साथ
2500 रुपए का टाक टाइम भी फ्री है। इसी तरह का आफर टाटा इंडिका में
भी उपलब्ध है। अगर दो साल तक फ्री इनकमिंग का मोबाइल आप आफर में लेतें हैं। अगर
100 से 150 रुपए मासिक किराया मान कर चलें तो भी
मोबाइल फोन फ्री में ही बैठता है। यानी मोबाइल फोन की मार्केटिंग में एक नए दौर की
शुरूआत हो चुकी है। अगर आप किसी भी कंपनी में दो साल या अधिक का कमिटमेंट देते हैं
तो आपको मोबाइल फोन लगभग मुफ्त में ही प्राप्त हो जाता है। यह मोबाइल फोन बेचने की
नई रणनीति है। इसमें निम्न आय वर्ग के लोग मोबाइल फोन के तेजी से उपयोक्ता होते जा
रहे हैं।
कुछ
साल पहले इंग्लैंड और अमेरिका में भी कंपनियां मोबाइल फोन इसी तरह बेच रही थीं।
अगर आप तीन साल के लिए एक ही कंपनी का ग्राहक बने रहने का वादा करें तो आपको एक
हैंडसेट मुफ्त में ही प्राप्त हो जाता है। इससे कंपनी को यह लाभ होता है कि उसे एक
निष्ठावान ग्राहक मिल जाता है। आजकल लोगों में एक कंपनी छोड़कर दूसरी कंपनी की ग्राहकी
लेने की भी प्रथा तेजी से चल पड़ी है। ऐसे में कमिटमेंट वाले उपभोक्ता की तलाश भी
किसी भी कंपनी के लिए चुनौती है।
पर
हम बात कर रहे हैं मोबाइल फोन के सस्ते होने की। अगर कोई कंपनी आपको किसी स्कीम के
तहत मोबाइल फोन देती है यह आपको बाजार से सस्ती दर पर तो प्राप्त होता ही है इसके
साथ ही कंपनी को भी यह मोबाइल हैंडसेट निर्माता से सस्ते में ही प्राप्त होता है
क्योंकि कंपनी निर्माताओं से मोबाइल बल्क में खरीदती है। थोक खरीददारी में उसे ये
सेट सस्ते पड़ते हैं। आने वाले समय में कई हैंडसेट निर्माता कंपनियां बड़े सर्विस
प्रोवाइडरों के साथ हैंडसेट बेचने के लिए गठजोड़ करती नजर आएंगी। ऐसा सीडीएमए खंड
में काफी पहले से ही शुरू हो चुका है। टाटा इंडीकाम या रिलायंस का मोबाइल कनेक्शन
लेने के समय उपभोक्ता को कंपनी हैंडसेट खरीदने के विभिन्न विकल्प पेश करती है। पर
अब इसी तरह का समझौता जीएसएम खंड में एयरटेल,
हच जैसी कंपनियां भी कर रही हैं। यह विशेषज्ञों का मानना है कि आने
वाले दिनों में कई कंपनियां 1000 रुपए में ही इंट्री लेवेल
का मोबाइल पेश करेंगी। देश के संचार मंत्री दयानिधि मारन का भी सपना है कि लोगों
को एक हजा रुपए में हैंडसेट मिले। अगर कंपनियां ईमानदार कोशिश करें तो 500-
600 रुपए में भी हैंडसेट पेश किया जा सकता है। यानी जनता जनार्दन का
मोबाइल।
- विद्युत प्रकाश मौर्य
( 2005 )
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