Thursday, 13 March 2014

लो फिर आ गया वसंत ( व्यंग्य)

वसंत ऋतु की मीठी धूप को महसूस कर मानस में हजार बातें हिलोरें मारने लगती हैं। सरदी ने भी छूट दे रखी है अब थोड़ा सा रुमानी हो जाईए। कैलेंडर हिंदी का हो या अंग्रेजी का फरवरी का महीना और वसंत ऋतु एक साथ ही आते हैं। हर साल। इस महीने में सरसों भी खिलती है और इसी महीने में आंग्ल प्रेम दिवस वेलेंटाइन डे भी आता है। ईधर कुछ सालों से अपने देश में भी खुल कर इजहार करने का चलन बढ़ा है। तमन्ना जवान होती है और दिल में कुछ कुछ होने लगता है। वसंत प्यार करने वालों का महीना है। 


आईए थोड़ा सा रुमानी हो जाएं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी उम्र क्या है। वसंत और फागुन का महीना साथ साथ ही आते हैं। और फागुन में बुढ़वा भी देवर लगता है। गांव भर की भौजाईयां हशरत भरी निगाहों से अपनी देवरों की ओर देखती हैं। कोई आए और उन्हें छेड़ जाए। वसंत में लाज भरी आंखों में एक खास किस्म की चमक आ जाती है। चाहे गांव की गोरी हो शहर की छोरी सबका मन मयूर नाच उठता है। थोड़ी देर के लिए भूल जाइए, जीवन का संघर्ष और प्रतिस्पर्धा की वो लड़ाईएं। आईए नीले गगन के तले हरी-हरी घास पर फुर्सत के कुछ पल गुजार लें। कवियों ने वसंत पर हजारों गीत लिखे हैं। वसंत का फूल पीला होता है तो दिल गुलाबी-गुलाबी और मौसम हल्का सा शराबी-शराबी। थोडे़ से मतवाले हम थोड़े मतवाले तुम.. कि आओ इन पलों को हसीन बना दें। ऐसे पल जो कभी न भुलाए जा सकें।
वसंत ऐसा मौसम है जिस पर उपभोक्तावाद की नजर नहीं है। चाहे आपके दिन मुफलीशी के हों, जेब में कड़की हो पर आपको कोई रुमानी होने से नहीं रोक सका। अगर साल भर आप दिल की बात नहीं कह पाए तो इस वसंत में कह ही डालें। एक मशहूर कवि ने अपनी कविता में लिखा है- जो कुछ कहना है अभी कह डालिए हो सकता है बाद में कुछ कहने का अर्थ न रह जाए। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप दिल का हाल बयां करना चाहते हैं या फिर कुतुबमीनार पर खड़े होकर झंडी हिलाते रहना चाहते हैं। कई प्यार करने वाले (एक तरफा) दिल की बातों सालों तक नहीं कह पाते। कई तो दिल में रखे रखे ही इस दुनिया से कूच कर जाते हैं। वैसे कई बार दिल की बात कह पाना मुश्किल जरूर होता है। पर आप इस वसंत में साहस जरूर किजिए। कहतें हैं वेलेंटाइन डे प्रोपोज करने के लिए सबसे अच्छा दिन होता है। इस मौसम में लड़कियां जिससे प्यार नहीं करतीं उसके इजहार से भी नाराज नहीं होतीं। तो देर किस बात है। वैसे आपके साथ इस प्रक्रिया में कोई दुर्घटना हो जाए ( जूते पड़े...या..) तो इन पंक्तियों के लेखक को तलवार लेकर मत ढूंढना। इजहारे इश्क है खोता है क्या...आगे आगे देखिए होता है क्या.. . वसंत का आलम उनके लिए दर्द भरा है जो तन्हाई में हैं। पर कोई बात नहीं..आप दिल को खुश रखने को अच्छे दिनों को याद करें।
-विद्युत प्रकाश


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