बालकवि बैरागी न सिर्फ
राजनीति में सक्रिय रहे बल्कि उन्होंने युवाओं को जागृत करने वाले अति लोकप्रिय
गीत लिखे। सुब्बराव जी द्वारा राष्ट्रीय युवा योजना में गाया जाने वाला जागरण गीत –
नौ जवान आओ रे नौ जवान गाओ रे ... उन्होंने लिखा था। 1993 में सुब्बराव जी के आग्रह पर उन्होंने - एक दुलारा देश हमारा प्यारा हिंदुस्तान रे...
लिखा।
कवि एवं लेखक और पूर्व सांसद बालकवि बैरागी का निधन 13 मई 2018 को उनके
गृह नगर मनासा में हो गया। वह 87 वर्ष के थे। उनके पुत्र गोरकी ने बताया कि दोपहर
में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह घर लौटे। इसके बाद वह आराम करने के लिए
अपने कमरे में चले गए। उन्होंने बताया कि नींद में ही उनका निधन हो गया।
बैरागी अपने जीवन के आखिरी दिनों में नीमच जिले के मनासा इलाके में
रहते थे। उनका जन्म मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की मनासा तहसील के रामपुरा गांव में
10 फरवरी
1931 को हुआ था। उनके जन्म का नाम नंदराम दास बैरागी था।
बालकवि बैरागी ने बॉलीवुड की फिल्मों के लिए 25 से
अधिक गीत लिखे, जिनमें से फिल्म रेशमा और शेरा का गीत ‘तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे’ शामिल है। इसे लता मंगेश्कर ने गाया था। यह राग मांड पर आधारित बहुत ही
सुमधुर गीत है। उन्होंने कई हिंदी कविताएं भी लिखीं, जिनमें
से ‘झर गए पात बिसर गए टहनी’ प्रसिद्ध
है। उन्होंने कई युवा गीतों की भी रचना की।
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे
बालकवि बैरागी वर्ष 1980 से 1984 तक मध्यप्रदेश के
मंत्री रहे और वर्ष 1984 से 1989 तक
लोकसभा के सदस्य रहे। वह बाद में राज्यसभा के सदस्य भी रहे। वे 1945 से कांग्रेस में सक्रिय रहे। 1967 में उन्होंने
विधानसभा चुनाव में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को शिकस्त दी थी। 1969
से 1972 तक पंडित श्यामाचरण शुक्ल के
मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री रहे। वे 1980 में मनासा से
दोबारा विधायक निर्वाचित हुए। अर्जुन सिंह की सरकार में भी वे मंत्री रहे। 1984
तक लोकसभा में रहे। 1995-96 में अखिल भारतीय
कांग्रेस कमेटी में संयुक्त सचिव रहे। 1998 में मध्य प्रदेश
से राज्यसभा में गए। 29 जून 2004 तक वे
निरंतर राज्यसभा सदस्य रहे। 2004 में उन्हें राजस्थान प्रदेश
कांग्रेस के आंतरिक संगठनात्मक चुनावों के लिए उन्हें चुनाव प्राधिकरण का अध्यक्ष
बनाया गया। 2008 से 2011 तक मध्य
प्रदेश कांग्रेस में उपाध्यक्ष रहे। मध्य प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति के अध्यक्ष
भी रहे हैं। वर्तमान में वे केंद्रीय हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य थे।
- श्रद्धांजलि
-
अनेक कविताएं रचकर लोगों के हृदय में बस जाने वाले प्रसिद्ध कवि, जन
सेवक श्रद्धेय बालकवि बैरागी जी का निधन प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से
दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।
- शिवराज
सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
बालकवि बैरागी संघर्षशील, व्यक्तित्व के धनी थे। वे अपनी कविताओं व लेखनी के
माध्यम से सदैव समाज में जागृति लाने का प्रयास करते थे। भावभीनी श्रद्धांजलि।
- कमलनाथ,
अध्यक्ष, मप्र कांग्रेस
बचपन से ही कविताएं लिखने लगे थे
बैरागी ने नन्ही उम्र से ही कविताएं लिखना शुरू कर दिया था। इसलिए
उन्हें बालकवि कहा जाने लगा। विक्रम विश्वविद्यालय से हिंदी में स्नातकोत्तर करने
वाले कवि बैरागी ने छात्र जीवन से ही राजनीति में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था।
1998 में बैरागी जी से वे
मुलाकातें
बैरागी बड़े ही सरल और सहज
स्वभाव के थे। साल 1998 में कुबेर टाइम्स मेंकार्यकरने के दौरान बैरागी जी से दो
बार मिलना हुआ। उनका एक साक्षात्कार प्रकाशित करने के सिलसिले में दिल्ली के
चाणक्यपुरी स्थित मध्य प्रदेश सदन में उनसे मुलाकात हुई। इस दौरान वहीं वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा से भी मुलाकात हुई। बाद में साक्षात्कार
प्रकाशित होने पर मैं उन्हें अखबार की प्रति पहुंचाने गया। इन मुलाकातों के दौरान
उनका आत्मीय व्यवहार मन पर अमिट छाप छोड़ गया।
- - विद्युत
प्रकाश मौर्य