Wednesday 24 October 2007

नैनो टेक्नोलाजी यानी जिंदगी हुई आसान

कल्पना कीजिए की कड़कड़ाती ठंड पड़ रही हो और एक आदमी पतला सा शर्ट पहने मस्ती मे घूम रहा हो। ऐसा आने वाले दिनों में संभव है। यह सब कुछ नैनो टेक्नोलाजी के बदौलात संभव है। इसकी बदौलत सिर्फ इलेक्ट्रानिक उपकरण ही नहीं बल्कि कई चीजों को छोटा करके जीवन को आसान बनाया जा सकता है। आजकल वैज्ञानिक हर क्षेत्र में चीजों को छोटा करने की कोशिश में लगे हुए हैं। 

अब हम टीवी के पिक्चर ट्यूब का ही उदाहरण लें। परंपरागत टीवी स्क्रीन पिक्चर ट्यूब के पीछे निकलती उसकी नली के कारण वजनी और बड़े होते हैं। अभी हाल में कुछ टीवी कंपनियों ने उसमें कुछ सुधार कर 30 फीसदी चौड़ाई कम कर दी है। पर टीएफटी स्क्रीन वाले एलसीडी और प्लाज्मा स्क्रीन ने तो टीवी की दुनिया ही बदल कर रख दी है। अब ऐसा टीवी सिर्फ तीन ईंच मोटा ही होता है। आप ऐसे टीवी को सुटकेस में पैक करके कहीं भी ले जा सकते हैं। वहीं अपने घर में आप ऐसे टीवी को कहीं भी दीवार पर स्थापित कर सकते हैं। यानी दीवार में कैलेंडर की तरह टीवी टंगा हुआ दिखाई देगा। ऐसा नैनो टैक्नोलाजी की बदौलत ही संभव हो सका है। ठीक इसी तरह कंप्यूटर का भी सबसे भारी भरकम भाग मानीटर में एलसीडी स्क्रीन के आ जाने के बाद कंप्यूटर का वजन कम हो गया है। अभी एलसीडी स्क्रीन थोड़े महंगे जरूर हैं पर उनकी कीमतें लगातार गिरती जा रही हैं।

अब इस नैनो टेक का कमाल जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई देने वाला है। आप कल्पना कर सकते हैं कि कड़कड़ाती ठंग में कोई व्यक्ति सिर्फ एक शर्ट पहने घूम रहा हो। वास्तव में उस शर्ट के उपर थीन फिल्म की ऐसी कोटिंग कर दी जाएगी जो हवा की आवाजाही तो रोकेगा ही साथ ही शरीर को उष्णता भी प्रदान करेगा। फिर शरीर पर भारी भरकरम स्वेटर डालने की कोई जरूरत नहीं रह जाएगी। यानी सरदी में कपड़ों का बोझ कम हो सकेगा। ऐसे शर्टों की दूसरी विशेषताएं भी होंगी। इन पर दाग धब्बे और खरोंचे भी नहीं लग सकेंगी। साथ ही क्रिज की भी कोई समस्या नहीं होगी। आपकी कलाई घड़ी या मोबाइल फोन पर थिन फिल्म की कोटिंग की जा सकती है जो उपकरणों के जीवन को बढ़ाएगा साथ ही उन्हें खरोंच लगने से भी बचाएगा।
नैनो टेक का इस्तेमाल सेना के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। सीमा पर पहाड़ी और बरफीली वादियों में सैनिकों को भारी भरकम कीट और कपड़े आदि लेकर रहना पड़ता है। कश्मीर की वादियों रहने वाले फौजियों का कीट 35 किलो का होता है। सेना में इस बात पर भी लगातार शोध चल रहे हैं कि फौजियों के सामानों का वजन कैसे कम किया जाए। अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन को इस बात का भरोसा का है कि 2015 तक बाजार में नैनो टेक्लनोलाजी प्रोडक्ट की बाढ़ आ चुकी होगी। लोग हर तरह की वस्तुओं में छोटी चीजें ढूंढते नजर आएंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार ड्रग डिलेवरी सिस्टम में भी इस तकनीक का योगदान होगा। ट्यूमर थेरेपी और कैंसर की दवाओं के निर्माण में भी नैनो टेक्नोलाजी अपना महत्वपूर्ण योगदान करेगी। इससे जहां कम दवाएं लेने से काम चल सकेगा वहीं कई तरह की बीमारियों के इलाज खर्च में भी कमी आने उम्मीद है। यानी नैनो टेक न सिर्फ आपके जीवन को आसान और सुगम बनाएगा बल्कि कई तरह के खर्चों को कम भी कर सकता है।
-माधवी रंजना madhavi.ranjana@gmail.com



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