बीमा कई निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों
के आने के बाद भी जीवन बीमा का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी क्षेत्र की
बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम को निजी क्षेत्र की कई कंपनियों से चुनौती मिल रही
है। इसके बावजूद एलआईसी का कारोबार बढ़ रहा है। कुछ साल पहले यह आशंका जताई जा रही
थी कि निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के आने के बाद सरकारी एलआईसी के कारोबार में
कमी आ सकती है। पर ऐसा नहीं हुआ। कुल बीमा कारोबार में जरूर निजी क्षेत्र की
कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली है। पर भारतीय जीवन बीमा निगम का कारोबार भी
हर साल बढ़ रहा है।
लोगों में आई जागरुकता - आज बीमा सेक्टर में कुल 13 कंपनियां हैं जो
जीवन बीमा की पालिसियां बेच रही हैं। पर पिछले कुछ सालो में लोगो में आई जागरुकता के
कारण सभी कंपनियों का कारोबार बढ़ा है। अब लोग बीमा सिर्फ सुरक्षा के लिए ही नहीं
बल्कि बचत के लिहाज से भी करवा रहे हैं। देश में ऐसे एक लाख लोग हैं जिन्होंने एक
करोड़ रुपए से ज्यादा की बीमा पालिसी खरीदी है। वहीं एक करोड़ से ज्यादा की बीमा
पालिसी खरीदने वालों की संख्या हर साल पांच हजार या उससे ज्यादा है। अपेक्षाकृत कम
आय वर्ग के लोगों का रुझान भी अब बीमा के क्षेत्र में बढ़ा है। लोग अपने परिवार के
सभी सदस्यों के नाम अलग अलग बीमा करवाने में भी विश्वास रखने लगे हैं।
कई कंपनियों में प्रतिस्पर्धा- बीमा के क्षेत्र में कई कंपनियां आ जाने
के कारण कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। अब कंपनियों के एजेंट घर घर जाने लगे
है। वे अपनी बीमा कंपनी द्वारा दिए जा रहे प्लान को बेहतर ढंग से समझाने की कोशिश करते
हैं। आज हर बीमा कंपनी के पास आपकी जरूरतों के हिसाब से अलग अलग तरह का प्लान है। कामकाजी
महिलाओं के लिए , बच्चों के लिए या ऐसे लोग जिनकी आमदनी अनियमित अलग अलग तरह के प्लान डिजाइन
किए गए हैं। कुछ कंपनियों ने यूनिट लिंक्ड बीमा पालिसियां पेश की हैं जिसके तहत
आपका बीमा मे जमा कराया हुआ रुपया शेयर बाजार में जाकर तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई
देता है।
अगर हम सिर्फ भारतीय जीवन बीमा निगम
को ही देखें जो कि सरकारी कंपनी है तो हम यह पाएंगे कि भले ही बाजार में उसका कुल शेयर
घट रहा हो फिर भी उसका कारोबार बढ़ रहा है। पिछले साल जहां उसने कुल 2.39 करोड़ पालिसियां बेचीं
थीं वहीं 2005-06 वित्तीय वर्ष में उसने कुल 3.17 करोड़ पालिसियां बेचीं। यानी बाजार में कई निजी क्षेत्र के खिलाड़ी आने के
बाद भी सरकारी कंपनी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। इसका बड़ा कारण है निजी
क्षेत्र की कंपनियां जहां अभी शहरी क्षेत्र में ही सिमटी हुई हैं वहीं एलआईसी का
नेटवर्क गांव गांव तक पहुंच चुका है। इसके साथ ही एलआईसी ने अपने देश भर के
दफ्तरों को नेटवर्क से जोड़ दिया है। अब आप पालिसी कहीं भी जमा कर सकते हैं।
निजी क्षेत्र में आईसीआईसीआई प्रू और
बिरला सनलाइफ अच्छा कारोबार कर रहे हैं। वहीं एसबीआई लाइफ, मैक्स न्यूयार्क,
टाटा एआईजी, अवीवा, चोलामंडलम,
एचडीएफसी स्डैंटर्ड लाइफ भी तेजी से अपना कारोबार बढ़ा रहे हैं। पर
इनकी नजर ज्यादातर बड़े ग्राहकों पर है। अब कई बैंक भी कारपोरेट एजेंट बन कर बीमा के
कारोबार मे घुस गए हैं।
-विद्युत प्रकाश vidyutp@gmail.com
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