बहुत अच्छी खबर है देश में
कुल फोन के उपभोक्ता दिसंबर 2005 में बढ़कर साढ़े बारह करोड़ हो गए हैं। अकेले
दिसंबर में मोबाइल फोन के 38लाख नए ग्राहक बने हैं। मोबाइल फोन
के तेजी से बढ़ते ग्राह के पीछे कई कारण हो सकते हैं। मोबाइल फोन का सस्ता होना। काल
दरों का घटना। दो साल तीन साल या लाइफ टाइम फ्री इनकमिंग काल्स वाले पैकेज देना।
अपने साथी की मोबाइल के कारण बढ़ते बिजनेस और लोक व्यवहार के कारण भी लोग मोबाइल
फोन ले रहे हैं। अगर आबादी के हिसाब से फोन के घनत्व की बात करें तो अभी भी हमारा
देश चीन ने बहुत पीछे है। अभी हमारे यहां प्रति 10 व्यक्ति
पर एक फोन का औसत आ चुका है। इस हिसाब से अभी आने वाले तीन-चार
सालों में मोबाइल फोन के ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस बढ़ती संख्या से मोबाइल आपरेटर बहुत खुश हैं। पर फोन के बढ़ते घनत्व के साथ
क्या उपभोक्ताओं को सर्विस प्रोवाइडर द्वारा अच्छी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। हाल
में इस संबंध में कराए गए एक सर्वे के परिणाम बड़े निराशाजनक हैं।
देश में सीडीएमए और जीएसएम
तकनीक मिलाकर
11 मोबाइल आपरेटर हैं। इनमें से आधे से अधिक की सेवाओं से लोग खुश
नहीं हैं। एक साल पहले तक दिल्ली और मुंबई के सरकारी आपरेटर एमटीएनएल की मोबाइल
सेवाओं से उपभोक्ता काफी परेशान रहते थे। हालांकि 2005 में एमटीएनएल
की मोबाइल सेवा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पर अच्छी सेवा नहीं देने के कारण एमटीएनएल
के काफी ग्राहक टूटे भी थे।
हैंडसेट अपग्रेडेशन नहीं
ठीक इसी तरह काफी लोग
सीडीएमए तकनीक पर आधारित सेवा देने वाले आपरेटर की सेवाओं से लोग परेशान दीखे। इस
सेवा में दिक्कत यह है कि अगर उपभोक्ता अपने आपरेटर की सेवा से खुश नहीं है तो भी
आसानी से अपना कनेक्शन बदलकर किसी और कंपनी की ओर नहीं जा सकता। क्योंकि इसके
हैंडसेट कंपनी की ओर से ही दिए जाते हैं। हालांकि इस विषय पर कोशिश की जा रही है
कि सीडीएमए तकनीक में भी उपभोक्ता को हैंडसेट बदलने व कंपनी बदलने की आजादी मिले।
जीएसएम तकनीक का उपभोक्ता अपना हैंडसेट आसानी से सेकेंड हैंड मार्केट में बेचकर
कोई नया हैंडसेट ले लेता है। पर सीडीएमए में ऐसा संभव नहीं हो पाता।
एसएमएस से परेशानी
हालांकि एएसएमस सेवा
टेलीग्राम का आधुनिक रुप है। मोबाइल कंपनियां आजकल एसएमएस से करोड़ों की कमाई कर
रही हैं। पर कोई भी कंपनी इस बात की गारंटी नहीं लेती कि आपका भेजा हुआ एसएमएस मिल
गया नहीं। जबकि एसएमएस भेजे जाते समय ही कंपनियां इसका शुल्क काट लेती हैं। दीवाली, नए साल और
अन्य पर्व त्योहारों पर कंपनियों की एसएमएस से कमाई बढ़ जाती है। पर आपके भेजे हुए
कई एसएमएस लोगों को दो दिन बाद मिलते हैं या फिर नहीं भी मिलते हैं।
इसके अलावा उपभोक्ताओं को
बिलिंग और कस्टमर केयर से काफी शिकायते हैं। समय पर बिल नहीं मिलना। बिल का जमा कर
देने के बाद भी शो नहीं होना। उपभोक्ता को सही जानकारी नहीं दिया जाना। कस्टमर
केयर में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी शिकायत दूर नहीं होने जैसी अनेक बातें हैं
जिसे मोबाइल कंपनियों को ठीक करना होगा।
-माधवी रंजना, madhavi.ranjana@gmail.com