Sunday 16 November 2014

अावारा नहीं होते कुत्ते ( व्यंग्य)

मुझे उन लोगों से सख्त शिकायत है जो कुत्तों को आवारा कहते हैं। दरअसलकुत्तों को आवारा कहना बिल्कुल ठीक नहीं है। वास्तव में आवारा तो आदमी हुआ करते हैं। कुत्ता तो स्वच्छंद रहना पसंद कर सकता है पर आवारा कहलाना बिल्कुल उसे पसंद नहीं। एक खबर के मुताबिक बीकानेर में सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। हमें बीकानेर वासियों का शुक्रगुजार होना चाहिए तो कुत्तों को बांध कर रखना पसंद नहीं करते। उन्होंने कुत्तों को आजादी बख्शी है। उनका इंसानों जैसा ही सम्मान किया है। ठीक उसी तरह जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जान केरी एडवर्ड्स ने अपना चुनाव चिन्ह गधा बना कर गधे को सम्मान बख्शा है। गधे को इतना सम्मान मिलने से प्रख्यात लेखक कृश्न चंदर की आत्मा तृप्त हुई होगीजिन्होंने गधे पर कई किताबें लिखी हैं। वे गधे की मन की बातें भी समझ लेते थे। ठीक इसी तरह हमें कुत्ते के मन की बातें भी समझने की कोशिश करनी चाहिए। अगर हम बहुत गंभीरता से सोचें तो इस सृष्टि में कुत्ता आदमी का सबसे बड़ा और सबसे करीबी दोस्त जीव है। एक ऐसा दोस्त जो हर कदम पर साथ निभाता हैफिर भी हम उसे दुत्कारते हैं।

जीवन में बार बार आदमी धोखा दे जाए पर कुत्ते कभी धोखा नहीं देते। उनकी डिक्शनरी में धोखेबाज जैसा शब्द ही नहीं है। वे रिश्ते को निभाना जानते हैं। साथ ही कुत्ते चरित्रवान भी होते हैं। आदमी एक बीबी के रहने इधर उधर मुंह मारने की कोशिश में लगा रहता है। पर कुत्ता तो हमेशा ही फ्री लांसर होता है। वह किसी एक के साथ बंधकर रहने में आस्था ही नहीं रखता। बिल्कुल उस पत्रकार की तरह जो कहीं नौकरी नहीं करता। बल्कि एसाइनमेंट लेकर एक ही समय में अलग अलग संस्थानों को अपनी सेवाएं देता है।

मेरी समझ से कुत्ते को आवारा कहना एक तरह से संपूर्ण कुत्ता कौम को गाली देना है। जैसे किसी संतान के अवैध होने के लिए पूरी तरह से उसके मां और बाप ही दोषी होते हैं इसी तरह कुत्ते के आवारा होने में आदमी ही दोषी होता है। आप कुत्ते को बांध कर न रखें पर उसके साथ आदमी जैसा बरताव करेंफिर देंखे वह आपकी हर बात मानेगा।

हम कुत्ते की तारीफ में न जाने कितने ही सफे लिख सकते हैं। शास्त्रों में लिखा है कि छात्रों को कुत्ते की तरह नींद लेनी चाहिए। यानी की हमेशा सजग और चौकस रहना चाहिए। कुत्ता आदमी से ज्यादा वफादार चौकीदार होता है। वह आपके घर की रखवाली बिना वेतन के करता है। उन सुंदरियों से हाले दिल पूछिए जिनको प्यार में धोखा मिलता है। वे अपना सारा प्रेम पालतू कुत्तों पर न्योछावर कर देती हैं। कार में कुत्ते लेकर घूमती हैं। फाइव स्टार की महंगी पार्टियों में भी उनका कुत्ता हमेशा उनके साथ ही रहता है। कुत्ते को हमेशा आगोश में लिए रहती हैं। क्योंकि उन्हें भले पुराना प्रेमी धोखा दे चुका हो लेकिन कुत्ते से धोखा मिलने की कोई गुंजाइस नहीं रहती।

इसलिए आप एक बारगी कुत्ते को दुत्कार दें यहां तक तो ठीक है। पर आप किसी कुत्ते को आवारा हरगिज न कहें। खासकर जानवर प्रेमी संस्थाओं को इस मामले में अभियान चलाना चाहिए। कुत्तों के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष करना चाहिए। हर घर में हर आदमी को कुत्ता पालने का अभियान चलाना चाहिए। इससे समाज में विचरण करने वाले तथाकथित आवारा कुत्ते खत्म हो जाएंगे। साथी ही आदमी और कुत्ते की दोस्ती और मजबूत हो जाएगी।
- विद्युत प्रकाश मौर्य
( DOG, SATIRE ) 


1 comment:

Anonymous said...

बहुत सुन्दर लेख, सादर प्रणाम 👏