Sunday 11 February 2018

मेरी मां ( कविता )


बातें उसकी माखन मिश्री
स्पर्श उसका चंदन है
जिंदगी तुझपे वार दूं
चरणों में तेरे वंदन है
मेरी पूजा मेरी मां.....

शाम का संगीत है
रात की वो लोरी है
नेह की नदिया है
दूध की कटोरी है
शहद सी मीठी मेरी मां.....

गरमी की शीतल छांव है
अमराई की वो गांव है
सरदी की सुनहरी धूप है
अनगिनत उसके रूप हैं।
अनूठी अलबेली मेरी मां।


-         ----  विद्युत प्रकाश मौर्य
-         08 मई 2013

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